नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान चाहती है तो विधानसभा सत्र के दौरान ही गुर्जर सहित 5 जातियों के आरक्षण का बिल लेकर आए और उसे पास कराए ताकि उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाए. कटारिया के अनुसार भाजपा सरकार इस मामले में सहयोग करेगी.
कटारिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के मंत्री इस मामले में गुर्जर समाज को भ्रमित करने वाले बयान दे रहे हैं जबकि गुर्जरों से जुड़ा आरक्षण का मामला केंद्र के स्तर पर पूरे देश के स्तर पर लागू होना है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश सरकार पहले राजस्थान में इस संबंध में बिल पास कर केंद्र को भेजें.
कटारिया से जब पूछा गया कि अभी नई सरकार को बने 2 महीने हुए है. इससे पहले प्रदेश में भी भाजपा की सरकार थी. ऐसे में उस वक्त भी आरक्षण पर बिल पर प्रस्ताव पेश कर केंद्र को भेजा जा सकता था. इस पर जवाब देते हुए कटारिया ने कहा कि ये सब राजनैतिक सवाल है. हमने जब 2003 में आरक्षण बिल पेश किया था उसके बाद 2009 से 2014 तक किसकी सरकार थी. इस तरह से ऐसे सवालों से समाधान नहीं निकलेगा. जरुरी है कि साथ बैठकर समाधान निकाला जाए. गुर्जरों को भ्रमित किए बिना उनसे बात की जाए.
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गुर्जर समाज से आने वाले प्रदेश सरकार के खेल मंत्री अशोक चंदना के अनुसार गुर्जर समाज के आरक्षण की मांग बिल्कुल वाजिब है. चांदना के अनुसार प्रदेश सरकार गुर्जर समाज की मांग लेकर गंभीर है और इसके लिए लगातार वार्ता के द्वार भी खोले गए हैं. चांदना खुद आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी अपने बयान के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा जता चुके हैं. ऐसे में समाज उग्र ना होकर सरकार पर विश्वास रखें.
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