अलवर. जिले का राजीव गांधी सामान्य अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अस्पताल है. इसमें प्रतिदिन इलाज के लिए ओपीडी में 5000 से अधिक मरीज आते हैं. तो वहीं अस्पताल में 500 मरीजों की भर्ती की सुविधा है. आमतौर पर वार्ड फुल रहते हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या के हिसाब से अस्पताल में पर्याप्त इंतजाम नहीं है. इलाज के लिए मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है.
बता दें कि अस्पताल में अलवर और आसपास क्षेत्र के अलावा मेवात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, भरतपुर और दौसा जिले के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में सामान्य अस्पताल में हमेशा मरीजों की भरमार रहती है. मरीजों की संख्या के हिसाब से अस्पताल में इलाज के इंतजाम नहीं है. मरीज लंबे समय से इंतजाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है.
मरीजों को कहना है कि नि:शुल्क दवा योजना में मरीजों को दवाई नहीं मिल रही. वहीं वार्डों में भी मरीज भर्ती करने के लिए बेड नहीं है. इस तरह के हालात में मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.
गौरतलब है कि अलवर सहित प्रदेश के 8 जिलों में भाजपा सरकार ने मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. अलवर को छोड़कर सभी 7 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं. लेकिन अलवर में केवल मेडिकल कॉलेज के नाम जमीन खरीदी गई. तो वहीं अलवर के एम आइए में 850 करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भी खंडहर हो रहा है. उसमें सामान्य डिस्पेंसरी के समान अस्पताल चल रहा है. पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण मरीज वहां भी नहीं पहुंच रहे हैं.