जयपुर. राजस्थान कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की माली हालत सुधारने और जनता का सीधा पार्टी से जुड़ाव करने के लिए क्राउडफंडिंग के जरिए चंदा जुटाने की कवायद शुरू की थी. कांग्रेस ने यह क्राउडफंडिंग पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन शुरू की थी लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की क्राउडफंडिंग में कोई खास तेजी नहीं आई है.
कांग्रेस की क्राउडफंडिंग से आम लोग तो दूर की बात है. कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता ही पार्टी फंड में ऑनलाइन चंदा देने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जबकि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में लाखों की तादात में कार्यकर्ता होने की बात कहती है तो बीते कुछ महीने में शक्ति प्रोजेक्ट से ही करीब साढ़े 7 लाख लोग जुड़ चुके हैं और यह शक्ति कार्यकर्ता कांग्रेस के सबसे अहम कार्य करता माने जा रहे हैं.
लेकिन कांग्रेस को चंदा देने में यह कार्यकर्ता भी आगे नहीं आए और कांग्रेस क्राउडफंडिंग में इन्होंने भी कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया. हालात यह है कि प्रदेश में अब तक केवल 475 लोगों ने ही क्राउडफंडिंग के जरिए पार्टी फंड में पैसा जमा कराया है जबकि हकीकत यह है कि बड़े जोर-शोर के साथ यह क्राउडफंडिंग कांग्रेस पार्टी की ओर से शुरू की गई थी लेकिन इसका रिस्पांस अब बिल्कुल ठंडा दिखाई दे रहा है.
अभी से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चाएं भी शुरू हो गई है. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से इस बारे में कई बार अपील भी की गई है कि वह खुद भी पार्टी फंड में चंदा दे और जनता को भी स्वच्छ राजनीति का संदेश देते हुए ऑनलाइन चंदा देने के लिए प्रेरित करें लेकिन पार्टी नेतृत्व के आदेशों का कार्यकर्ताओं और कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है.
कांग्रेस की क्राउडफंडिंग फेल..जनता तो दूर नेता भी नहीं दिखा रहे रुचि...5 महीने में सिर्फ 475 ने दिया चंदा
प्रदेश में कांग्रेस से साढ़े सात लाख शक्ति कार्यकर्ता जुड़े हैं लेकिन बीते 5 महीने में कांग्रेस के क्राउडफंडिंग से केवल 9 लाख 10 हज़ार 281 रुपए जुटे. आम जनता तो दूर कांग्रेस के नेता ही पार्टी को ऑनलाइन चंदा नहीं दे रहे हैं.
जयपुर. राजस्थान कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की माली हालत सुधारने और जनता का सीधा पार्टी से जुड़ाव करने के लिए क्राउडफंडिंग के जरिए चंदा जुटाने की कवायद शुरू की थी. कांग्रेस ने यह क्राउडफंडिंग पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन शुरू की थी लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की क्राउडफंडिंग में कोई खास तेजी नहीं आई है.
कांग्रेस की क्राउडफंडिंग से आम लोग तो दूर की बात है. कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता ही पार्टी फंड में ऑनलाइन चंदा देने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जबकि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में लाखों की तादात में कार्यकर्ता होने की बात कहती है तो बीते कुछ महीने में शक्ति प्रोजेक्ट से ही करीब साढ़े 7 लाख लोग जुड़ चुके हैं और यह शक्ति कार्यकर्ता कांग्रेस के सबसे अहम कार्य करता माने जा रहे हैं.
लेकिन कांग्रेस को चंदा देने में यह कार्यकर्ता भी आगे नहीं आए और कांग्रेस क्राउडफंडिंग में इन्होंने भी कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया. हालात यह है कि प्रदेश में अब तक केवल 475 लोगों ने ही क्राउडफंडिंग के जरिए पार्टी फंड में पैसा जमा कराया है जबकि हकीकत यह है कि बड़े जोर-शोर के साथ यह क्राउडफंडिंग कांग्रेस पार्टी की ओर से शुरू की गई थी लेकिन इसका रिस्पांस अब बिल्कुल ठंडा दिखाई दे रहा है.
