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बॉर्डर होमगार्ड मंथली मामला : गृह विभाग ने होमगार्ड के डीजी से मांगी रिपोर्ट - Home Department

बॉर्डर होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी लगाने के लिए मांगी जाने वाली मंथली का मामला गृह विभाग तक पहुंच गया है. गृह विभाग के एसीएस राजीव स्वरूप ने पूरे मामले की रिपोर्ट होमगार्ड डीजी से मांगी है. साथ ही सभी होमगार्ड के जवानों को अब रोस्टर प्रणाली के आधार पर लगाने के आदेश भी दिए है ताकि किसी तरह के आरोप ना लगे.

बॉर्डर होमगार्ड मंथली मामले में गृह विभाग ने होमगार्ड के डीजी से मांगी रिपोर्ट
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Published : Jul 9, 2019, 11:11 AM IST

जयपुर. ड्यूटी करने के लिए बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को अपने ही उच्च अधिकारी को मंथली रिश्वत देने के मामले में गृह विभाग ने डीजी होमगार्ड से रिपोर्ट मांगी है. प्रकरण के खुलासे के बाद डीजी ओपी गहलोत्रा ने डीआईजी संदीप शर्मा से जांच रिपोर्ट मांगी है, ताकि गृह विभाग को रिपोर्ट पेश कर सकें.

बॉर्डर होमगार्ड मंथली मामले में गृह विभाग ने होमगार्ड के डीजी से मांगी रिपोर्ट

दरअसल, पिछले दिनों जैसलमेर डी बटालियन में तैनात 22 होमगार्ड के जवानों ने तत्कालीन डीआईजी विकास कुमार को बयानों में कमाण्डेन्ट विजय सिंह भांभू पर गंभीर आरोप लगाए थे. जवानों ने कहा था कि उनसे हर महीने ड्यूटी के लिए 3-3 हजार रुपये लिए जाते है और रेन्वयुल के लिए 5-5 हजार रुपये लिए जाते है.

बता दें कि बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी करने पर प्रतिदिन के आधार पर 740 रुपये के करीब मानदेय मिलता है. यह राशि ड्यूटी करने पर ही मिलती है. ऐसे में ड्यूटी लगवाने के लिए लिए जवानों को रिश्वत देनी पड़ती है. रिश्वत नहीं देने पर जवानों की ड्यूटी नहीं लगती हैं .बता दें कि मामले ने जब तुल पकड़ी तब जाकर गृह विभाग ने इसमें गंभीरता जताई और होमगार्ड डीजी से रिपोर्ट तलब के लिए कहा.

बहरहाल, पैसे दे कर ड्यूटी लगाने का मामला सिर्फ एक बॉर्डर होमगार्ड का ही मामला नहीं है , ऐसी कई और भी जगह है जहां पर होमगार्ड को ड्यूटी के लिए रिश्वत देनी पड़ती है .ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन होमगार्ड की ड्यूटी की समस्या का स्थायी समाधान निकाले.

जयपुर. ड्यूटी करने के लिए बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को अपने ही उच्च अधिकारी को मंथली रिश्वत देने के मामले में गृह विभाग ने डीजी होमगार्ड से रिपोर्ट मांगी है. प्रकरण के खुलासे के बाद डीजी ओपी गहलोत्रा ने डीआईजी संदीप शर्मा से जांच रिपोर्ट मांगी है, ताकि गृह विभाग को रिपोर्ट पेश कर सकें.

बॉर्डर होमगार्ड मंथली मामले में गृह विभाग ने होमगार्ड के डीजी से मांगी रिपोर्ट

दरअसल, पिछले दिनों जैसलमेर डी बटालियन में तैनात 22 होमगार्ड के जवानों ने तत्कालीन डीआईजी विकास कुमार को बयानों में कमाण्डेन्ट विजय सिंह भांभू पर गंभीर आरोप लगाए थे. जवानों ने कहा था कि उनसे हर महीने ड्यूटी के लिए 3-3 हजार रुपये लिए जाते है और रेन्वयुल के लिए 5-5 हजार रुपये लिए जाते है.

बता दें कि बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी करने पर प्रतिदिन के आधार पर 740 रुपये के करीब मानदेय मिलता है. यह राशि ड्यूटी करने पर ही मिलती है. ऐसे में ड्यूटी लगवाने के लिए लिए जवानों को रिश्वत देनी पड़ती है. रिश्वत नहीं देने पर जवानों की ड्यूटी नहीं लगती हैं .बता दें कि मामले ने जब तुल पकड़ी तब जाकर गृह विभाग ने इसमें गंभीरता जताई और होमगार्ड डीजी से रिपोर्ट तलब के लिए कहा.

बहरहाल, पैसे दे कर ड्यूटी लगाने का मामला सिर्फ एक बॉर्डर होमगार्ड का ही मामला नहीं है , ऐसी कई और भी जगह है जहां पर होमगार्ड को ड्यूटी के लिए रिश्वत देनी पड़ती है .ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन होमगार्ड की ड्यूटी की समस्या का स्थायी समाधान निकाले.

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जयपुर

एंकर:- बॉर्डर होमगर्ड के जवानों की ड्यूटी लगाने के लिए मांगी जाने वाली मंथली का मामला गृह विभाग तक पहुंच गया है , गृह विभाग के एसीएस राजीव स्वरूप ने पूरे मामले की रिपोर्ट होमगर्ड डीजी से मांगी है । साथ ही सभी होमगर्ड के जवानों की अब रोस्टर प्रणाली के आधार पर लगाने के आदेश भी दिए है ताकि किसी तरहं के आरोप नहीं लगे ।


Body:VO:- ड्यूटी करने के लिए बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को अपने ही उच्च अधिकारी को मंथली रिश्वत देने के मामले में गृह विभाग ने डीजी होमगार्ड से रिपोर्ट मांगी है । प्रकरण के खुलासे के बाद डीजी ओपी गहलोत्रा ने डीआईजी संदीप शर्मा से जांच रिपोर्ट मांगी है , ताकि गृह विभाग को रिपोर्ट पेश कर सके , दरअसल पिछले दिनों जैसलमेर डी बटालियन में तैनात 22 होमगर्ड के जवानों ने तत्कालीन डीआईजी विकास कुमार को बयानों में कमाण्डेन्ट विजय सिंह भांभू पर गंभीर आरोप लगाए थे , जवानों के बयान थे कि उनसे हर महीने ड्यूटी के लिए 3-3 हजार रुपये लिए जाते है , और रेन्वयुल के लिए 5 - 5 हजार रुपये लिए जाते है , दरअसल बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को छोटी करने पर प्रतिदिन के आधार पर ₹740 के करीब मानदेय मिलता है यह राशि ड्यूटी करने पर ही मिलती है , ऐसे में ड्यूटी लगवाने के लिए लिए जवानों को रिश्वत देनी पड़ती है , रिश्वत नहीं देने पर जवानों की ड्यूटू नहीं लगती हैं , मामला जब तुल पकड़ा तो पूरे मामले को लेकर गृह विभाग ने गंभीरता जताई और होमगर्ड डीजी से रिपोर्ट तलब कर ली ।


Conclusion:VO:- बहरहाल पैसे ले कर ड्यूटी लगाने का मामला सामने आया तो गृह विभाग ने रिपोर्ट तलब कर ली है , लेकिन ऐसा नही ये एक बॉर्डर होमगर्ड का ही मामला है , ऐसे ओर भी जगह है जहां पर हिमगार्ड को ड्यूटी के लिए रिश्वत देनी पढ़ती है , ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन होमगार्ड की ड्यूटी की समस्या का स्थायी समाधान निकाले ।
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