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बूंदी में करोड़ों का गबन...RTI में हुआ खुलासा, जानें पूरा मामला - oil

रसद विभाग में बड़ा गबन का मामला सामने आया है. छात्र कोटे के तहत मिलने वाला केरोसिन बंद होने के बाद भी अधिकारियों ने मिलीभगत करके अपने चाहने वाले राशन डीलरों को केरोसिन दो साल तक केरोसिन आवंटित करते रहे.

बूंदी में करोड़ों का गबन
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Published : Mar 6, 2019, 9:41 PM IST

बूंदी. रसद विभाग में बड़ा गबन का मामला सामने आया है. छात्र कोटे के तहत मिलने वाला केरोसिन बंद होने के बाद भी अधिकारियों ने मिलीभगत करके अपने चाहने वाले राशन डीलरों को केरोसिन दो साल तक केरोसिन आवंटित करते रहे.

बूंदी में करोड़ों का गबन

इस गबन का खुलासा शहर के एक समाजसेवी बुरहान बोहरा ने किया है, उन्होंने ने बूंदी रसद विभाग से इस योजना के तहत बंद होने के बाद किस-किस को केरोसिन जारी रखा गया इसको लेकर RTI लगाई थी जिसमें करोडों के गबन का खुलासा हुआ है. इस मामले के उजागर होने के बाद रसद विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है और रसद अधिकारी हुकमचदं गौतम मामले को दिखवाने की बात करके अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

बूंदी में करोड़ों का गबन

जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में आदेश जारी करते हुए कहा था कि प्रदेश में अध्यनरत छात्रों को जो छात्र कोटे में जो केरोसिन दिया जाता था वह बंद कर दिया था. यह आदेश प्रदेश में उसी दिन लागू हो गया था जिस दिन यह आदेश निकाला गया था, लेकि बूंदी रसद विभाग ने इस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया और योजना बंद होने के बाद भी केरोसिन का आंवटन कोटे में जारी रखा. इस केरोसिन को शहर की एक दुकान सहित जिले की 10 राशन डीलरों को देते रहें. अधिकारियों ने दो साल में हर एक माह में करीब 1000 लीटर तो करीब 2000 लीटर केरोसिन एक एक करके 10 डीलरों को केरोसिन देकर लाभ पहुंचाया गया है.

हालांकि सूत्रों की माने तो शहर के जिंदल राशन डीलर पर रसद विभाग ने इसी मामले में 70 लाख के केरोसिन की रिकवरी निकालते हुए कोतवाली थाना में भी एक परिवाद दिया है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर एक दुकानदार पर 70 लाख के केरोसिन का गबन सामने आया है तो जिले के अन्य 9 रशन डीलरों का आंकड़ा फिर करोड़ों तक पहुंचने की संभावना है.

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बूंदी. रसद विभाग में बड़ा गबन का मामला सामने आया है. छात्र कोटे के तहत मिलने वाला केरोसिन बंद होने के बाद भी अधिकारियों ने मिलीभगत करके अपने चाहने वाले राशन डीलरों को केरोसिन दो साल तक केरोसिन आवंटित करते रहे.

बूंदी में करोड़ों का गबन

इस गबन का खुलासा शहर के एक समाजसेवी बुरहान बोहरा ने किया है, उन्होंने ने बूंदी रसद विभाग से इस योजना के तहत बंद होने के बाद किस-किस को केरोसिन जारी रखा गया इसको लेकर RTI लगाई थी जिसमें करोडों के गबन का खुलासा हुआ है. इस मामले के उजागर होने के बाद रसद विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है और रसद अधिकारी हुकमचदं गौतम मामले को दिखवाने की बात करके अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

बूंदी में करोड़ों का गबन

जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में आदेश जारी करते हुए कहा था कि प्रदेश में अध्यनरत छात्रों को जो छात्र कोटे में जो केरोसिन दिया जाता था वह बंद कर दिया था. यह आदेश प्रदेश में उसी दिन लागू हो गया था जिस दिन यह आदेश निकाला गया था, लेकि बूंदी रसद विभाग ने इस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया और योजना बंद होने के बाद भी केरोसिन का आंवटन कोटे में जारी रखा. इस केरोसिन को शहर की एक दुकान सहित जिले की 10 राशन डीलरों को देते रहें. अधिकारियों ने दो साल में हर एक माह में करीब 1000 लीटर तो करीब 2000 लीटर केरोसिन एक एक करके 10 डीलरों को केरोसिन देकर लाभ पहुंचाया गया है.

