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राइट टू हेल्थ पर सीएम गहलोत का पलटवार, जल्द कांग्रेस सरकार देगी प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार

राइट टू हेल्थ कानून को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं होने पर विपक्ष ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया तो उसका गुरूवार को सीएम गहलोत ने खुद ने पलटवार करते हुए इस बात को दोहराया कि जिस तरीके से यूपीए सरकार के वक्त खाद्य सुरक्षा, मनरेगा, सूचना का अधिकार कानून राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने लागू किया. ठीक उसी तरीके से जल्दी राइट टू हेल्थ कानून भी राज्य सरकार लेकर आएगी.

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Published : Jul 11, 2019, 4:51 PM IST

Updated : Jul 11, 2019, 5:32 PM IST

जल्द कांग्रेस सरकार देगी प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार

जयपुर. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार ने अपने पहले बजट में निशुल्क दवा योजना में 100 से अधिक दवाओं को और शामिल किया है. इसके अलावा जो दवाएं महंगी होती है. जिन बीमारियों का इलाज महंगा है. चाहे वो कैंसर हो, किडनी का इलाज हो या फिर हार्ट का उपचार, राजस्थान की गहलोत सरकार ने इन सभी को निशुल्क कराने की घोषणा कर दी है.

सीएम गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ का अधिकार हर आम और खास व्यक्ति को है. इसको लेकर राज्य सरकार पूरी तरीके से गंभीर है. जिस तरीके से पिछले शासनकाल में कांग्रेस सरकार ने निशुल्क दवा और जांच योजना शुरू की थी. उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी. यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार की तर्ज पर आयुष्मान योजना लेकर आई थी. राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार भी हमारे निशुल्क योजना की तर्ज पर भामाशाह कार्ड योजना लेकर आई थी यानि कांग्रेस सरकार के समय जो हेल्थ पर काम किए गए उनको ना केवल दुनिया ने सराहा बल्कि विपक्ष ने भी उसका अनुसरण किया.

जल्द कांग्रेस सरकार देगी प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार

सीएम गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से यूपीए सरकार के समय मनरेगा ने लोगों को काम का अधिकार मिला. उसके अलावा खाद्य सामग्री योजना जिसमें 2 रुपए किलो गेहूं और 5 रुपए किलो चावल दिया जा रहा है. इतना ही नहीं बीपीएल परिवारों को एक रुपए किलो गेहूं देने की घोषणा भी इसी कांग्रेस सरकार ने करी है. खाद्य सुरक्षा कानून हो, सूचना का अधिकार हो या मनरेगा के तहत काम का अधिकार हो इन सभी अधिकारों की युग की शुरुआत यूपीए सरकार के वक्त हुई है.

शिक्षा का अधिकार हर बच्चे को मिले इसको लेकर भी शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया. इसी तरह से राइट टू हेल्थ का भी अधिकार मिले यह कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता पर है. सीएम गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य का अधिकार भी लोगों को मिले यह जरूरी है.

दरअसल स्वास्थ्य के अधिकार कानून को लेकर लगातार के कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की गहलोत सरकार अपने पहले बजट में इस कानून को लेकर को घोषणा करेगी और इसी विधानसभा सत्र के दौरान राइट टू हेल्थ बिल सदन में रखा जाएगा. इसको लेकर विपक्ष ने बजट घोषणा होने के ठीक बाद सवाल भी खड़े किए थे. कहा था कि सरकार राइट टू हेल्थ अधिकारों की बात करती है लेकिन स्वास्थ्य को लेकर कोई बड़ी घोषणा सरकार की तरफ से नहीं करी गई. विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में जवाब दिया.

जयपुर. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार ने अपने पहले बजट में निशुल्क दवा योजना में 100 से अधिक दवाओं को और शामिल किया है. इसके अलावा जो दवाएं महंगी होती है. जिन बीमारियों का इलाज महंगा है. चाहे वो कैंसर हो, किडनी का इलाज हो या फिर हार्ट का उपचार, राजस्थान की गहलोत सरकार ने इन सभी को निशुल्क कराने की घोषणा कर दी है.

सीएम गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ का अधिकार हर आम और खास व्यक्ति को है. इसको लेकर राज्य सरकार पूरी तरीके से गंभीर है. जिस तरीके से पिछले शासनकाल में कांग्रेस सरकार ने निशुल्क दवा और जांच योजना शुरू की थी. उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी. यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार की तर्ज पर आयुष्मान योजना लेकर आई थी. राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार भी हमारे निशुल्क योजना की तर्ज पर भामाशाह कार्ड योजना लेकर आई थी यानि कांग्रेस सरकार के समय जो हेल्थ पर काम किए गए उनको ना केवल दुनिया ने सराहा बल्कि विपक्ष ने भी उसका अनुसरण किया.

