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किसान आत्महत्या मामला : पायलट को जानकारी है कि किसान पर कर्ज नहीं था...लेकिन परिजन तो कुछ और कह रहे हैं - Sachin Pilot

डिप्टी सीएम के मुताबिक आत्महत्या करने वाले किसान पर कर्ज नहीं था. लेकिन उनके इस बात को मृतक किसान की बेटी झूठा साबित कर रही है. उसके मुताबिक उसके पिताजी पर कर्ज था जिसकी वजह से वो काफी परेशान रहते थे.

पायलट को जानकारी है कि किसान पर कर्ज नहीं था...लेकिन परिजन तो कुछ और कह रहे हैं
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Published : Jun 26, 2019, 7:33 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले के रायसिंहनगर में ठाकरी गांव के किसान खुदकुशी मामले को ईटीवी भारत की ओर से उठाए जाने के बाद इस पर मामले में सीएम और डिप्टी सीएम का बयान सामने आया. डिप्टी सीएम के मुताबिक आत्महत्या करने वाले किसान पर कर्ज नहीं था. लेकिन उनके इस बात को मृतक किसान की बेटी झूठा साबित कर रही है. उसके मुताबिक उसके पिताजी पर कर्ज था जिसकी वजह से वो काफी परेशान रहते थे.

वहीं मृतक सोहनलाल के भाई कृष्णलाल ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरी से घर का गुजारा चल रहा था. मृतक किसान सोहनलाल की पत्नी नरेगा में भी काम करती थी. घर में कोई और कमाने वाला नहीं है. मां के बीमार रहने के कारण इलाज में भी पैसे काफी खर्च हो रहे थे. जिससे भाई सोहनलाल परेशान था.

पायलट को जानकारी है कि किसान पर कर्ज नहीं था...लेकिन परिजन तो कुछ और कह रहे हैं

उधर किसान के कर्ज से परेशान होकर सुसाइड करने का मामला भी मंगलवार को मामला संसद में गूंजा. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में मामला उठाया. उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए राज्य में कर्ज माफी करने और मुख्यमंत्री के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है. इससे पहले सोमवार को सांसद निहालचंद मेघवाल ने भी मामला लोकसभा अध्यक्ष के सामने उठाया था और किसानो का कर्ज माफ़ करने की मांग की थी. अब देखना होगा कि मृतक किसान सोहन लाल को इंसाफ मिलता है या नहीं साथ ही बाकी किसान जो कर्ज से परेशान हैं उनकी माफी होती है या नहीं.

श्रीगंगानगर. जिले के रायसिंहनगर में ठाकरी गांव के किसान खुदकुशी मामले को ईटीवी भारत की ओर से उठाए जाने के बाद इस पर मामले में सीएम और डिप्टी सीएम का बयान सामने आया. डिप्टी सीएम के मुताबिक आत्महत्या करने वाले किसान पर कर्ज नहीं था. लेकिन उनके इस बात को मृतक किसान की बेटी झूठा साबित कर रही है. उसके मुताबिक उसके पिताजी पर कर्ज था जिसकी वजह से वो काफी परेशान रहते थे.

वहीं मृतक सोहनलाल के भाई कृष्णलाल ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरी से घर का गुजारा चल रहा था. मृतक किसान सोहनलाल की पत्नी नरेगा में भी काम करती थी. घर में कोई और कमाने वाला नहीं है. मां के बीमार रहने के कारण इलाज में भी पैसे काफी खर्च हो रहे थे. जिससे भाई सोहनलाल परेशान था.

पायलट को जानकारी है कि किसान पर कर्ज नहीं था...लेकिन परिजन तो कुछ और कह रहे हैं

उधर किसान के कर्ज से परेशान होकर सुसाइड करने का मामला भी मंगलवार को मामला संसद में गूंजा. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में मामला उठाया. उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए राज्य में कर्ज माफी करने और मुख्यमंत्री के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है. इससे पहले सोमवार को सांसद निहालचंद मेघवाल ने भी मामला लोकसभा अध्यक्ष के सामने उठाया था और किसानो का कर्ज माफ़ करने की मांग की थी. अब देखना होगा कि मृतक किसान सोहन लाल को इंसाफ मिलता है या नहीं साथ ही बाकी किसान जो कर्ज से परेशान हैं उनकी माफी होती है या नहीं.

