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पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में दहाड़ मार रही है ATAGS गन - rajasthan

जैसलमेर में भारत की पहली उच्च क्षमता की स्वदेशी लंबी दूरी एटीएजीएस गन दहाड़ मार रही है. एटीएजीएस गन 155 मिनी बंदूक और उन्नत टॉप आर्टिलरी गन सिस्टम परीक्षण जैसलमेर में पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ है. जो आगामी 5 दिनों तक चलेगा.

पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में दहाड़ मार रही है ATAGS गन
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Published : May 28, 2019, 12:42 PM IST

जैसलमेर. जिले के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार से भारत की पहली उच्च क्षमता वाली स्वदेशी लंबी रेंज गन और धनुष की सप्लीमेंट गन अटैक एटीएजीएस फायरिंग रेंज का ट्रायल शुरू हो गया है. अक्टूबर और अगस्त 18 में उनके अंतिम परीक्षणों में बंदूक ने 47.2 लंबी दूरी तय की थी. जो दुनिया की सबसे लंबी दूरी थी.

बता दें कि सेना ने प्रारंभिक निर्देशों और गुणात्मक आवश्यकताओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. डीआरडीओ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस गन का ट्रायल चल रहा है. सूत्रों ने बताया है कि पहले 2 दिन में 48 राउंड फायर किए गए हैं और इस राउंड फायर की टेबल बनाई जा रही है.

पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में दहाड़ मार रही है ATAGS गन

सैन्य सूत्रों ने बताया कि दो गन अभी परीक्षण के दौर से गुजर रही हैं. एक और गन 1 महीने में परीक्षण में शामिल हो जाएगी. अब तक विकास प्रक्रिया के हिस्से के रूप में 10 बंदूकों के उत्पादन की मंजूरी है. सूत्रों के अनुसार ATAGS को रक्षा अनुसंधान और रक्षा संगठन द्वारा दो समांतर पटरियों पर विकसित किया जा रहा है . इससे भारतीय सेना अधिक मजबूत होगी.

जैसलमेर. जिले के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार से भारत की पहली उच्च क्षमता वाली स्वदेशी लंबी रेंज गन और धनुष की सप्लीमेंट गन अटैक एटीएजीएस फायरिंग रेंज का ट्रायल शुरू हो गया है. अक्टूबर और अगस्त 18 में उनके अंतिम परीक्षणों में बंदूक ने 47.2 लंबी दूरी तय की थी. जो दुनिया की सबसे लंबी दूरी थी.

बता दें कि सेना ने प्रारंभिक निर्देशों और गुणात्मक आवश्यकताओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. डीआरडीओ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस गन का ट्रायल चल रहा है. सूत्रों ने बताया है कि पहले 2 दिन में 48 राउंड फायर किए गए हैं और इस राउंड फायर की टेबल बनाई जा रही है.

पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में दहाड़ मार रही है ATAGS गन

सैन्य सूत्रों ने बताया कि दो गन अभी परीक्षण के दौर से गुजर रही हैं. एक और गन 1 महीने में परीक्षण में शामिल हो जाएगी. अब तक विकास प्रक्रिया के हिस्से के रूप में 10 बंदूकों के उत्पादन की मंजूरी है. सूत्रों के अनुसार ATAGS को रक्षा अनुसंधान और रक्षा संगठन द्वारा दो समांतर पटरियों पर विकसित किया जा रहा है . इससे भारतीय सेना अधिक मजबूत होगी.

Intro:मनीष व्यास जैसलमेर

सीमावर्ती जिले जैसलमेर में भारत की पहली उच्च क्षमता स्वदेशी लंबी दूरी ATAGS गन दहाड़ मार रही है। ATAGS गन 155 मिनी बंदूक और उन्नत टॉप आर्टिलरी गन सिस्टम परीक्षण जैसलमेर जिले में पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ है ।जो आगामी यह 5 दिनों तक चलेगा । ए एफ एस एस एस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ द्वारा दो समांतर परियों पर विकसित किया जा रहा है ।इसे भारतीय सेना की अधिक मजबूत तोपखाना बनाने के लिए 50 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाली स्वदेशी बंदूक जो चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली नई चुनौतियों से निपटने के लिए है।



Body:जैसलमेर जिले के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार से भारत की पहली उच्च क्षमता वाली स्वदेशी लंबी रेंज गन और धनुष की सप्लीमेंट गन अटैक एजीएस फायरिंग रेंज का ट्रायल शुरू हो गया है ।अक्टूबर और अगस्त 18 में उनके अंतिम परीक्षणों में बंदूक ने 47.2 लंबी दूरी तय की थी । जो दुनिया की सबसे लंबी दूरी थी सेना ने प्रारंभिक निर्देशों और गुणात्मक आवश्यकताओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। डीआरडीओ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस गन का ट्रायल चल रहा है सूत्रों ने बताया है कि पहले 2 दिन में 48 राउंड फायर किए गए हैं और इस राउंड फायर की टेबल बनाई जा रही है।


Conclusion:सैन्य सूत्रों ने बताया कि दो गन के अभी परीक्षण के दौर से गुजर रही है। एक और दो गन के 1 महीने में परीक्षण में शामिल हो जाएगी ।अब तक विकास प्रक्रिया के हिस्से के रूप में 10 बंदूकों के उत्पादन की मंजूरी है। सूत्रों के अनुसार ATAGS को रक्षा अनुसंधान एवं रक्षा संगठन द्वारा दो समांतर पटरियों पर विकसित किया जा रहा है .

नोट इस खबर के विजुअल एफटीपी किए गए हैं जो निम्न नाम से प्रेषित है
rj_jsl_atags_gun_trial_01_rj10014
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