जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन कर किया है. लेकिन, प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर जारी इस आदेश में भारी प्रोटोकॉल का उल्लघंन किया गया. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के मंत्री को अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सह अध्यक्ष बना दिया गया. आदेश जैसे ही सामने आया तो प्रोटोकॉल उल्लंघन का विवाद छिड़ गया, विवाद के बीच फिर से संशोधित आदेश जारी करने की फाइल दौड़ने लगी है.
प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक दिन पहले सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन कर दिया है , लेकिन समिति का गठन होने के साथ ही प्रोटोकॉल को लेकर विवाद गहरा गया. अब विवाद के बीच आदेश को संशोधित करने की फाइल दौड़ पड़ी है. कमेटी प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित जिलों के चिन्हित ग्रामों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्रीय ओर राज्य संचालित योजनाओं को लागू करने और उनके पर्यवेक्षक मार्ग दर्शन और निगरानी के लिए प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी.
योजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सलाह और मार्ग दर्शन प्रदान करने के लिए प्रत्येक तिमाही में एक बार परंतु वर्ष में कम से कम दो बार बैठकों का आयोजन भी करेगी. समिति का कार्यकाल स्थायी होगा समिति का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग होगा. समिति का आयोजन पंचायती राज, महिला एंव बाल विकास, शिक्षा, चिकित्सा, जन स्वास्थ्य एंव अभ्यंयत्रिकी, गृह, सार्वजनिक निर्माण, जल संसाधन, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव सदस्य होंगे, इसके अलावा राज्य स्तर तकनीकी संसाधन सहायता संस्था का प्रधान, राज्य अनुसूचित जाति आयोग का प्रतिनिधि, राज्य में दूर संचार विभाग का प्रतिनिधि, जाति कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत कम से कम 6 विशेषयों और सामाजिक कार्यकताओं राज्य संयोजक बैंक प्रतिनिधि, प्रशासनिक सुधार विभाग आदेश के अनुसार सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अध्यक्ष और ग्रामीण विकास एंव पंचायती राज मंत्री सह अधयक्ष बनाए गए. लेकिन, डिप्टी सीएम को सह अध्यक्ष बनाने पर ये सवाल खड़े हो गए कि आखिर डिप्टी सीएम कैसे एक मंत्री के साथ सह अध्यक्ष बनाया गया. मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक विभाग गलती सुधारने में लग गया है.