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भाजपा नेत्री विजयश्री राजपुरोहित ने निर्दलीय के तौर पर ठोकी ताल...देवजी पटेल की बढ़ी मुश्किलें

लोकसभा चुनाव में जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे देवजी पटेल पर बीजेपी ने अपना दांव खेला है लेकिन नामांकन के अंतिम समय में भाजपा नेत्री विजयश्री राजपुरोहित ने अपना नामांकन दाखिल करके भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी.

देवजी पटेल की बढ़ी मुश्किलें
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Published : Apr 13, 2019, 2:53 PM IST

जालोर. विजयश्री के नामांकन भरने के बाद से अब देवजी पटेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब नामांकन वापसी के लिए भी भाजपा के पदाधिकारियों की ओर से कोशिश भी की गई लेकिन कोशिश सफल नहीं हो सकी. मूलतः आहोर उपखंड की रहने वाली विजयश्री राजपुरोहित ने इसी लोकसभा सीट से भाजपा से टिकट की दावेदारी जताई थी लेकिन पार्टी ने दरकिनार कर भाजपा का प्रत्याशी देवजी को बनाया था.

ऐसे में अब निर्दलीय तौर पर चुनावी मैदान में विजयश्री उतरी हैं. जिसके बाद अब माना जा रहा है कि विजयश्री जो भी वोट लाएगी वो भाजपा के ही होंगे. जिससे साफ है कि विजयश्री के मैदान में होने से भाजपा को सीधे तौर पर नुकसान होगा.

देवजी पटेल की लगातार बढ़ रही हैं मुश्किलें
लोकसभा चुनावों की तैयारियों में पर्यवेक्षक जालोर आये थे तभी भाजपा के कई नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की थी. उस समय तो देवजी पटेल का पलड़ा भारी रहा और बीजेपी ने टिकट दे दी लेकिन मुश्किलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. भाजपा के कद्दावर नेता जीवाराम चौधरी के नाराजगी को लेकर काफी चर्चा चली लेकिन बाद में आपसी समझौता हो गया. देवजी पर लगातार भाजपा के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं पर नजर अंदाज और जातिवाद करने का आरोप लग रहा है. वहीं अब राजपुरोहित समाज से विजयश्री का चुनावी मैदान में उतरने से राजपुरोहित समाज के वोटों में भी सेंध लगेगी. जिससे सीधा नुकसान भाजपा को होगा.

देवजी पटेल की बढ़ी मुश्किलें

गजापुरा प्रकरण बना गले की हड्डी
रानीवाड़ा उपखंड के गजापुरा गांव में करीबन 3 साल पहले राजपूत समाज और चौधरी समाज के बीच में एक विवाद हुआ था. इस विवाद में देवजी पटेल आधी रात को गजापुरा पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को बुलाया. उसी रात को हुए हंगामे में बहुत बवाल मचा. राजपूत समाज ने इस मामले में देवजी पटेल पर जातिवाद करने का आरोप लगाया. इसी मामले में राजपूत समाज लामबंद हुआ. दूसरे जिले सिरोही के पुलिस के आलाधिकारियों से मामले की जांच करवाई गई.
विपक्ष के नेता यहां तक आरोप लगाते है कि देवजी पटेल ने कई इज्जतदार लोगों के घरों में पुलिस पर दबाव देकर रेड करवाई थी. यह मामला इतना बढ़ा की उस समय सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तक यह बात गई. उसके बाद अब चुनावों में राजपूत समाज उस प्रकरण के चलते भाजपा से दूरी बनाए हुए है.

जालोर. विजयश्री के नामांकन भरने के बाद से अब देवजी पटेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब नामांकन वापसी के लिए भी भाजपा के पदाधिकारियों की ओर से कोशिश भी की गई लेकिन कोशिश सफल नहीं हो सकी. मूलतः आहोर उपखंड की रहने वाली विजयश्री राजपुरोहित ने इसी लोकसभा सीट से भाजपा से टिकट की दावेदारी जताई थी लेकिन पार्टी ने दरकिनार कर भाजपा का प्रत्याशी देवजी को बनाया था.

ऐसे में अब निर्दलीय तौर पर चुनावी मैदान में विजयश्री उतरी हैं. जिसके बाद अब माना जा रहा है कि विजयश्री जो भी वोट लाएगी वो भाजपा के ही होंगे. जिससे साफ है कि विजयश्री के मैदान में होने से भाजपा को सीधे तौर पर नुकसान होगा.

देवजी पटेल की लगातार बढ़ रही हैं मुश्किलें
लोकसभा चुनावों की तैयारियों में पर्यवेक्षक जालोर आये थे तभी भाजपा के कई नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की थी. उस समय तो देवजी पटेल का पलड़ा भारी रहा और बीजेपी ने टिकट दे दी लेकिन मुश्किलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. भाजपा के कद्दावर नेता जीवाराम चौधरी के नाराजगी को लेकर काफी चर्चा चली लेकिन बाद में आपसी समझौता हो गया. देवजी पर लगातार भाजपा के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं पर नजर अंदाज और जातिवाद करने का आरोप लग रहा है. वहीं अब राजपुरोहित समाज से विजयश्री का चुनावी मैदान में उतरने से राजपुरोहित समाज के वोटों में भी सेंध लगेगी. जिससे सीधा नुकसान भाजपा को होगा.

देवजी पटेल की बढ़ी मुश्किलें

गजापुरा प्रकरण बना गले की हड्डी
रानीवाड़ा उपखंड के गजापुरा गांव में करीबन 3 साल पहले राजपूत समाज और चौधरी समाज के बीच में एक विवाद हुआ था. इस विवाद में देवजी पटेल आधी रात को गजापुरा पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को बुलाया. उसी रात को हुए हंगामे में बहुत बवाल मचा. राजपूत समाज ने इस मामले में देवजी पटेल पर जातिवाद करने का आरोप लगाया. इसी मामले में राजपूत समाज लामबंद हुआ. दूसरे जिले सिरोही के पुलिस के आलाधिकारियों से मामले की जांच करवाई गई.
विपक्ष के नेता यहां तक आरोप लगाते है कि देवजी पटेल ने कई इज्जतदार लोगों के घरों में पुलिस पर दबाव देकर रेड करवाई थी. यह मामला इतना बढ़ा की उस समय सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तक यह बात गई. उसके बाद अब चुनावों में राजपूत समाज उस प्रकरण के चलते भाजपा से दूरी बनाए हुए है.

Intro:भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल की बढ़ी मुश्किले, भाजपा नेत्री विजय श्री राजपुरोहित निर्दलीय तौर पर मैदान में, गजापुरा प्रकरण के चलते लग रहे है जातिवाद के आरोप
- भाजपा से मांगी थी राजपुरोहित ने टिकट, पार्टी ने नहीं दी तो निर्दलीय उतरी मैदान में
जालोर
लोकसभा चुनाव में जालोर सिरोही सांसद संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे देवजी पटेल को पर अपना दांव खेला है, लेकिन नामांकन के अंतिम समय में भाजपा नेत्री विजयश्री राजपुरोहित ने अपना नामांकन दाखिल करके भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी। अब नामांकन वापसी के लिए भी भाजपा के पदाधिकारियों की ओर से कोशिश भी की गई, लेकिन कोशिश सफल नहीं हो सकी। मूलतः आहोर उपखंड की रहने वाली विजयश्री राजपुरोहित ने इसी लोकसभा सीट से भाजपा से टिकट की दावेदारी जताई थी, लेकिन पार्टी ने दरकिनार कर भाजपा का प्रत्याशी देवजी को बनाया था। ऐसे में अब निर्दलीय तौर पर चुनावी मैदान में विजयश्री उतरी है। जिसके बाद अब माना जा रहा है कि विजयश्री जो भी वोट लाएगी वो भाजपा के ही होंगे। जिससे साफ है कि विजयश्री के मैदान में होने से भाजपा को सीधे तौर पर नुकसान होगा।
देवजी पटेल की लगातार बढ़ रही है मुश्किलें
लोकसभा चुनावों की तैयारियों में पर्यवेक्षक जालोर आये थे तभी भाजपा के कई नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की थी। उस समय तो देवजी पटेल का पलड़ा भारी रहा और बीजेपी ने टिकट दे दी, लेकिन मुश्किलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। भाजपा के कद्दावर नेता जीवाराम चौधरी के नाराजगी को लेकर काफी चर्चा चली लेकिन बाद में आपसी समझौता हो गया, लेकिन देवजी पर लगातार भाजपा के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं पर नजर अंदाज व जातिवाद करने का आरोप लग रहा है। वहीं अब राजपुरोहित समाज से विजयश्री का चुनावी मैदान में उतरने से राजपुरोहित समाज के वोटों में भी सेंध लगेगी। जिससे सीधा नुकसान भाजपा को होगा।
गजापुरा प्रकरण बना गले की हड्डी
रानीवाड़ा उपखंड के गजापुरा गांव में करीबन 3 साल पहले राजपूत समाज व चौधरी समाज के बीच में एक विवाद हुआ था। इस विवाद में देवजी पटेल आधी रात को गजापुरा पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को बुलाया। उसी रात को हुए हंगामे में बहुत बबाल मचा। राजपूत समाज ने इस मामले में देवजी पटेल पर जातिवाद करने का आरोप लगाया। इसी मामले में राजपूत समाज लामबंद हुआ दूसरे जिले सिरोही के पुलिस के आलाधिकारियों से मामले की जांच करवाई गई। विपक्ष के नेता यहां तक आरोप लगाते है कि देवजी पटेल ने कई इज्जतदार लोगों के घरों में पुलिस पर दबाव देकर रेड करवाई थी। यह मामला इतना बढ़ा की उस समय सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तक यह बात गई। उसके बाद अब चुनावों में राजपूत समाज उस प्रकरण के चलते भाजपा से दूरी बनाये हुए है।


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