जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के लोक प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अशोक सिंह की नियुक्ति की 20 और 21 मार्च 2018 के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने यूनिवर्सिटी को कहा है कि वह नियमों के अनुसार लोक प्रशासन विभाग मे विभागाध्यक्ष की नियुक्ति करें. अदालत ने यह आदेश एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ओम प्रकाश महला की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने 20 व 21 मार्च को आदेश जारी कर लोक प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अशोक सिंह की नियुक्ति कर दी. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाना सिंडिकेट की गाइडलाइन का उल्लंघन है. असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष तब ही बनाया जा सकता है जब विभाग में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर नहीं हो. यदि असिस्टेंट प्रोफेसर के ऊपर कोई प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर है तो असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता. ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाने के आदेश को रद्द किया जाए.
लोक प्रशासन विभागाध्यक्ष पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के लोक प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अशोक सिंह की नियुक्ति की 20 व 21 मार्च 2018 के आदेश के अमल पर रोक लगा दी. अदालत ने यह आदेश एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ओम प्रकाश महला की याचिका पर दिए.
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के लोक प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अशोक सिंह की नियुक्ति की 20 और 21 मार्च 2018 के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने यूनिवर्सिटी को कहा है कि वह नियमों के अनुसार लोक प्रशासन विभाग मे विभागाध्यक्ष की नियुक्ति करें. अदालत ने यह आदेश एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ओम प्रकाश महला की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने 20 व 21 मार्च को आदेश जारी कर लोक प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अशोक सिंह की नियुक्ति कर दी. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाना सिंडिकेट की गाइडलाइन का उल्लंघन है. असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष तब ही बनाया जा सकता है जब विभाग में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर नहीं हो. यदि असिस्टेंट प्रोफेसर के ऊपर कोई प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर है तो असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता. ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाने के आदेश को रद्द किया जाए.
Body:याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने 20 व 21 मार्च को आदेश जारी कर लोक प्रशासन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अशोक सिंह की नियुक्ति कर दी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाना सिंडिकेट की गाइडलाइन का उल्लंघन है। असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष तब ही बनाया जा सकता है जब विभाग में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर नहीं हो। यदि असिस्टेंट प्रोफेसर के ऊपर कोई प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर है तो असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाने के आदेश को रद्द किया जाए।
Conclusion: