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पीएम मोदी और मेनका गांधी से मिली तो सब मुझे पहले से जानते थे : राष्ट्रपति अवार्डी रुमा देवी Exclusive

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Published : Mar 14, 2019, 8:00 PM IST

बाड़मेर. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेगिस्तान की आठवीं पास रूमा देवी को राष्ट्रपति के हाथों अवॉर्ड मिला. इससे वो काफी खुश हैं. उनसे खास बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वो पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेनका गांधी समेत बड़े लोगों से मिली तो उनका रिएक्शन कैसा था.

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राष्ट्रपति से अवार्ड मिलना और उसके बाद प्रधानमंत्री सहित मेनका गांधी से मिलना रुमा देवी के लिए किसी सपने से कम नहीं है. रूमा देवी कहती है कि जब उनकी शादी हुई थी तो वो पहली बार गांव से बाड़मेर शहर में आई थीं. उनके मुताबिक उन्होंने कभी शहर भी नहीं देखा था दिल्ली का तो वो क्या सोचती लेकिन हालातों ने उन्हें काम करने पर मजबूर कर दिया. फिर उन्होंने सोचा क्यों न वो अपने हाथों से हुनर कशीदाकारी का काम शुरू करें और यहीं से उनके नए जीवन की शुरुआत हुई.
रूमा देवी जब दिल्ली में थी इस दौरान रूमा देवी ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और मेनका गांधी से मिलने गई तो उनको उनके काम के बारे में सब कुछ पता था. यह सुनकर वो एकदम चौंक गई कि आखिर देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी उनके काम के बारे में पता है. इससे बड़ा खुशी का कोई मौका उनके जीवन में नहीं आया.
राष्ट्रपति अवार्ड मिलने के बाद रूमा देवी जब पहली बार बाड़मेर पहुंची. तो वहां पर रूमा देवी का भव्य स्वागत ढोल-नागाड़ों के साथ ही लोक गीतों के साथ किया गया. इस दौरान सैकड़ों महिलाओं ने रूमा देवी को माला पहनाई और मिठाई खिलाई. यह सब वह महिलाएं हैं जो रूमा देवी के साथ काम करती हैं
रूमा देवी का कहना है कि उन्हें गांव में औरतों को काम में लाने में पहले बड़ी दिक्कत होती थी क्योंकि लोग महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकालते थे लेकिन उन्होंने इतना बड़ा समूह तैयार किया कि आज हर कोई महिला उनके पास काम मांगने के लिए चल कर आ जाती है यह उनके लिए बहुत खुशी की बात है.

देखें वीडियो

रूमा देवी का कहना है कि वह चाहती है कि लोग अपने घरों से महिलाओं के साथ ही बेटियों को पढ़ाने लिखाने के साथ ही उनको आगे बढ़ने में परिवार के लोग सहयोग करें ताकि जिस तरीके से उन्होंने मुकाम हासिल किया है. वो चाहती हैं कि उनसे भी बड़े मुकाम बाड़मेर जिले की महिलाएं हासिल करें.
इस दौरान रूमा देवी के स्वागत में सैकड़ों महिलाओं ने लोक गीत भी गाए. महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में असाधारण काम के लिए रुमा देवी को ₹100000 और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है. उल्लेखनीय है कि रूमा देवी को पिछले वर्ष राज्यपाल द्वारा गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी हैं. साथ ही स्कूल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मानित होकर जिले व देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.

राष्ट्रपति से अवार्ड मिलना और उसके बाद प्रधानमंत्री सहित मेनका गांधी से मिलना रुमा देवी के लिए किसी सपने से कम नहीं है. रूमा देवी कहती है कि जब उनकी शादी हुई थी तो वो पहली बार गांव से बाड़मेर शहर में आई थीं. उनके मुताबिक उन्होंने कभी शहर भी नहीं देखा था दिल्ली का तो वो क्या सोचती लेकिन हालातों ने उन्हें काम करने पर मजबूर कर दिया. फिर उन्होंने सोचा क्यों न वो अपने हाथों से हुनर कशीदाकारी का काम शुरू करें और यहीं से उनके नए जीवन की शुरुआत हुई.
रूमा देवी जब दिल्ली में थी इस दौरान रूमा देवी ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और मेनका गांधी से मिलने गई तो उनको उनके काम के बारे में सब कुछ पता था. यह सुनकर वो एकदम चौंक गई कि आखिर देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी उनके काम के बारे में पता है. इससे बड़ा खुशी का कोई मौका उनके जीवन में नहीं आया.
राष्ट्रपति अवार्ड मिलने के बाद रूमा देवी जब पहली बार बाड़मेर पहुंची. तो वहां पर रूमा देवी का भव्य स्वागत ढोल-नागाड़ों के साथ ही लोक गीतों के साथ किया गया. इस दौरान सैकड़ों महिलाओं ने रूमा देवी को माला पहनाई और मिठाई खिलाई. यह सब वह महिलाएं हैं जो रूमा देवी के साथ काम करती हैं
रूमा देवी का कहना है कि उन्हें गांव में औरतों को काम में लाने में पहले बड़ी दिक्कत होती थी क्योंकि लोग महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकालते थे लेकिन उन्होंने इतना बड़ा समूह तैयार किया कि आज हर कोई महिला उनके पास काम मांगने के लिए चल कर आ जाती है यह उनके लिए बहुत खुशी की बात है.

