जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय ने झारखंड महादेव मंदिर के पास क्वींस रोड पर स्थित करीब 10 बीघा से अधिक जमीन के स्वामित्व के संबंध में भाजपा नेता राखी राठौड़ के परिजनों की ओर से दायर दावे को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने माना कि वादी ने स्वयं इस संपत्ति पर अतिक्रमण की हैसियत से कब्जा कर रखा है. जमीन का टाइटल वादी के पास होने के बजाय इसका नामांतरण सेना के नाम से है. अदालत ने यह आदेश वर्ष 1997 में मानसिंह की ओर से दायर दावे को खारिज करते हुए दिए.
दावे में कहा गया कि क्वींस रोड स्थित सालियावास गांव की खसरा नंबर 69 कि यह भूमि जयपुर रियासत के समय शिकारखाने की चौकी थी. वादी ने रियासत के समय सैन्य सेवा में रहते हुए इसे नीलामी में खरीदा था. ऐसे में भारत सरकार को पाबंद किया जाए कि वह उसे बेदखल ना करें. वहीं केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह नरूका ने अदालत को बताया कि वादी को नीलामी में मिली भूमि सड़क सीमा में आ चुकी है.
रिकॉर्ड में सेना के नाम दर्ज इस भूमि पर वादी ने अतिक्रमण कर रखा है. संपदा अधिकारी ने 1976 में इसे खाली करने का नोटिस भी वादी को दिया था. वादी की ओर से इस आदेश के खिलाफ दायर अपील भी 1 अप्रैल 1976 को खारिज हो चुकी है. जिसके खिलाफ आगे अपील भी नहीं की गई. जमीन का नामांतरण सेना के नाम होने के चलते दावे को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दावे को खारिज कर जमीन को सेना की मानी है.