बाड़मेर. नॉमिनेशन खारिज होने के बाद पंकज चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के सामने व्यक्तिगत उपस्थित होकर सुनवाई में उन्होंने अपनी तरफ से अर्जी पेश करते हुए चुनाव लड़ने के लिए सर्टिफिकेट की मांग की थी. उसके बावजूद 10 दिन पश्चात भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने मामले पर कोई निर्णय नहीं किया और ना ही चुनाव लड़ने का प्रमाण पत्र जारी किया. यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों की साजिश है क्योंकि पश्चिमी राजस्थान में जिस तरीके से बहुजन समाज पार्टी को भारी समर्थन मिल जाता, इससे दोनों पार्टियां घबरा गई थी. जिसके चलते मेरा फॉर्म खारिज करवाया गया है.
चौधरी ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया कहता है कि जो व्यक्ति करप्शन और देशद्रोह के मामले में बर्खास्त किया गया है, उसे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. जबकि उनके पारिवारिक मामलों में बर्खास्त किया गया है. फिर भी भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें ना तो चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट दिया, न हीं इस मामले में कोई निर्णय पारित किया.
उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया विवादित मामले को 24 घंटे में निपटाने का दावा करता है लेकिन आज दिन तक तेज इंटरनेट के युग में 10 दिन होने के बावजूद भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं किया गया है जो कि मेरे साथ अन्याय है और एक तरीके से बाड़मेर जैसलमेर की गरीबों की आवाज को दबाया जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर पंकज चौधरी बुधवार को हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं.