जयपुर. कोटा से बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत अपनी दबंगई को लेकर फिर सुर्खियों में है. इस बार नेताजी ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों को कान पकड़वा कर माफी मंगवाई. सार्वजनिक तौर पर कर्मचारियों को इस तरह से अभद्रता करने के मामले में मानवाधिकार आयोग ने गंभीर माना है. आयोग ने नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव और कोटा एसपी से 26 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने कहा कि जिस तरीके से भाजपा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को सार्वजनिक तौर पर कान पकड़ कर माफी मंगवाई, उससे उनका मानव अधिकारों का हनन हुआ है.
साथ ही पूर्व विधायक ने राजकार्य में भी बाधा डाली है. आयोग ने कहा कि अगर बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई गलती हुई है या उन्होंने गलती के चलते बिजली कनेक्शन काटा है. तब भी किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी सरकारी कर्मचारी को इस तरह से सार्वजनिक तौर पर कान पकड़कर माफी मंगवाए. आयोग ने कहा कि यह कोटा का एकमात्र मामला नहीं है. इससे पहले 7 अप्रैल 2019 को रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर द्वारा अवैध परिवहन करके लाई गई बजरी ट्रक को जब्त करने के मामले में परिवहन विभाग के निरीक्षक के साथ अभद्रता का मामला भी सामने आया था. साथ ही हाल ही में नागौर क्षेत्र में कई दिनों से पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा जलदाय विभाग के एक अधिकारी को उसके सरकारी कार्यालय में चुंदड़ी ओढ़ाई गई और साथ दुरव्यवहार किया गया. उसका वीडियो भी वायरल हुआ था.
इस तरह के लगातार सरकारी कर्मचारियों के साथ में दुर्व्यवहार की घटनाएं बड़ी चिंताजनक है. ऐसे में राज्य के मुख्य सचिव कोटा के एसपी और नागौर के एसपी 28 अगस्त तक रिपोर्ट बताएं. मामलों में जो इस तरह से सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित हो चुके और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. आयोग ने बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को लेकर रिपोर्ट मांगी हो. लेकिन, ऐसा नहीं है कि राजावत दबंगई पहली बार है. इससे पहले भी भवानी सिंह राजावत द्वारा सरकारी कर्मचारियों के साथ में बदतमीजी करना अभद्रता करने का मामला सामने आ चुका है. लेकिन, इस तरह के सभी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से और बढ़ते हैं. ऐसे में जरूरत है राजनेताओं के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि अन्य नेताओं को भी इससे सबक मिले.