भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के अनुसार इस संबंध में ना तो विष्णु लाटा ने पार्टी के अनुशासन समिति में कोई आवेदन किया है और ना ही इस प्रकरण के बाद पार्टी से माफी मांगी है. ऐसे में पार्टी के समक्ष इस संबंध का कोई भी प्रस्ताव विचारार्थ नहीं है. सैनी के अनुसार विष्णु लाटा भले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले हो या फिर विष्णु लाटा से भाजपा पार्षद या अन्य नेता मिलते हो लेकिन पार्टी ने जिसे निष्कासित कर दिया उसे पार्टी में वापस लेने की एक प्रक्रिया होती है और विष्णु लाटा के संबंध में इस तरह की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही.
मदन लाल सैनी के अनुसार महापौर के नाते विष्णु लाटा ने पूर्व मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की होगी. जिसका विष्णु लाटा की भाजपा में वापसी से कोई लेना देना नहीं है. गौरतलब है कि पिछले दिनों भाजपा से निष्कासित जयपुर महापौर विष्णु लाटा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके निवास में जाकर मुलाकात की थी. वहीं विष्णु लाटा के बीमार पड़ने पर पूर्व महापौर और सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने भी अस्पताल पहुंचकर विष्णु लाटा की कुशल क्षेम पूछी थी. जिसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव से पहले विष्णु लाटा की भाजपा में वापसी हो सकती है.