अभी से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चाएं भी शुरू हो गई है. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से इस बारे में कई बार अपील भी की गई है कि वह खुद भी पार्टी फंड में चंदा दे और जनता को भी स्वच्छ राजनीति का संदेश देते हुए ऑनलाइन चंदा देने के लिए प्रेरित करें लेकिन पार्टी नेतृत्व के आदेशों का कार्यकर्ताओं और कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है.
Body:राजस्थान कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की माली हालत सुधारने और जनता का सीधा पार्टी से जुड़ाव करने के लिए क्राउडफंडिंग के जरिए चंदा जुटाने की कवायद शुरू की थी कांग्रेस ने यह क्राउडफंडिंग पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन शुरू की थी लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की क्राउडफंडिंग में कोई खास तेजी नहीं आई है कांग्रेस की क्राउडफंडिंग से आम लोग तो दूर की बात है कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता ही पार्टी फंड में ऑनलाइन चंदा देने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं जबकि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में लाखों की तादात में कार्यकर्ता होने की बात कहती है तो बीते कुछ महीने में शक्ति प्रोजेक्ट से ही करीब 7:30 लाख लोग जुड़ चुके हैं और यह शक्ति कार्यकर्ता कांग्रेस के सबसे अहम कार्य करता माने जा रहे हैं लेकिन कांग्रेस को चंदा देने में यह कार्यकर्ता भी आगे नहीं आए और कांग्रेस क्राउडफंडिंग में इन्होंने भी कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया हालात यह है कि प्रदेश में अब तक केवल 475 लोगों ने ही क्राउडफंडिंग के जरिए पार्टी फंड में पैसा जमा कराया है जबकि हकीकत यह है कि बड़े जोर-शोर के साथ यह क्राउडफंडिंग कांग्रेस पार्टी की ओर से शुरू की गई थी लेकिन इसका रिस्पांस अब बिल्कुल ठंडा दिखाई दे रहा है अभी से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चाएं भी शुरू हो गई है पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से इस बारे में कई बार अपील भी की गई है कि वह खुद भी पार्टी फंड में चंदा दे और जनता को भी स्वच्छ राजनीति का संदेश देते हुए ऑनलाइन चंदा देने के लिए प्रेरित करें लेकिन पार्टी नेतृत्व के आदेशों का कार्यकर्ताओं और कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है
क्राउडफंडिंग शुरू हुए 3 महीने पूरे हुए लेकिन 475 लोगों ने मिलकर दिया केवल 910281 चंदा
कांग्रेस की ओर से ऑनलाइन क्राउडफंडिंग जुटाने का काम 5 महीने पहले 15 सितंबर 2018 को जब शुरू हुआ था तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी और अब सरकार बने भी करीब ढाई महीने हो गए हैं इन 5 महीनों में कांग्रेस पार्टी को केवल 9 लाख 10 हजार 281 रुपए का ऑनलाइन चंदा मिला है और लाखों कार्यकर्ताओं जिनमें 750000 शक्ति कार्यकर्ता भी शामिल है उनके होने के बावजूद केवल 475 लोगों ने ही कांग्रेस को ऑनलाइन चंदा देने में रुचि दिखाई है इनमें भी केवल 5 लोग ही ऐसे हैं जिन्होंने पार्टी को 25,000 से ऊपर का चंदा दिया है इनमें पहले नंबर पर देवकीनंदन गुप्ता जिन्होंने 111000 का चंदा दिया इसके बाद कौशल डोडा है जिन्होंने 101000 का चंदा दिया है तीसरे नंबर पर कांग्रेस के नेता राजीव अरोड़ा है जिन्होंने 51000 का चंदा दिया चौथे नंबर पर 35000 का चंदा देने वाले पुखराज मीणा और पांचवें नंबर पर अशोक अवस्थी हैं जिन्होंने 26000 का चंदा दिया है
Conclusion: