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लोकसभा चुनाव 2019 : राजसमंद के सबसे बड़े मुद्दे...मावली-मारवाड़ रेल लाइन और राजसमंद झील में पानी

2008 के परिसीमन में बनी राजसमंद लोकसभा सीट पर जिला बनने के बाद 2019 में यह तीसरा लोकसभा चुनाव है. लेकिन 2009 और 2014 के कांग्रेस और भाजपा के सांसद द्वारा की गई घोषणाओं का धरातल पर उतरना अभी बाकी है.

राजसमंद के सबसे बड़े मुद्दे...मावली-मारवाड़ रेल लाइन और राजसमंद झील में पानी
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Published : Apr 2, 2019, 6:09 PM IST

राजसमंद. 2009 में कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को राजसमंद जिले की जनता ने विश्वास के साथ वोट दिया कि मावली मारवाड़ रेल लाइन को वे बनाकर यहां की जनता को सौगात देंगे लेकिन कांग्रेस सांसद का पूरा कार्यकाल बीत जाने के बाद भी यह वादा धरातल पर उतारने में असफल साबित रहे. रेल लाइन नहीं होने से आम जनता त्रस्त है.


मार्बल उद्योग और पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ श्रीनाथ जी से जुड़े जिले में बाशिंदे रेल सुविधाओं को तरस रहे हैं. एकमात्र मीटर गेज ट्रेन मावली मारवाड़ के बीच चलती है इसका संभाग मुख्यालय से चलने वाली ट्रेनों से भी क्रॉसिंग नहीं है, इससे सफर ट्रैवल्स बसों में ही होता है. यहां के बाशिंदे लंबे समय से प्रदेश की राजधानी जयपुर और दिल्ली से जुड़ाव की मांग कर रहे हैं लेकिन इसका तवज्जो नहीं मिल पाई.


नाथद्वारा से भीलवाड़ा होते हुए जयपुर को जोड़ दिया जाए तो यात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी मिल सकती थी लेकिन 2009 और 2014 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के सांसदों ने राजसमंद लोकसभा सीट के लिए किए वह वादे रसातल में समाहित हो गए. जिसको लेकर यहां के युवा मतदाताओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने आशा और अपेक्षा के साथ 2009 के चुनाव में वोट डाला और 2014 के चुनाव में भी लेकिन यहां के प्रतिनिधि द्वारा वादे करने के बाद भी उन्हें पूरा करने में असफल रहे.

राजसमंद के सबसे बड़े मुद्दों पर लोगों की प्रतिक्रिया


वहीं एक सबसे प्रमुख मुद्दा जो लंबे समय से राजसमंद जिले के लोग उसके पूरे होने के लिए व्यतीत है. राजसमंद झील को पर्यटन सिंचाई व पेयजल की दृष्टि से लबालब रखने की जरूरत थी लेकिन अभी तक सिर्फ बातों में ही भरी हुई दिखाई दी गई. हर बार चुनाव से पूर्व और बाद में नेता योजना लाने के दावे तो करते हैं लेकिन कोई योजना अमल में नहीं आई. जिसके कारण यहां के युवा मतदाता का कहना है कि नेताओं को वादे करने की वजह विकास करके दिखाना चाहिए.

राजसमंद. 2009 में कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को राजसमंद जिले की जनता ने विश्वास के साथ वोट दिया कि मावली मारवाड़ रेल लाइन को वे बनाकर यहां की जनता को सौगात देंगे लेकिन कांग्रेस सांसद का पूरा कार्यकाल बीत जाने के बाद भी यह वादा धरातल पर उतारने में असफल साबित रहे. रेल लाइन नहीं होने से आम जनता त्रस्त है.


मार्बल उद्योग और पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ श्रीनाथ जी से जुड़े जिले में बाशिंदे रेल सुविधाओं को तरस रहे हैं. एकमात्र मीटर गेज ट्रेन मावली मारवाड़ के बीच चलती है इसका संभाग मुख्यालय से चलने वाली ट्रेनों से भी क्रॉसिंग नहीं है, इससे सफर ट्रैवल्स बसों में ही होता है. यहां के बाशिंदे लंबे समय से प्रदेश की राजधानी जयपुर और दिल्ली से जुड़ाव की मांग कर रहे हैं लेकिन इसका तवज्जो नहीं मिल पाई.


नाथद्वारा से भीलवाड़ा होते हुए जयपुर को जोड़ दिया जाए तो यात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी मिल सकती थी लेकिन 2009 और 2014 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के सांसदों ने राजसमंद लोकसभा सीट के लिए किए वह वादे रसातल में समाहित हो गए. जिसको लेकर यहां के युवा मतदाताओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने आशा और अपेक्षा के साथ 2009 के चुनाव में वोट डाला और 2014 के चुनाव में भी लेकिन यहां के प्रतिनिधि द्वारा वादे करने के बाद भी उन्हें पूरा करने में असफल रहे.

राजसमंद के सबसे बड़े मुद्दों पर लोगों की प्रतिक्रिया


वहीं एक सबसे प्रमुख मुद्दा जो लंबे समय से राजसमंद जिले के लोग उसके पूरे होने के लिए व्यतीत है. राजसमंद झील को पर्यटन सिंचाई व पेयजल की दृष्टि से लबालब रखने की जरूरत थी लेकिन अभी तक सिर्फ बातों में ही भरी हुई दिखाई दी गई. हर बार चुनाव से पूर्व और बाद में नेता योजना लाने के दावे तो करते हैं लेकिन कोई योजना अमल में नहीं आई. जिसके कारण यहां के युवा मतदाता का कहना है कि नेताओं को वादे करने की वजह विकास करके दिखाना चाहिए.

Intro:राजसमंद- 2008 के परिसीमन में बनी राजसमंद लोकसभा सीट पर जिला बनने के बाद 2019 में यह तीसरा लोकसभा चुनाव है आपको बता दें कि 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत राजसमंद से सांसद बने वहीं 2014 के चुनाव में भाजपा के हरि सिंह राठौड़ सांसद बने वही तीसरी बार यहां की जनता 2019 के इस चुनावी महाकुंभ में वोट की आहुति देने के लिए तैयार है लेकिन 2009 और 2014 के कांग्रेस और भाजपा के सांसद द्वारा की गई घोषणाओं का धरातल पर उतरना अभी बाकी है


Body:आपको बता दें कि 2009 में कांग्रेस की गोपाल सिंह शेखावत को राजसमंद जिले की जनता ने विश्वास के साथ वोट दिया कि मावली मारवाड़ रेल लाइन को वे सुधड बनाकर यहां की जनता को सौगात देंगे लेकिन कांग्रेस सांसद का पूरा कार्यकाल बीत जाने के बाद भी यह वादा धरातल पर उतारने में असफल साबित रहे रेल लाइन नहीं होने से आम जनता त्रस्त है मार्बल उद्योग और पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ श्रीनाथ जी से जुड़े जिले में बाशिंदे रेल सुविधाओं को तरस रहे एकमात्र मीटर गेज ट्रेन मावली मारवाड़ के बीच चलती है इसका संभाग मुख्यालय से चलने वाली ट्रेनों से भी क्रॉसिंग नहीं है इससे सफर ट्रैवल्स बसों में ही होता है यहां के बाशिंदे लंबे समय से प्रदेश की राजधानी जयपुर और दिल्ली से जुड़ाव की मांग कर रहे हैं लेकिन इसका तवज्जो नहीं मिल पाई नाथद्वारा से भीलवाड़ा होते हुए जयपुर को जोड़ दिया जाए तो यात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी मिल सकती थी लेकिन 2009 और 2014 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के सांसदों ने राजसमंद लोकसभा सीट के लिए किए वह वादे रसातल में समाहित हो गए जिसको लेकर यहां के युवा मतदाताओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने आशा और अपेक्षा के साथ 2009 के चुनाव में वोट डाला और 2014 के चुनाव में भी लेकिन यहां के प्रतिनिधि द्वारा वादे करने के बाद भी उन्हें पूरा करने में असफल रहे


Conclusion:वहीं एक सबसे प्रमुख मुद्दा जो लंबे समय से राजसमंद जिले के लोग उसके पूरे होने के लिए व्यतीत है राजसमंद झील को पर्यटन सिंचाई व पेयजल की दृष्टि से लबालब रखने की जरूरत थी लेकिन अभी तक सिर्फ बातों में ही भरी हुई दिखाई दी गई हर बार चुनाव से पूर्व और बाद में नेता योजना लाने के दावे तो करते हैं लेकिन कोई योजना अमल में नहीं आई जिसके कारण यहां के युवा मतदाता का कहना है कि नेताओं को वादे करने की वजह विकास करके दिखाना चाहिए
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