बूंदी. रसद विभाग में बड़ा गबन का मामला सामने आया है. छात्र कोटे के तहत मिलने वाला केरोसिन बंद होने के बाद भी अधिकारियों ने मिलीभगत करके अपने चाहने वाले राशन डीलरों को केरोसिन दो साल तक केरोसिन आवंटित करते रहे.
इस गबन का खुलासा शहर के एक समाजसेवी बुरहान बोहरा ने किया है, उन्होंने ने बूंदी रसद विभाग से इस योजना के तहत बंद होने के बाद किस-किस को केरोसिन जारी रखा गया इसको लेकर RTI लगाई थी जिसमें करोडों के गबन का खुलासा हुआ है. इस मामले के उजागर होने के बाद रसद विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है और रसद अधिकारी हुकमचदं गौतम मामले को दिखवाने की बात करके अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में आदेश जारी करते हुए कहा था कि प्रदेश में अध्यनरत छात्रों को जो छात्र कोटे में जो केरोसिन दिया जाता था वह बंद कर दिया था. यह आदेश प्रदेश में उसी दिन लागू हो गया था जिस दिन यह आदेश निकाला गया था, लेकि बूंदी रसद विभाग ने इस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया और योजना बंद होने के बाद भी केरोसिन का आंवटन कोटे में जारी रखा. इस केरोसिन को शहर की एक दुकान सहित जिले की 10 राशन डीलरों को देते रहें. अधिकारियों ने दो साल में हर एक माह में करीब 1000 लीटर तो करीब 2000 लीटर केरोसिन एक एक करके 10 डीलरों को केरोसिन देकर लाभ पहुंचाया गया है.
हालांकि सूत्रों की माने तो शहर के जिंदल राशन डीलर पर रसद विभाग ने इसी मामले में 70 लाख के केरोसिन की रिकवरी निकालते हुए कोतवाली थाना में भी एक परिवाद दिया है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर एक दुकानदार पर 70 लाख के केरोसिन का गबन सामने आया है तो जिले के अन्य 9 रशन डीलरों का आंकड़ा फिर करोड़ों तक पहुंचने की संभावना है.