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बूंदी में पेंशनर्स को मिलने वाली दवाओं का टोटा

बूंदी जिला अस्पताल के उपभोक्ता भंडारों पर पेंशनर्स को मिलने वाली दवाओं का टोटा चल रहा है. इनमें शुगर, बीपी, हार्ट दर्द जैसी दवा और इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. करीब 1 सप्ताह से पेंशनभोक्ता भंडारों के चक्कर काट रहे हैं ओर ना मिलने पर महंगे दामों से बाजार दवा खरीदना पड़ रहा हैं. जिले में करीब 6000 पेंशनर्स है जिन्हें इन दवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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Published : Apr 20, 2019, 2:35 PM IST

बूंदी. नि:शुल्क दवाओं के अभाव से बूंदी जिला अस्पताल जुझ रहा है.पिछले एक हफ्ते मे पेंशनरर्स अस्पतान के चक्कर काट रहे है. पेंशनर्स का कहना है कि उपभोक्ता भंडारों में बीपी, शुगर की गोली नहीं मिल रही है. वहीं जिले की बात की जाए तो जिले में चिकित्स पेंशनरों को दवा तो लिख देते हैं लेकिन वह भंडार पर नहीं मिल रही है. गौरतलब है की बुजुर्ग अवस्था में बीपी, शुगर की बीमारियां आम है. लेकिन इनकी दवाएं अभी उपलब्ध नहीं है.

बूंदी में पेंशनर्स को मिलने वाली दवाओं का टोटा

उपभोक्ता भंडारों में करीब 70 से 80 प्रकार की दवाई खत्म हो चुकी है । जिनमें ऑल मिसार, ड्राईटोर, कैलेप्टिन, एसोमैक्स 80, जोवल M2, ऑल मेट 40, ट्राईका, नोसार 50, मेट एक्शन, थायरानॉर्म, कोर बीच, मैक्स वास, ईटामेंस अन्य शामिल है. वही हुमन मिस्टार्ट, लैंटस सहित कई इंजेक्शन इन दुकानों पर नहीं मिल पा रहे हैं .
सूत्रों की मानें तो राजस्थान सरकार द्वारा समय पर दवा के लिए बजट भी जारी किया है. लेकिन बूंदी कोषा कार्यालय में इन दवाओं के बिलों को पास नहीं किया जा रहा है.
ज्यादातर महत्वरपूर्ण दवाएं दुकान पर उपलब्ध नहीं है. सरकार की पेंशनर्स नि:शुल्क दवा योजना पर बड़ा सवाल बना हुआ है. अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार व जिला प्रशासन कब पेंशनर की पीड़ा को सुनेगा और कब बूंदी के इन भंडारों पर दवा उपलब्ध होगी.

बूंदी. नि:शुल्क दवाओं के अभाव से बूंदी जिला अस्पताल जुझ रहा है.पिछले एक हफ्ते मे पेंशनरर्स अस्पतान के चक्कर काट रहे है. पेंशनर्स का कहना है कि उपभोक्ता भंडारों में बीपी, शुगर की गोली नहीं मिल रही है. वहीं जिले की बात की जाए तो जिले में चिकित्स पेंशनरों को दवा तो लिख देते हैं लेकिन वह भंडार पर नहीं मिल रही है. गौरतलब है की बुजुर्ग अवस्था में बीपी, शुगर की बीमारियां आम है. लेकिन इनकी दवाएं अभी उपलब्ध नहीं है.

बूंदी में पेंशनर्स को मिलने वाली दवाओं का टोटा

उपभोक्ता भंडारों में करीब 70 से 80 प्रकार की दवाई खत्म हो चुकी है । जिनमें ऑल मिसार, ड्राईटोर, कैलेप्टिन, एसोमैक्स 80, जोवल M2, ऑल मेट 40, ट्राईका, नोसार 50, मेट एक्शन, थायरानॉर्म, कोर बीच, मैक्स वास, ईटामेंस अन्य शामिल है. वही हुमन मिस्टार्ट, लैंटस सहित कई इंजेक्शन इन दुकानों पर नहीं मिल पा रहे हैं .
सूत्रों की मानें तो राजस्थान सरकार द्वारा समय पर दवा के लिए बजट भी जारी किया है. लेकिन बूंदी कोषा कार्यालय में इन दवाओं के बिलों को पास नहीं किया जा रहा है.
ज्यादातर महत्वरपूर्ण दवाएं दुकान पर उपलब्ध नहीं है. सरकार की पेंशनर्स नि:शुल्क दवा योजना पर बड़ा सवाल बना हुआ है. अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार व जिला प्रशासन कब पेंशनर की पीड़ा को सुनेगा और कब बूंदी के इन भंडारों पर दवा उपलब्ध होगी.

Intro:बूंदी जिला अस्पताल के उपभोक्ता भंडारों पर पेंशनर्स को मिलने वाली दवाओं का टोटा चल रहा है इनमें शुगर ,बीपी ,हॉट दर्द जैसी दवा और इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं . ..ज्यादातर पेंशनर को इनकी जरूरत पड़ रही है करीब 1 सप्ताह से पेंशनभोक्ता भंडारों के चक्कर काट रहे हैं या फिर महंगे दामों से बाजार में खरीद रहे हैं... बूंदी में दो जगह के अलावा केशोरायपाटन , कापरेन , लाखेरी नैनवा ,हिंडोली में उपभोक्ता भंडार है । जिले में करीब 6000 पेंशनर्स है जिन्हें इन दवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।


Body:उपभोक्ता भंडारों में करीब 70 से 80 प्रकार की दवाई खत्म हो चुकी है । जिनमें ऑल मिसार , ड्राईटोर , कैलेप्टिन ,एसोमैक्स 80 , जोवल M2, ऑल मेट 40 , ट्राईका , नोसार 50 ,मेट एक्शन ,थायरानॉर्म , कोर बीच , मैक्स वास , ईटामेंस अन्य शामिल है , वही हुमन मिस्टार्ट ,लैंटस सहित कई इंजेक्शन इन दुकानों पर नहीं मिल पा रहे हैं ।

पेंशनर्स का कहना है कि उपभोक्ता भंडारों में बीपी की गोली नहीं मिल रही है सवाल पूछने पर आजकल का नाम लेकर हम टला जा रहा है हम काफी बुजुर्ग हैं ऐसे में कितने दुकानदारों के चक्कर लगाए । कलेक्टर से भी कई बार शिकायत कर दी पीएमओ शिकायत कर दी । यहां तक कि उच्च अधिकारियों को भी मामले से अवगत करवा दिया लेकिन सुनवाई नहीं हो पा रही है । वहीं जिले की बात की जाए तो जिले में चिकित्स पेंशनरों को दवा तो लिख देते हैं लेकिन वह भंडार पर नहीं मिल रही है। ऐसे में हम शिकायत कर करके थक चुके हैं

आपको बता दें कि बुजुर्गअवस्था में बीपी , शुगर की बीमारियां बुजुर्गों को होती है लेकिन यह दवाएं अभी नहीं मिल पा रही है । जो कि दवा महत्त्वपूर्ण हैं


Conclusion:सूत्रों की मानें तो राजस्थान सरकार द्वारा समय पर दवा के लिए बजट भी जारी किया जा रहा है । लेकिन बूंदी कोषा कार्यालय में इन दवाओं के बिलों को पास नहीं किया जा रहा। इसके चलते मेडिकल पर जिन दवाओं का पैसा पास हो रहा है उन दवाओं उपभोक्ता भंडार पर लाया जा रहा है बाकी अन्य का स्टॉक नहीं आ पा रहा है । वही बात की जाए तो सबसे ज्यादा आवश्यकता बीपी ,शुगर व हार्ट पेशेंट को हो रही है होती है।

लेकिन अब बूंदी के इन स्टोरों पर वह मिली नहीं रहे तो ऐसे में सरकार की पेंशनर को दी जाने वाली योजना किस काम कि यह बड़ा सवाल बना हुआ है। अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार व जिला प्रशासन कब इस पेंशनर की पीड़ा को सुनेगा और कब बूंदी के इन भंडारों पर दवा उपलब्ध करवा पाएगा ।

बाईट - नवरत्न , उपभोक्ता
बाईट - विजय सिंह , मरीज
बाईट - विशाल कुमार , मरीज
बाईट - प्रभुलाल , मरीज

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