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100 फीसदी नेत्रहीन अभ्यर्थी को राहत, आरएएस मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण मामलें में फैसला सुनाते हुए 100 फ़ीसदी नेत्रहीन अभ्यर्थी को राहत देते हुए उन्हें आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं. साथ ही आरपीएससी को निर्देश दिए है कि सहायक को अभ्यर्थी से परीक्षा के 24 घंटे पहले मिलवा दिया जाए.

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Published : Jun 1, 2019, 11:54 PM IST

राजस्थान उच्च न्यायालय

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 100 फ़ीसदी नेत्रहीन अभ्यर्थी को राहत देते हुए उन्हें आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए अभ्यर्थी को उसकी पसंद का स्नातक स्तर का सहायक मुहैया कराने को कहा है.


अदालत ने आरपीएससी को कहा है कि सहायक को अभ्यर्थी से परीक्षा के 24 घंटे पहले मिलवा दिया जाए. मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश के एस अहलूवालिया की खंडपीठ ने यह आदेश कुलदीप जैमन की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

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100 फ़ीसदी नेत्रहीन को राहत, आरएएस मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश

अपील में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि 100 फ़ीसदी नेत्रहीन याचिकाकर्ता आरएएस प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ था. आरपीएससी को नियमानुसार परीक्षा के 24 घंटे पहले सहायक को परीक्षार्थी से मिलवाना होता है, लेकिन याचिकाकर्ता को सहायक से मिलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई.

ऐसे में परीक्षा के दौरान वह जवाब बताने में सहायक के साथ असहज रहा. जिसके चलते याचिकाकर्ता कुछ अंकों से वंचित होकर मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए अपात्र हो गया. इसके खिलाफ एकलपीठ में भी याचिका पेश की गई, लेकिन एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया. इस पर खंडपीठ में अपील दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपीलार्थी को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए उपलब्ध कराए जाने वाले सहायक के संबंध में भी निर्देश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 100 फ़ीसदी नेत्रहीन अभ्यर्थी को राहत देते हुए उन्हें आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए अभ्यर्थी को उसकी पसंद का स्नातक स्तर का सहायक मुहैया कराने को कहा है.


अदालत ने आरपीएससी को कहा है कि सहायक को अभ्यर्थी से परीक्षा के 24 घंटे पहले मिलवा दिया जाए. मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश के एस अहलूवालिया की खंडपीठ ने यह आदेश कुलदीप जैमन की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

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100 फ़ीसदी नेत्रहीन को राहत, आरएएस मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश

अपील में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि 100 फ़ीसदी नेत्रहीन याचिकाकर्ता आरएएस प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ था. आरपीएससी को नियमानुसार परीक्षा के 24 घंटे पहले सहायक को परीक्षार्थी से मिलवाना होता है, लेकिन याचिकाकर्ता को सहायक से मिलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई.

ऐसे में परीक्षा के दौरान वह जवाब बताने में सहायक के साथ असहज रहा. जिसके चलते याचिकाकर्ता कुछ अंकों से वंचित होकर मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए अपात्र हो गया. इसके खिलाफ एकलपीठ में भी याचिका पेश की गई, लेकिन एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया. इस पर खंडपीठ में अपील दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपीलार्थी को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए उपलब्ध कराए जाने वाले सहायक के संबंध में भी निर्देश दिए हैं.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने 100 फ़ीसदी नेत्रहीन अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे आरएएस भर्ती 2018 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए अभ्यर्थी को उसकी पसंद का स्नातक स्तर का सहायक मुहैया कराने को कहा है। अदालत ने आरपीएससी को कहा है कि सहायक को अभ्यर्थी से परीक्षा के 24 घंटे पहले मिलवा दिया जाए। मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश के एस अहलूवालिया की खंडपीठ ने यह आदेश कुलदीप जैमन की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:अपील में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि 100 फ़ीसदी नेत्रहीन याचिकाकर्ता आरएएस प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ था। आरपीएससी को नियमानुसार परीक्षा के 24 घंटे पहले सहायक को परीक्षार्थी से मिलवाना होता है, लेकिन याचिकाकर्ता को सहायक से मिलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे में परीक्षा के दौरान वह जवाब बताने में सहायक के साथ असहज रहा। जिसके चलते याचिकाकर्ता कुछ अंकों से वंचित होकर मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए अपात्र हो गया। इसके खिलाफ एकलपीठ में भी याचिका पेश की गई, लेकिन एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। इस पर खंडपीठ में अपील दायर की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपीलार्थी को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश देते हुए उपलब्ध कराए जाने वाले सहायक के संबंध में भी निर्देश दिए हैं।


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