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गुर्जर आरक्षण पर बीजेपी के विचार: कटारिया बोले....पहले गहलोत सरकार प्रस्ताव पारित करे...तभी तो केन्द्र कुछ कदम उठाएगा

जयपुर. प्रदेश में 5 फीसदी आरक्षण की मांग पर गुर्जर आंदोलन लगातार तेज हो रहा है लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा के नेता इस मामले में लगातार सियासी बयान बाजी करने में जुटे हैं.

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Published : Feb 11, 2019, 1:27 PM IST

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान चाहती है तो विधानसभा सत्र के दौरान ही गुर्जर सहित 5 जातियों के आरक्षण का बिल लेकर आए और उसे पास कराए ताकि उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाए. कटारिया के अनुसार भाजपा सरकार इस मामले में सहयोग करेगी.
कटारिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के मंत्री इस मामले में गुर्जर समाज को भ्रमित करने वाले बयान दे रहे हैं जबकि गुर्जरों से जुड़ा आरक्षण का मामला केंद्र के स्तर पर पूरे देश के स्तर पर लागू होना है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश सरकार पहले राजस्थान में इस संबंध में बिल पास कर केंद्र को भेजें.
कटारिया से जब पूछा गया कि अभी नई सरकार को बने 2 महीने हुए है. इससे पहले प्रदेश में भी भाजपा की सरकार थी. ऐसे में उस वक्त भी आरक्षण पर बिल पर प्रस्ताव पेश कर केंद्र को भेजा जा सकता था. इस पर जवाब देते हुए कटारिया ने कहा कि ये सब राजनैतिक सवाल है. हमने जब 2003 में आरक्षण बिल पेश किया था उसके बाद 2009 से 2014 तक किसकी सरकार थी. इस तरह से ऐसे सवालों से समाधान नहीं निकलेगा. जरुरी है कि साथ बैठकर समाधान निकाला जाए. गुर्जरों को भ्रमित किए बिना उनसे बात की जाए.

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गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा.
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गुर्जर समाज से आने वाले प्रदेश सरकार के खेल मंत्री अशोक चंदना के अनुसार गुर्जर समाज के आरक्षण की मांग बिल्कुल वाजिब है. चांदना के अनुसार प्रदेश सरकार गुर्जर समाज की मांग लेकर गंभीर है और इसके लिए लगातार वार्ता के द्वार भी खोले गए हैं. चांदना खुद आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी अपने बयान के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा जता चुके हैं. ऐसे में समाज उग्र ना होकर सरकार पर विश्वास रखें.

अशोक चांदना, खेल मंत्री, राजस्थान सरकार

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चांदना ही नहीं गहलोत सरकार से सारे मंत्री गुर्जर मामले में डिफेंसिव नजर आ रहे हैं. चांदना के बयान से साफ है कि उन्हें कुछ भी ज्यादा बोलने से रोका गया है. मामला गंभीर है. वहीं इस मामले को लेकर विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन काफी हंगामा हुआ.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान चाहती है तो विधानसभा सत्र के दौरान ही गुर्जर सहित 5 जातियों के आरक्षण का बिल लेकर आए और उसे पास कराए ताकि उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाए. कटारिया के अनुसार भाजपा सरकार इस मामले में सहयोग करेगी.
कटारिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के मंत्री इस मामले में गुर्जर समाज को भ्रमित करने वाले बयान दे रहे हैं जबकि गुर्जरों से जुड़ा आरक्षण का मामला केंद्र के स्तर पर पूरे देश के स्तर पर लागू होना है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश सरकार पहले राजस्थान में इस संबंध में बिल पास कर केंद्र को भेजें.
कटारिया से जब पूछा गया कि अभी नई सरकार को बने 2 महीने हुए है. इससे पहले प्रदेश में भी भाजपा की सरकार थी. ऐसे में उस वक्त भी आरक्षण पर बिल पर प्रस्ताव पेश कर केंद्र को भेजा जा सकता था. इस पर जवाब देते हुए कटारिया ने कहा कि ये सब राजनैतिक सवाल है. हमने जब 2003 में आरक्षण बिल पेश किया था उसके बाद 2009 से 2014 तक किसकी सरकार थी. इस तरह से ऐसे सवालों से समाधान नहीं निकलेगा. जरुरी है कि साथ बैठकर समाधान निकाला जाए. गुर्जरों को भ्रमित किए बिना उनसे बात की जाए.

