झुंझुनूं. सुमित्रा सिंह सिंह ने कहाकि शीशराम ओला ने इसके बाद उस रेपिस्ट का फॉर्म जानबूझकर रिजेक्ट करवा दिया और अपने बेटे बृजेंद्र ओला को चुनाव लड़वाया इसलिए भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चली गई थी. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले सुमित्रा सिंह ने भाजपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस के साथ आ गई थी.
भाजपा भी है झूठी पार्टी
जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सुमित्रा सिंह ने कहा कि भाजपा भी झूठी पार्टी है और दो बार से झुंझुनू विधानसभा के लिए पैसे लेकर टिकट दे रही है. इससे नाराज होकर ही वे वापस कांग्रेस में लौट कर आई थी. भाजपा केवल झूठी पार्टी ही नहीं बल्कि जुमले भी फेंकती है.
ओला से रही है लंबी अदावत
शीशराम ओला से सुमित्रा सिंह की झुंझुनूं की राजनीति में लंबी अदावत रही है. सुमित्रा सिंह ने जब तक झुंझुनूं विधानसभा से चुनाव लड़ा तब तक शीश राम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला कभी विधायक का चुनाव नहीं जीत पाए. इसके बाद सुमित्रा सिंह झुंझुनू विधानसभा छोड़कर 2008 मे मंडावा चली गई और बृजेंद्र ओला पहली बार विधायक बने थे. मंडावा में उनकी जमानत जप्त हो गई थी तो वह 2013 के चुनाव में वापस झुंझुनू से निर्दलीय चुनाव लड़ी. लेकिन उसके बाद जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और वापस बृजेंद्र ओला विधायक बने. राजनीतिक हलकों में कहा जाता है की झुंझुनू से मुंडावर भेजने में शीशराम ओला की ही भूमिका थी और उसके साथ ही सुमित्रा सिंह का राजनीतिक कैरियर खत्म हो गया था.