हालांकि सूत्रों की माने तो शहर के जिंदल राशन डीलर पर रसद विभाग ने इसी मामले में 70 लाख के केरोसिन की रिकवरी निकालते हुए कोतवाली थाना में भी एक परिवाद दिया है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर एक दुकानदार पर 70 लाख के केरोसिन का गबन सामने आया है तो जिले के अन्य 9 रशन डीलरों का आंकड़ा फिर करोड़ों तक पहुंचने की संभावना है.

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Intro:बूंदी रसद विभाग में बड़ा गबन का मामला सामने आया है यहां छात्र कोटे के तहत मिलने वाला केरोसिन बंद होने के बाद भी अधिकारीयों ने मिलीभगत करके अपने चाहने वाले राशन डीलरों को केरोसिन दो साल तक आवंटित कर जारी रखा। इस बात का खुलासा शहर के एक समाजसेवी बुरहान बोहरा ने किया है उन्होंने ने बूंदी रसद विभाग से इस योजना के तहत बंद होने के बाद किस किस को केरोसिन जारी रखा गया इसको लेकर आईटीआई लगाई थी जिसमे करोडो के गबन का खुलासा हुआ है। इस मामले के उजागर होने के बाद रसद विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है और रसद अधिकारी हुकमचदं गौतम मामले को दिखवाने की बात कर रहे है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हुए नजर आ रहे है। जबकि इस मामले में अगर कार्रवाई होतो बाबू से लेकर अधिकारीयों की मिलीभगत सामने आएगी। 


Body:जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में आदेश जारी करते हुए कहा था की प्रदेश में अध्यनरत छात्रों को जो छात्र कोटे में केरोसिन दिया जाता था वह आज से बंद कर दिया जाये यह आदेश प्रदेश में उसी दिन लागु हो गया था लेकिन आदेश को बूंदी रसद विभाग ने हवा हवाई करके आदेश पर कोई ध्यान नहीं दिया और योजना बंद होने के बाद भी केरोसिन छात्र कोटे के नाम पर जारी रखा और शहर की एक दुकान सहित जिले की 10 दिनों में अपने मिलने वाले रशन डीलरों को जारी रखा और करीब आदेश के दो सालो तक केरोसिन जारी किया गया। यहां अधिकारियों ने दो सालो में हर एक माह में करीब 1000 लीटर तो करीब 2000 लीटर केरोसिन एक एक करके 10 डीलरों को केरोसिन देकर लाभ पहुंचाया गया है। 


Conclusion:हालाँकि सूत्रों की माने तो शहर के जिंदल राशन डीलर पर रसद विभाग ने इसी मामले में 70 लाख के केरोसिन की रिकवरी निकालते हुए कोतवाली थाना में भी एक परिवाद दिया है इन दस राशन डीलरों में यह भी शामिल है अब सवाल खड़ा होता है की अगर एक दुकानदार पर 70 लाख के केरोसिन का गबन सामने आया है तो जिले के अन्य 9 रशन डीलरों का आकड़ा फिर करोडो तक पहुंच गया होगा। अब देखना होगा की मामला उजागर होने के बाद रसद विभाग क्या कार्रवाई कर पाता है।  बाईट :- बुरहान बोहरा , आरटीआई कार्यकर्त्ता  बाईट :- हुकमचंद गौतम , रसद अधिकारी ,बूंदी 

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