Intro:एंकर : श्रीगंगानगर जिले में रायसिंहनगर के ठाकरी गांव के किसान सोहनलाल द्वारा कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने का मामला अब उलझता जा रहा है.कर्ज से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या करने के बाद गहलोत सरकार कटघेरे में होने से अब जिला प्रशासन व पुलिस मामले पर पर्दा डालने की फिराक में है.उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट द्वारा किसान सोहनलाल पर कर्ज नहीं होने के दावे के बाद मामला तब और गहरा गया जब बैंक अधिकारियो व मृतक सोहनलाल के परिजनों ने कर्ज होने की बात कह दी थी.Body:सोहनलाल की पुत्री मीनाक्षी मेघवाल ने जो आरोप लगाए है उससे तो पता चलता है की किसान को कर्ज चुकाने के लिए बैंक की तरफ से लगातार परेशान किया जा रहा था.सोहनलाल की पुत्री मीनाक्षी की माने तो उसके पापा पर बैंक की तरफ से दबाव था.उसके पिता को लगातार घर आकर कर्जा चुकाने की बात कहने का दबाव बनाया जा रहा था.जिसके चलते उसके पिता सोहन लाल काफी दिनों से बहुत ज्यादा परेशान थे और परेशान होकर यह कदम उठाया। मीनाक्षी मेघवाल रुंधे गले से कहती है की उसके पापा के जाने के बाद अब घर का गुजारा कैसे चलेगा कुछ समझ नहीं आ रहा.वहीँ कर्ज नहीं होने की बात को इंकार करते हुए मृतक किसान सोहनलाल के भाई कृष्णलाल कहते है की एक बैंक से कर्ज एक लाख 24 हजार रूपये था तो वहीँ दूसरी बैंक से कर्ज माता व सोहनलाल के नाम से संयुक्त खाते में एक लाख 23 हजार का कर्ज था.कृष्णलाल ने बताया की दिहाड़ी मजदूरी से घर का गुजारा चल रहा था.वहीँ मृतक किसान सोहनलाल की पत्नी नरेगा में भी काम करती थी,जिससे घर का गुजारा चलता था.घर में कोई और कमाने वाला है नहीं माँ बीमार रहने के कारण ईलाज में भी पैसे काफी खर्च हो रहे थे जिससे भाई सोहनलाल परेशान था.कृष्णलाल ने बताया की जमीन बिरानी होने के कारण फसल नहीं हो रही थी और बैंक का कर्ज बढ़ता जा रहा था.बैंक कर्ज बढ़ने से बैंक द्वारा सोहनलाल के पास कई बार फोन भी आये और बैंक कर्मचारी खुद घर पर आकर भी कर्ज देने की जिससे सोहनलाल परेशान रहने लगा.वहीँ मृतक सोहनलाल के भाई कृष्णलाल की माने तो उपमुख्यमंत्री द्वारा कर्ज नहीं होने की बात गलत है.सोहनलाल पर कर्ज था इसी परेशानी से वह तनाव में था क्योकिं सरकार ने कर्ज माफ़ी का जो वायदा किया वह पूरा नहीं हुआ.उधर किसान के कर्ज से परेशान होकर सुसाइड करने का मामला भी मंगलवार को मामला संसद में गूंजा। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में मामला उठाया।उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए राज्य में कर्ज माफी करने और मुख्यमंत्री के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है.इससे पहले सोमवार को सांसद निहालचंद मेघवाल ने भी मामला लोकसभा अध्यक्ष के सामने उठाया था और किसानो का कर्ज माफ़ करने की मांग की थी.

बाइट : मीनाक्षी मेघवाल,पुत्री,मृतक किसान सोहानलाल
बाइट : कृष्णलाल मेघवाल,भाई
विजुअल फाइल : Conclusion:कर्ज से परेशान किसान की मौत के बाद घिरी सरकार।
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