भरतपुर. नगर पंचायत समिति क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां लोगों को कीचड़ युक्त पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने पर मजबूर होने पड़ रहा है. वहीं पशुओं के लिए भी पानी नसीब नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं. बूंद-बूंद पानी के लिए तपती दोपहरी में ग्रामीण दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो रहे है. यहां गांव के लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकने के साथ ही कीचड़ जैसा गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
पोखर में बनाए छोटे-छोटे कुएं
नगर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत गंगावक के गांव रविदास पुरा में लोगों ने गांव की पोखर में छोट-छोटे कुएं बनाकर पीने के पानी का इंतजाम कर रखा है लेकिन इन कुओं से एक मटका पानी भरने में लगभग एक घंटे से भी अधिक समय लग जाता है. महिलाओ को पानी लाने के लिए रात भर जागना पड़ता है.
छानकर पीना पड़ता है पानी
रविदासपुरा के लोगों को कुएं से पानी निकालने के बाद उसको छानकर पीने के साथ ही नहाने धोने के लिए भी छान कर ही काम में लेना पड़ रहा है. यहां के लोगों के सामने पशुओं के पानी के लिए भी संकट बना हुआ है.
सरकारी इंतजाम नदारद
रविदास पुरा में एक हजार लोगों की आबादी होने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए. हालांकि राज्य सरकार द्वारा गांव में एक आरओ प्लांट लगाया लेकिन यह आरओ प्लांट अधिकांश समय खराब ही रहता है. आरओ प्लांट पर कार्यरत कर्मचारी को करीब आठ महीने से वेतन नहीं मिलने से रोजी रोटी का संकट बना हुआ है.
विधायक से जनसुनवाई में भी ग्रामीणों ने की शिकायत
नगर कस्बे के डांक बंगला पर विधायक वाजिब अली ने के जनसुनवाई के दौरान रविदासपुरा के ग्रामीणों ने गांव में पेयजल किल्लत की शिकायत करते हुए कहा कि जलदाय विभाग की ओर से कोई पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है और ना ही प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था की है, ऐसे में ग्रामीणों को पोखर में कुइया खोदकर के गन्दा पानी पीना पड़ रहा है.