श्रीगंगानगर. जिले में किसानों की खराब होती फसलों को देखते हुए यहां के किसान काफी परेशान है. कर्ज में डूबता किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है. लगातार खराब होती फसलों से यहां का किसान मायूस है. फसलों के भाव नहीं मिलने और फसल खराब होने से किसान कर्ज में डूबता जा रहा है और परेशान होकर आत्महत्या को गले लगा रहे हैं. ऐसे में गंगानगर जिले के किसानों को अशोक गहलोत सरकार के पहले बजट से कर्ज माफी सहित बड़ी घोषणाओं का इंतजार है.
किसानों का कहना है कि गहलोत सरकार के बजट से यही उम्मीद है कि सरकार इस बजट में किसानों के हित का कोई अच्छा कार्य करें. किसान का कर्ज माफ हो, किसान कर्ज में डूब रहा है. उसकी स्थिति इतनी खराब है कि किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है.
सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने कहा था कि 10 दिनों में कर्ज माफी करेंगे, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है. ऐसे में किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं. किसान संतलाल कहते है कि इस बजट में किसान के हित का कोई कार्य हो तो किसान का जीवन बच सकता है. बजट में तो यही उम्मीद है कि जिंसों का भाव बढ़ाया जाए ताकि किसान का फायदा हो सके और जो कर्ज माफ की सरकार ने बात कही थी वह पूरी होनी चाहिए. वहीं पेट्रोल-डीजल पर किसानों को सब्सिडी मिली चाहिए ताकि सिंचाई के लिए किसान पर ज्यादा भार ना पड़े.
किसानों के लिए लगातार आंदोलन करने वाले किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल कहते हैं कि गहलोत सरकार ने घोषणा की थी कि कर्ज माफ होगा. ऐसे में किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए. वहीं खाद-बीज के अलावा डीजल पर किसानों के लिए सब्सिडी जारी की जानी चाहिये.
श्रीगंगानगर जिला कृषि प्रधान जिला कहलाता है. ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि यहां पर कृषि विश्वविद्यालय खोलने की सरकार घोषणा करें. रामानंद कहते हैं कि गहलोत के बजट में कृषि के लिए विशेष तौर पर किसानों के लिए कोई राहत की घोषणा हो ताकि किसान का जीवन बेहतर हो सके.
विजय रेवाड़ कहते हैं कि किसानों को गहलोत सरकार के बजट से पहली उम्मीद कर्ज माफी की है. हालांकि सरकार ने किसानों की जमीन कुर्क नहीं करने के लिए आदेश भी निकाला है. इसके अलावा कृषि प्रधान जिला होने के नाते सरकार के इस बजट में जिले के किसानों को उम्मीद है कि यहां पर एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की जाए ताकि क्षेत्र के किसानों को और ज्यादा लाभ मिल सके.