जल्द कांग्रेस सरकार देगी प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार

सीएम गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से यूपीए सरकार के समय मनरेगा ने लोगों को काम का अधिकार मिला. उसके अलावा खाद्य सामग्री योजना जिसमें 2 रुपए किलो गेहूं और 5 रुपए किलो चावल दिया जा रहा है. इतना ही नहीं बीपीएल परिवारों को एक रुपए किलो गेहूं देने की घोषणा भी इसी कांग्रेस सरकार ने करी है. खाद्य सुरक्षा कानून हो, सूचना का अधिकार हो या मनरेगा के तहत काम का अधिकार हो इन सभी अधिकारों की युग की शुरुआत यूपीए सरकार के वक्त हुई है.

शिक्षा का अधिकार हर बच्चे को मिले इसको लेकर भी शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया. इसी तरह से राइट टू हेल्थ का भी अधिकार मिले यह कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता पर है. सीएम गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य का अधिकार भी लोगों को मिले यह जरूरी है.

दरअसल स्वास्थ्य के अधिकार कानून को लेकर लगातार के कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की गहलोत सरकार अपने पहले बजट में इस कानून को लेकर को घोषणा करेगी और इसी विधानसभा सत्र के दौरान राइट टू हेल्थ बिल सदन में रखा जाएगा. इसको लेकर विपक्ष ने बजट घोषणा होने के ठीक बाद सवाल भी खड़े किए थे. कहा था कि सरकार राइट टू हेल्थ अधिकारों की बात करती है लेकिन स्वास्थ्य को लेकर कोई बड़ी घोषणा सरकार की तरफ से नहीं करी गई. विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में जवाब दिया.

Intro:
जयपुर

NOTE:- इस खबर की फीड लाइव यू से भेजी गई है अशोक गहलोत के नाम से । सीएम गहलोत की ये बाइट आखरी में बोल रहा है ,

राइट टू हेल्थ पर सीएम गहलोत का पलटवार , जल्द कोंग्रेस सरकार देगी प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार

एंकर:- राइट टू हेल्थ कानून को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं होने पर विपक्ष ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया तो उसका आज सीएम गहलोत ने खुद ने पलटवार करते हुए इस बात को दोहराया कि जिस तरीके से यूपीए सरकार के वक्त खाद्य सुरक्षा मनरेगा सूचना का अधिकार कानून राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने लागू किया ठीक उसी तरीके से जल्दी राइट टू हेल्थ कानून भी राज्य सरकार लेकर आएगी

एंकर:-


Body:VO:- सीएम गहलोत ने कहां की सरकार ने अपने पहले बजट में निशुल्क दवा योजना में 100 से अधिक दवाओं को और शामिल किया है इसके अलावा जो दवाएं महंगी होती है एज इन बीमारियों का इलाज महंगा है चाय पी लो कैंसर हो किडनी का इलाज हो या फिर हॉट का उपचार राजस्थान की गहलोत सरकार ने इन सभी को निशुल्क कराने की घोषणा कर दी है सीएम गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ का अधिकार हर आम और खास व्यक्ति को है इसको लेकर राज्य सरकार पूरी तरीके से गंभीर है जिस तरीके से पिछले शासनकाल में कांग्रेस सरकार ने निशुल्क दवा और जांच योजना शुरू की थी उसका पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार की तर्ज पर आयुष्मान योजना लेकर आई थी राज्य की पूर्ववर्ती बसपा सरकार भी हमारे निशुल्क योजना की तर्ज पर भामाशाह कार्ड योजना लेकर आई थी यानी कांग्रेस सरकार के समय जो हेल्थ पर काम किए गए उनको ना केवल दुनिया ने सराहा बल्कि विपक्ष ने भी उसका अनुसरण किया सीएम गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से यूपीए सरकार के समय मनरेगा या ने लोगों को काम का अधिकार मिले योजना लेकर आए थे उसके अलावा खाद्य सामग्री योजना जिसमें ₹2 किलो गेहूं और ₹5 किलो चावल दिया जा रहा है इतने नहीं बीपीएल परिवारों को एक रुपए किलो गेहूं देने की घोषणा भी इसी कांग्रेस सरकार ने करी है खाद्य सुरक्षा कानून को सूचना का अधिकार हो या मनरेगा के तहत काम का अधिकार हो इन सभी अधिकारों की युग की शुरुआत यूपीए सरकार के वक्त हुई है शिक्षा का अधिकार हर बच्चे को मिले इसको लेकर भी शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया इसी तरह से राइट टू हेल्थ कभी अधिकार मिले यह कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता पर है सीएम गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य का अधिकार भी लोगों को मिले यह जरूरी है ।
बाइट:- अशोक गहलोत - सीएम


Conclusion:VO:- दरअसल स्वास्थ्य के अधिकार कानून को लेकर लगातार के कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की गहलोत सरकार अपने पहले बजट में इस कानून को लेकर को घोषणा करेगी और इसी विधानसभा सत्र के दौरान राइट टू हेल्प बिल सदन में रखा जाएगा इसको लेकर विपक्ष ने बजट घोषणा होने के ठीक बाद सवाल भी खड़े किए थे कहा था कि सरकार राइट टू हेल्थ अधिकारों की बात करती है लेकिन स्वास्थ्य को लेकर कोई बड़ी घोषणा सरकार की तरफ से नहीं करी गई विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में दिया
Last Updated : Jul 11, 2019, 5:32 PM IST
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