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नामांकन खारिज होने पर बोले पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी....वसुंधरा और गहलोत ने मिलकर की मेरे खिलाफ साजिश - Pankaj Chaudhary

बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र संख्या 17 से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी का नॉमिनेशन फॉर्म बुधवार को जिला निर्वाचन अधिकारी बाड़मेर ने खारिज कर दिया है. नामांकन पत्र खारिज होने के जो कारण बताए गए है, वह यह है कि पंकज चौधरी ने अपने नॉमिनेशन फॉर्म में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया का चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट नहीं फाइल किया. नामांकन खारिज होने के बाद बुधवार को पंकज से ईटीवी ने खास बातचीत करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए.

पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी
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Published : Apr 10, 2019, 4:24 PM IST

बाड़मेर. नॉमिनेशन खारिज होने के बाद पंकज चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के सामने व्यक्तिगत उपस्थित होकर सुनवाई में उन्होंने अपनी तरफ से अर्जी पेश करते हुए चुनाव लड़ने के लिए सर्टिफिकेट की मांग की थी. उसके बावजूद 10 दिन पश्चात भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने मामले पर कोई निर्णय नहीं किया और ना ही चुनाव लड़ने का प्रमाण पत्र जारी किया. यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों की साजिश है क्योंकि पश्चिमी राजस्थान में जिस तरीके से बहुजन समाज पार्टी को भारी समर्थन मिल जाता, इससे दोनों पार्टियां घबरा गई थी. जिसके चलते मेरा फॉर्म खारिज करवाया गया है.

चौधरी ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया कहता है कि जो व्यक्ति करप्शन और देशद्रोह के मामले में बर्खास्त किया गया है, उसे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. जबकि उनके पारिवारिक मामलों में बर्खास्त किया गया है. फिर भी भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें ना तो चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट दिया, न हीं इस मामले में कोई निर्णय पारित किया.

पंकज चौधरी का भाजपा और कांग्रेस पर बड़ा आरोप

उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया विवादित मामले को 24 घंटे में निपटाने का दावा करता है लेकिन आज दिन तक तेज इंटरनेट के युग में 10 दिन होने के बावजूद भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं किया गया है जो कि मेरे साथ अन्याय है और एक तरीके से बाड़मेर जैसलमेर की गरीबों की आवाज को दबाया जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर पंकज चौधरी बुधवार को हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं.

बाड़मेर. नॉमिनेशन खारिज होने के बाद पंकज चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के सामने व्यक्तिगत उपस्थित होकर सुनवाई में उन्होंने अपनी तरफ से अर्जी पेश करते हुए चुनाव लड़ने के लिए सर्टिफिकेट की मांग की थी. उसके बावजूद 10 दिन पश्चात भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने मामले पर कोई निर्णय नहीं किया और ना ही चुनाव लड़ने का प्रमाण पत्र जारी किया. यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों की साजिश है क्योंकि पश्चिमी राजस्थान में जिस तरीके से बहुजन समाज पार्टी को भारी समर्थन मिल जाता, इससे दोनों पार्टियां घबरा गई थी. जिसके चलते मेरा फॉर्म खारिज करवाया गया है.

चौधरी ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया कहता है कि जो व्यक्ति करप्शन और देशद्रोह के मामले में बर्खास्त किया गया है, उसे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. जबकि उनके पारिवारिक मामलों में बर्खास्त किया गया है. फिर भी भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें ना तो चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट दिया, न हीं इस मामले में कोई निर्णय पारित किया.

पंकज चौधरी का भाजपा और कांग्रेस पर बड़ा आरोप

उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया विवादित मामले को 24 घंटे में निपटाने का दावा करता है लेकिन आज दिन तक तेज इंटरनेट के युग में 10 दिन होने के बावजूद भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं किया गया है जो कि मेरे साथ अन्याय है और एक तरीके से बाड़मेर जैसलमेर की गरीबों की आवाज को दबाया जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर पंकज चौधरी बुधवार को हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं.

Intro:बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र संख्या 17 से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी का नॉमिनेशंस फॉर्म बुधवार की रोड जिला निर्वाचन अधिकारी बाड़मेर ने खारिज कर दिया है नामांकन पत्र खारिज होने की जो कारण बताया गया वह यह है कि पंकज चौधरी ने अपने नॉमिनेशन फॉर्म में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया का चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट नहीं किया नामांकन खारिज होने के बाद बुधवार को पंकज से ईटीवी खास बातचीत करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए


Body:पंकज चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के सामने व्यक्तिगत उपस्थित होकर सुनवाई में उन्होंने अपनी तरफ से अर्जी पेश करते हुए चुनाव लड़ने सर्टिफिकेट की मांग की थी उसके बावजूद 10 दिन पश्चात भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया का भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया उस मामले पर कोई निर्णय नहीं किया और ना ही चुनाव लड़ने का प्रमाण पत्र जारी किया यह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों की साजिश है क्योंकि पश्चिमी राजस्थान में जिस तरीके से बहुजन समाज पार्टी को भारी समर्थन मिल जाता इससे दोनों पार्टियां घबरा गई थी जिसके चलते मेरा फोरम खारिज करवाया गया है


Conclusion:इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया कहता है कि जो व्यक्ति करप्शन और देशद्रोह के मामले में बर्खास्त किया गया है उसे चुनाव नहीं लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है जबकि उनके पारिवारिक मामलों में बर्खास्त किया गया है फिर भी भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें ना तो चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट दिया नहीं इस मामले में कोई निर्णय पारित किया इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया विवादित मामले में 24 घंटे में निपटाने का दावा करता है लेकिन आज दिन तक तेज इंटरनेट के युग में 10 दिन होने के बावजूद भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं किया गया है जो कि मेरे साथ अन्याय है और एक तरीके से बाड़मेर जैसलमेर की गरीबों की आवाज को दबाया जा रहा है इस पूरे मामले को लेकर पंकज चौधरी आज हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं
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