अलवर. जिले में इस बार सरसों की बंपर पैदावार हुई है इससे व्यापारी वर्ग और किसान खुश नजर आ रहे हैं. मंडी में प्रतिदिन 25000 कट्टे सरसों की आवक हो रही है. मंडी व्यापारियों का कहना है 5 साल बाद अलवर में अच्छी सरसों की पैदावार हुई है.
दरअसल, अलवर की सरसों और सरसों का तेल देश विदेश में सप्लाई होता है इसके चलते जिले की सरसों की डिमांड भी अच्छी खासी रहती है. अलवर मंडी सरसो मंडी के नाम से भी जानी जाती है. इसका बड़ा कारण अलवर जिले में सरसों की पैदावार और क्षेत्र में चल रही तेल मिल है. अलवर का तेल उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, झारखंड सहित पूरे देश भर में सप्लाई होता है तो वहीं आसपास के कुछ देशों में भी जिले के तेल की डिमांड रहती है. इसलिए ज्यादातर सरसों अलवर में चलने वाली तेल मिल खरीद लेती है इसके चलते किसानों को उनकी उपज के अच्छे भाव मिल जाते हैं.
मार्च माह से अलवर में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है, इस बार अच्छी बारिश के चलते सरसों की पैदावार भी ठीक हुई है. एक बीघा खेत में आमतौर पर 20 से 25 मण सरसों होती है, लेकिन इस बार करीब 40 मण की पैदावार एक बीघा में हुई है. वहीं नई सरसों के भाव 3000 से 3500 रुपए प्रति क्विन्टल चल रहे हैं.
मंडी व्यापारी विजेंद्र गोयल ने बताया कि सरसों की आवक से साफ है कि आने वाले दिनों में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कट्टे सरसों की आवक होगी. वहीं अभी सरसों के भाव कम चल रहे हैं जिसका सबसे बड़ा कारण सरसों में नमी है. वहीं व्यापारियों का कहना है कि जैसे-जैसे सरसों सूखेगी और पुरानी होगी इसके भावों में बढ़ोतरी होगी.