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रूमा देवी का कहना है कि वह चाहती है कि लोग अपने घरों से महिलाओं के साथ ही बेटियों को पढ़ाने लिखाने के साथ ही उनको आगे बढ़ने में परिवार के लोग सहयोग करें ताकि जिस तरीके से उन्होंने मुकाम हासिल किया है. वो चाहती हैं कि उनसे भी बड़े मुकाम बाड़मेर जिले की महिलाएं हासिल करें.
इस दौरान रूमा देवी के स्वागत में सैकड़ों महिलाओं ने लोक गीत भी गाए. महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में असाधारण काम के लिए रुमा देवी को ₹100000 और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है. उल्लेखनीय है कि रूमा देवी को पिछले वर्ष राज्यपाल द्वारा गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी हैं. साथ ही स्कूल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मानित होकर जिले व देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.
Intro:अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेगिस्तान की आठवीं पास और उमा देवी को राष्ट्रपति के हाथों अवॉर्ड मिलना और उसके बाद प्रधानमंत्री सहित मेनका गांधी से मिलना रुमा देवी के लिए किसी सपने से कम नहीं है रूमा देवी कहती है कि जब मेरी शादी हुई थी तो मैं गांव से बाड़मेर शहर में आई थी तो मैंने शहर भी नहीं देखा था दिल्ली का तो मैं क्या सोचती लेकिन हालातों ने मुझे काम करने पर मजबूर कर दिया तो फिर मैंने सोचा क्यों न मैं हाथों से हुनर कशीदाकारी का काम शुरू करूं और यहीं से मेरे नए जीवन की शुरुआत हुई आज मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं रूमा देवी पिछले 2 दिनों से दिल्ली में थी इस दौरान उमा देवी ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और मेनका गांधी से मिलने गई तो उनको मेरे काम के बारे में सब कुछ पता था यह सुनकर मैं एकदम चौंक गई कि आखिर देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी मेरे काम के बारे में पता है इससे बड़ा मेरी खुशी का कोई मौका जीवन में नहीं आया


Body:राष्ट्रपति अवार्ड मिलने के बाद आज रूमा देवी पहली बार बाड़मेर पहुंची जहां पर रूमा देवी का भव्य स्वागत ढोल धमाकों के साथ ही लोक गीतों के साथ किया गया इस दौरान सैकड़ों महिलाओं ने रूमा देवीको माला पहनाई और मिठाई खिलाई यह सब वह महिलाएं हैं जो रूमा देवी के साथ काम करती है रूमा देवी का कहना है कि मुझे गांव में औरतों को काम में लाने में पहले बड़ी दिक्कत होती थी क्योंकि लोग महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकालते थे लेकिन मैंने इतना बड़ा समूह तैयार किया कि आज हर कोई महिला मेरे पास काम मांगने के लिए चल कर आ जाती है यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है


Conclusion:रूमा देवी का कहना है कि वह चाहती है कि लोग अपने घरों से महिलाओं के साथ ही बेटियों को पढ़ाने लिखाने के साथ ही उनको आगे बढ़ने में परिवार के लोग सहयोग करें ताकि जिस तरीके से मैंने मुकाम हासिल किया है मैं चाहती हूं कि मुझसे भी बड़े मुकाम बाड़मेर जिले की महिलाएं हासिल करें इस दौरान रूमा देवी के स्वागत में सैकड़ों महिलाओं ने लोक गीत भी गाए महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में असाधारण काम उमा देवी को ₹100000 व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है उल्लेखनीय है कि रूमा देवी को पिछले वर्ष राज्यपाल द्वारा गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी है साथी स्कूल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मानित होकर जिले व देश का नाम रोशन कर चुकी है
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