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अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में चमकी बुखार की वजह से अलर्ट जारी - राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल

अलवर के राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में चमकी बुखार की वजह से अलर्ट जारी कर दिया गया है. हालांकि अलवर में अभी तक चमकी बुखार का कोई मामला सामने नहीं आया है.

चमकी बुखार की वजह से अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में अलर्ट जारी
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Published : Jun 20, 2019, 12:48 PM IST

अलवर. बिहार के मुजफ्फरनगर में फैल रहे चमकी बुखार के प्रतिदिन कई मामले सामने आ रहे हैं. जिसे देखते अलवर के सबसे बड़े राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा ने चमकी बुखार से बचने के उपाये भी बताये.

चमकी बुखार की वजह से अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में अलर्ट जारी

प्रभारी ने बताया कि चमकी बुखार से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है. चमकी बुखार का अभी तक कोई टीका और दवाई नहीं बनी है. यह बुखार वायरस से फैलता है. इसलिए अन्य वायरल के हिसाब से ही ट्रीटमेंट किया जाता है. चमकी बुखार को ईसफेलाईटिस कहा जाता है.

उन्होंने बताया कि चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए बच्चों को धूप से दूर रखें, अधिक से अधिक पानी का सेवन करें, हलका साधारण खाना खिलाए, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें, खाली पेट लिची ना खिलाएं. रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा जरूर खिलाएं, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें, रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरे बदन का कपड़ा पहनाऐ, सड़े गए फल का सेवन ना करें और ताजा फल का ही सेवन करना चाहिए, बच्चों के शरीर में पानी की कमी ना होने दें.

डॉ महेश शर्मा ने चमकी बुखार के लक्षण के बारे में भी बात की . उन्होंने लक्षणों में अचानक तेज बुखार आना, हाथ पैर में अकड़ आना/ टाइट हो जाना, बच्चों का बेहोश हो जाना या करेडा आना,बच्चों के शरीर का चमकना/ शरीर का कांपना, शरीर पर चकत्ता निकलना, ग्लूकोज का शरीर में कम हो जाना और शुगर कम हो जाना शामिल है. उन्होंने कहा कि यह बीमारी 10 साल तक के बच्चों को अधिक अटैक कर रही है. आप अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखें, कोई भी लक्षण नजर आए तो शीघ्र अस्पताल पहुंचे/ डॉक्टर से संपर्क करें.

अलवर. बिहार के मुजफ्फरनगर में फैल रहे चमकी बुखार के प्रतिदिन कई मामले सामने आ रहे हैं. जिसे देखते अलवर के सबसे बड़े राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा ने चमकी बुखार से बचने के उपाये भी बताये.

चमकी बुखार की वजह से अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में अलर्ट जारी

प्रभारी ने बताया कि चमकी बुखार से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है. चमकी बुखार का अभी तक कोई टीका और दवाई नहीं बनी है. यह बुखार वायरस से फैलता है. इसलिए अन्य वायरल के हिसाब से ही ट्रीटमेंट किया जाता है. चमकी बुखार को ईसफेलाईटिस कहा जाता है.

उन्होंने बताया कि चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए बच्चों को धूप से दूर रखें, अधिक से अधिक पानी का सेवन करें, हलका साधारण खाना खिलाए, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें, खाली पेट लिची ना खिलाएं. रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा जरूर खिलाएं, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें, रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरे बदन का कपड़ा पहनाऐ, सड़े गए फल का सेवन ना करें और ताजा फल का ही सेवन करना चाहिए, बच्चों के शरीर में पानी की कमी ना होने दें.

डॉ महेश शर्मा ने चमकी बुखार के लक्षण के बारे में भी बात की . उन्होंने लक्षणों में अचानक तेज बुखार आना, हाथ पैर में अकड़ आना/ टाइट हो जाना, बच्चों का बेहोश हो जाना या करेडा आना,बच्चों के शरीर का चमकना/ शरीर का कांपना, शरीर पर चकत्ता निकलना, ग्लूकोज का शरीर में कम हो जाना और शुगर कम हो जाना शामिल है. उन्होंने कहा कि यह बीमारी 10 साल तक के बच्चों को अधिक अटैक कर रही है. आप अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखें, कोई भी लक्षण नजर आए तो शीघ्र अस्पताल पहुंचे/ डॉक्टर से संपर्क करें.

Intro:अलवर जिले के सबसे बड़े राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में चमकी बुखार की वजह से अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि अलवर में अभी तक चमकी बुखार का कोई मामला नहीं है। इसके बावजूद शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा ने बिहार के मुजफ्फरनगर में फैल रहे चमकी बुखार के बारे में बताते हुए कहा कि चमकी बुखार से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है।


Body:आपको बता दें कि इसका अभी तक कोई टीका और दवाई नहीं बनी है। यह बुखार वायरस से फैलता है। इसलिए अन्य वायरल के हिसाब से ही ट्रीटमेंट किया जाता है। चमकी बुखार को ईसफेलाईटिस कहा जाता है। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए बच्चों को धूप से दूर रखें, अधिक से अधिक पानी का सेवन करें, हलका साधारण खाना खिलाए, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें, खाली पेट लिची ना खिलाए। रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा जरूर खिलाएं, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें, रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरे बदन का कपड़ा पहनाऐ, सड़े गए फल का सेवन ना करें और ताजा फल का ही सेवन करना चाहिए, बच्चों के शरीर में पानी की कमी ना होने दे और अधिक से अधिक बच्चों को पानी पिलाया।


Conclusion:डॉ महेश शर्मा ने बताया कि चमकी बुखार के लक्षण की बात करें तो बच्चे को अचानक तेज बुखार आना, हाथ पैर मैं अकड़ आना/ टाइट हो जाना, बच्चों का बेहोश हो जाना या करेडा आना,बच्चों के शरीर का चमकना/ शरीर का कांपना, शरीर पर चकत्ता निकलना, ग्लूकोज का शरीर में कम हो जाना और शुगर कम हो जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी 10 साल तक के बच्चों को अधिक अटैक कर रही है। आप अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखें, कोई भी लक्षण नजर आए तो शीघ्र अस्पताल पहुंचे/ डॉक्टर से संपर्क करें।
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