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गुलाबचंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा.
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गुर्जर समाज से आने वाले प्रदेश सरकार के खेल मंत्री अशोक चंदना के अनुसार गुर्जर समाज के आरक्षण की मांग बिल्कुल वाजिब है. चांदना के अनुसार प्रदेश सरकार गुर्जर समाज की मांग लेकर गंभीर है और इसके लिए लगातार वार्ता के द्वार भी खोले गए हैं. चांदना खुद आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी अपने बयान के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा जता चुके हैं. ऐसे में समाज उग्र ना होकर सरकार पर विश्वास रखें.

अशोक चांदना, खेल मंत्री, राजस्थान सरकार

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चांदना ही नहीं गहलोत सरकार से सारे मंत्री गुर्जर मामले में डिफेंसिव नजर आ रहे हैं. चांदना के बयान से साफ है कि उन्हें कुछ भी ज्यादा बोलने से रोका गया है. मामला गंभीर है. वहीं इस मामले को लेकर विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन काफी हंगामा हुआ.
Intro:गुर्जर आरक्षण आंदोलन तेज लेकिन आरोप प्रत्यारोप में उलजी भाजपा कांग्रेस

गहलोत सरकार केंद्र के पाले में डाल रही गेंद, तो भाजपा विधानसभा में बिल पास करने की कर रहे मांग

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने दिया बयान

कहा-गहलोत विधानसभा में पास करें बिल,हम केंद्र सरकार से दिलाएंगे सहयोग

जयपुर
प्रदेश में 5 फ़ीसदी आरक्षण की मांग पर गुर्जर आंदोलन लगातार तेज हो रहा है लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा के नेता इस मामले में लगातार सियासी बयान बाजी करने में जुटे हैं। प्रदेश की गहलोत सरकार के मंत्री इस मामले में केंद्र सरकार के पाले में डालते हुए इस मामले में कुछ भी निर्णय करने का अधिकार केंद्र को होने की बात कहते हैं साथ ही यह भी कहते हैं कि प्रदेश सरकार बुजुर्गों की हर मांग का समाधान चाहती है इसलिए वार्ता के द्वार खुले हैं। भाजपा विधायक इस पूरे मामले में प्रदेश की सरकार की नियत पर ही सवाल उठा रहे है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान चाहती है तो विधानसभा सत्र के दौरान ही गुर्जर सहित 5 जातियों के आरक्षण का बिल लेकर आए और उसे पास कराया ताकि उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाए।कटारिया के अनुसार भाजपा सरकार इस मामले में सहयोग करेंगी। कटारिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के मंत्री इस मामले में गुर्जर समाज को भ्रमित करने वाले बयान दे रहे हैं जबकि गुर्जरों से जुड़ा आरक्षण का मामला केंद्र के स्तर पर पूरे देश के स्तर पर लागू होना है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश सरकार पहले राजस्थान में इस संबंध में बिल पास कर केंद्र को भेजें । वहीं गुर्जर समाज से आने वाले प्रदेश सरकार के खेल मंत्री अशोक चंदना के अनुसार गुर्जर समाज के आरक्षण की मांग बिल्कुल वाजिब है चांदना के अनुसार प्रदेश सरकार गुर्जर समाज की मांग लेकर गंभीर है और इसके लिए लगातार वार्ता के द्वार भी बोले गए हैं चांदनी खुद आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी अपने बयान के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा जता चुके हैं। ऐसे में समाज उग्र ना होकर सरकार पर विश्वास रखें।

बाइट-गुलाबचंद कटारिया,नेता प्रतिपक्ष
बाइट-अशोक चांदना, खेलमंत्री


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बाइट-अशोक चांदना, खेलमंत्री


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