बूंदी. जिले में शुक्रवार से शुरू होने जा रही सरसों और चना खरीद की सभी तैयारी सहकारी समितियों ने पूरी कर ली है. इसके लिए जिले में सरसो के 6 एवं चना के 7 खरीद केंद्र बनाये गए है.
जानकारी के अनुसार पहले जिले के 2100 किसानों का सरसो एवं चना ख़रीदा जायेगा इसके लिए जिला मुख्यालय पर पुरानी कृषि मंडी यार्ड को खरीद केंद्र बनाया गया है. जहां किसान अपनी पैदावार को संबधित सर्वेयर को दिखा सकेगा देखा और उसके बाद फसल को खरीदा जाएगा.सरसों और चने की खरीद ऑनलाइन पर्ची से होगी.
भारत सरकार की खरीद एजेंसी नैफेड के द्वारा राजफैड के माध्यम से खरीद की जाएगी. इसके लिए राजफैड द्वारा बूंदी जिले की क्रय विक्रय सहकारी समितियों एवं तिलम संघ के समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए केन्द्र आवंटित किए गए हैं. सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 4200 तथा चना का 4620 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. बूंदी क्रय विक्रय सहकारी समिति, लिमिटेड, नैनवा क्रय विक्रय सहकारी समिति लि. देई, केशव क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड केशवरायपाटन एवं तिलम संघ द्वारा सरसों खरीद के लिए, देई, काप्रेन, सुमेरगंजमण्डी, करवर, हिण्डोली में खरीद केन्द्र आवंटित किए गए हैं. इसी तरह चना खरीद के लिए बूंदी क्रय विक्रय सहकारी समिति, नैनवा, देई, केशवरायपाटन, देई नैनवां, काप्रेन, सुमेरगंजमण्डी, करवर, हिण्डोली में खरीद केन्द्र आवंटित किए गए हैं.
वहीं रबी विपणन वर्ष 2019 में गेंहू क्रय करने की दर 1840 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है. गेंहू की खरीद ऑनलाईन एवं आफ लाईन रजिस्ट्रेशन दोनों माध्यम से होगी. गेंहू की खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण 5 मार्च से आरंभ हो गया है. इसके लिए ई-मित्र केन्द्रों को भी अधिकृत किया गया है. समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीद के लिए जिले में 16 क्रय केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं. इनमें बूंदी, गुढानाथावतान, केशवरायपाटन, मायजा, देईखेड़ा, झालीजी का बराना, भीया, काप्रेन, सुमेरगंजमण्डी सुवांसा, सीतापुरा, करवर, देई, दबलाना, बडानयागांव में एफसीई तथा हिण्डोली में तिलम संघ का खरीद केन्द्र स्वीकृत किया गया है.
किसान को ऑनलाइन खरीद प्रक्रिया में ई -मित्र पर जाकर 25 रुपए का टोकन कटवाना होगा. इसमें किसान को उपज को जिंस मंडी में लाने के लिए तारीख दी जाएगी. संबंधित दिन पर कृषि जिंस लाने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्धारित लिमिट में चना और सरसों की खरीद की जाएगी. अब देखना होगा की सरकारी स्तर पर होने वाली खरीद से किसान कितना संतुष्ट हो पाता है.