अजमेर. लोकसभा चुनाव में अजमेर सीट से इस बार तीन मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव में खड़े हुए हैं. परंपरागत रूप से मुस्लिम वोट कांग्रेस के पक्ष में जाते रहे हैं. ऐसे में यदि तीनों उम्मीदवार मैदान में डटे रहते हैं तो मुस्लिम मतों में विभाजन हो सकता है. इससे कांग्रेस को नुकसान होगा.
इसी प्रकार अनुसूचित जाति से भी दो प्रत्याशी ने नामांकन पर्चा भरा है. यह पांचों प्रत्याशी कांग्रेस के उम्मीदवार रिजू झुनझुनवाला को नुकसान पहुंचा रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस की ओर से इन उम्मीदवारों को अपने पक्ष में बैठाने की कोशिश की जा रही है.
इधर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले मुकेश गेना भाजपा के लिए मुसीबत बने हुए हैं. उनके चुनाव में डटे रहने से जाट जाति के मतों में बटवारा होने से इंकार नहीं किया जा सकता. अजमेर लोकसभा क्षेत्र में तीन लाख के करीब जाट मतदाता है. जाति बिरादरी और रिश्तेदारों का हवाला देते हुए गेना को भी बैठाने की जुगत बीजेपी नेता कर रहे हैं. खास बात यह है कि निर्दलीय प्रत्याशी मुकेश देना, पप्पू कुरैशी और बीएसपी प्रत्याशी दुर्गा लाल रेगर पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं.