जयपुर. ड्यूटी करने के लिए बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को अपने ही उच्च अधिकारी को मंथली रिश्वत देने के मामले में गृह विभाग ने डीजी होमगार्ड से रिपोर्ट मांगी है. प्रकरण के खुलासे के बाद डीजी ओपी गहलोत्रा ने डीआईजी संदीप शर्मा से जांच रिपोर्ट मांगी है, ताकि गृह विभाग को रिपोर्ट पेश कर सकें.
दरअसल, पिछले दिनों जैसलमेर डी बटालियन में तैनात 22 होमगार्ड के जवानों ने तत्कालीन डीआईजी विकास कुमार को बयानों में कमाण्डेन्ट विजय सिंह भांभू पर गंभीर आरोप लगाए थे. जवानों ने कहा था कि उनसे हर महीने ड्यूटी के लिए 3-3 हजार रुपये लिए जाते है और रेन्वयुल के लिए 5-5 हजार रुपये लिए जाते है.
बता दें कि बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी करने पर प्रतिदिन के आधार पर 740 रुपये के करीब मानदेय मिलता है. यह राशि ड्यूटी करने पर ही मिलती है. ऐसे में ड्यूटी लगवाने के लिए लिए जवानों को रिश्वत देनी पड़ती है. रिश्वत नहीं देने पर जवानों की ड्यूटी नहीं लगती हैं .बता दें कि मामले ने जब तुल पकड़ी तब जाकर गृह विभाग ने इसमें गंभीरता जताई और होमगार्ड डीजी से रिपोर्ट तलब के लिए कहा.
बहरहाल, पैसे दे कर ड्यूटी लगाने का मामला सिर्फ एक बॉर्डर होमगार्ड का ही मामला नहीं है , ऐसी कई और भी जगह है जहां पर होमगार्ड को ड्यूटी के लिए रिश्वत देनी पड़ती है .ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन होमगार्ड की ड्यूटी की समस्या का स्थायी समाधान निकाले.