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गहलोत सरकार शिशुओं के जन्म प्रमाण पत्र के साथ अब कुंडली भी बनाएगी...तैयारी पूरी

जयपुर. पूर्ववर्ती राजे सरकार के समय में शुरू किए गए कार्यक्रमों पर गहलोत सरकार समीक्षा कर रही है. इसी के तहत पिछली सरकार की ओर से शिक्षा विभाग मे लिए गए एक फैसले पर वर्तमान सरकार ने रोक लगा दी है. उनके अनुसार यह बदलाव वर्तमना की जरूरत है.

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Published : Feb 13, 2019, 7:57 PM IST

दो साल पहले बीजेपी सरकार ने 14 फरवरी, जिसे पूरी दुनिया में वेलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है, को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. बीजेपी के इस फैसले पर रोक लगाते हुए मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजे सरकार ने नवाचारों के नाम पर अपनी मंशा को थोपने का काम किया था.
वहीं शिक्षामंत्री डोटासरा के इस फैसले पर पूर्व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने डोटासरा को संस्कृति से सीख लेने तक की सलाह दे दी है. देवनानी ने कहा कि हमारी सरकार ने यह फैसला बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए ऐसे नवाचार शुरू किए थे. उन्हीं में से एक नवाचार यह मातृ-पितृ पूजन दिवस भी था. वेस्टर्न कल्चर को बढ़ावा देने वाले वेलेंटाइन डे की जगह स्कूलों में मातृ-पितृ पूजन का आयोजन किया जाता था. जिससे बच्चे अपने आपको गौरवान्ति महसूस करते थे. लेकिन नई सरकार को लगता है यह पसंद नहीं आया.

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वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षा मंत्री

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देवनानी गहलोत सरकार पर हमला करते हुए ट्विट किया कि ' शर्मनाक..कांग्रेस को नैतिक संस्कार एवं राष्ट्रीयता से ही परेशानी है ! बच्चों में नैतिक संस्कार के लिए शुरू किया गया था मातृ-पितृ पूजन दिवस, राजस्थान सरकार ने लगाई रोक !
आपको बता दें कि वर्तमान सरकार ने पूर्व सरकार के बंद स्कूलों को खोलने, ड्रेस में बदलाव करने, साइकिल के रंगों में बदलाव और पाठ्य-पुस्तकों के बदलाव के संकेत देने के बाद राजे सरकार के इस फैसले पर भी रोक लगा दी. अब से 14 फरवरी को स्कूलों में ऐसा कोई भी दिवस नहीं मनाया जाएगा.

दो साल पहले बीजेपी सरकार ने 14 फरवरी, जिसे पूरी दुनिया में वेलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है, को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. बीजेपी के इस फैसले पर रोक लगाते हुए मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजे सरकार ने नवाचारों के नाम पर अपनी मंशा को थोपने का काम किया था.
वहीं शिक्षामंत्री डोटासरा के इस फैसले पर पूर्व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने डोटासरा को संस्कृति से सीख लेने तक की सलाह दे दी है. देवनानी ने कहा कि हमारी सरकार ने यह फैसला बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए ऐसे नवाचार शुरू किए थे. उन्हीं में से एक नवाचार यह मातृ-पितृ पूजन दिवस भी था. वेस्टर्न कल्चर को बढ़ावा देने वाले वेलेंटाइन डे की जगह स्कूलों में मातृ-पितृ पूजन का आयोजन किया जाता था. जिससे बच्चे अपने आपको गौरवान्ति महसूस करते थे. लेकिन नई सरकार को लगता है यह पसंद नहीं आया.

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वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षा मंत्री

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देवनानी गहलोत सरकार पर हमला करते हुए ट्विट किया कि ' शर्मनाक..कांग्रेस को नैतिक संस्कार एवं राष्ट्रीयता से ही परेशानी है ! बच्चों में नैतिक संस्कार के लिए शुरू किया गया था मातृ-पितृ पूजन दिवस, राजस्थान सरकार ने लगाई रोक !
आपको बता दें कि वर्तमान सरकार ने पूर्व सरकार के बंद स्कूलों को खोलने, ड्रेस में बदलाव करने, साइकिल के रंगों में बदलाव और पाठ्य-पुस्तकों के बदलाव के संकेत देने के बाद राजे सरकार के इस फैसले पर भी रोक लगा दी. अब से 14 फरवरी को स्कूलों में ऐसा कोई भी दिवस नहीं मनाया जाएगा.
Intro:वैलेंटाइन डे पर सरकारी स्कूलों में मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने पर सरकार की रोक मामला

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने सरकार के आदेश को बताया शर्मनाक 

कहा-मौजूदा शिक्षा मंत्री शायद अपने माता पिता के नहीं करते सम्मान 

गोविंद डोटासरा पर लगाया स्कूलों में पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप


जयपुर (एंकर)

दो साल पहले वसुंधरा राजे सरकार में 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे पर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शुरू किए गए मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने के नवाचार पर मौजूदा सरकार ने रोक लगा दी है, जिस पर अब सियासत गर्म है। गहलोत सरकार द्वारा लगाई गई रोक पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी ने एतराज जताते हुए इस फरमान को बेहद शर्मनाक करार दिया है। देवनानी के अनुसार मौजूदा शिक्षा मंत्री ने इस बदलाव के जरिए प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के माता-पिता का अपमान किया है। देवनानी यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने मौजूदा शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा को लेकर यह भी कहा कि शायद शिक्षा मंत्री अपने माता-पिता का भी सम्मान नहीं करते होंगे जिसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। वासुदेव देवनानी के अनुसार सरकार का यह निर्णय प्रदेश में पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देने वाला है जिसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। देवनानी ने सरकार से राष्ट्रहित, समाज हित और छात्र हित में अपने आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। पूर्व शिक्षा मंत्री के अनुसार वसुंधरा राजे सरकार में 2 साल पहले 14 फरवरी को यह नवाचार किया गया था ताकि बच्चों में देशभक्ति और अपने माता पिता के प्रति प्रेम बढ़ सकें। उनके अनुसार भारतीय संस्कृति में बच्चों के लिए पहले देवी देवता अपनी मां और दूसरा पिता होता है लेकिन गहलोत सरकार और उनके शिक्षा मंत्री को भारतीय संस्कृति में अब विश्वास नहीं रहा। जिसके चलते उन्होंने यह बदलाव किया है। 


बाइट- वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षा मंत्री 
विजुअल- देवनानी, गोविंद डोटासरा के।




Body:बाइट- वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षा मंत्री 
विजुअल- देवनानी, गोविंद डोटासरा के।


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