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देश के विकास और सुख-शांति के लिए 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ में भक्तों ने डाली आहूतियां - religious program

जयपुर के जयसिंहपुरा खोर के तेजाजी मंदिर में 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया गया. देश के विकास और सुख-शांति के लिए हुए इस यज्ञ में भक्तों ने आहूतियां दी...

11 Kundiya Mahalaxmi Mahayagya held in jaipur
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Published : May 29, 2019, 10:33 PM IST

जयपुर . राजधानी के जयसिंहपुरा खोर के तेजाजी मंदिर में 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया गया. महायज्ञ महंत बालयोगी रामनोमीदास और आचार्य घनश्याम वेदाचार्य के सानिध्य में किया गया. देश के विकास और सुख शांति के लिए हुए 9 दिवसीय महालक्ष्मी महायज्ञ शुभारंभ विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार के साथ किया गया. इसके बाद हवन कुंडों में आहूतियां दी गई. महायज्ञ में पूरे देश भर से लोग पहुंचे. साथ ही हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से भी कई संत इस महायज्ञ में शामिल हुए.

देश के विकास और सुख-शांति के लिए 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ में भक्तों ने डाली आहूतियां

महायज्ञ के दौरान भागवत महापुराण के पाठ भी किए गए. वहीं, अच्छी वर्षा के लिए भी यज्ञ में आहुतियां दी गई. आचार्य घनश्याम वैद्य ने बताया कि 11 कुंडीय महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारंभ 22 को किया गया. इस अवसर पर कलश यात्रा भी निकाली गई. जिसमें 1100 कलशो के साथ महिलाएं शामिल हुई. पंडित विजय कुमार शास्त्री ने बताया कि यज्ञ यज्ञ से उठने वाले धुंआ से वातावरण में भी शुद्धता आती है. वही, स्थानीय पार्षद ग्यारसी लाल माली ने बताया कि देश के विकास के लिए महालक्ष्मी यज्ञ किया गया है. साथ ही महंत बालयोगी रामनोमीदास महाराज ने अग्नि तप किया है.

जयपुर . राजधानी के जयसिंहपुरा खोर के तेजाजी मंदिर में 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया गया. महायज्ञ महंत बालयोगी रामनोमीदास और आचार्य घनश्याम वेदाचार्य के सानिध्य में किया गया. देश के विकास और सुख शांति के लिए हुए 9 दिवसीय महालक्ष्मी महायज्ञ शुभारंभ विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार के साथ किया गया. इसके बाद हवन कुंडों में आहूतियां दी गई. महायज्ञ में पूरे देश भर से लोग पहुंचे. साथ ही हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से भी कई संत इस महायज्ञ में शामिल हुए.

देश के विकास और सुख-शांति के लिए 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ में भक्तों ने डाली आहूतियां

महायज्ञ के दौरान भागवत महापुराण के पाठ भी किए गए. वहीं, अच्छी वर्षा के लिए भी यज्ञ में आहुतियां दी गई. आचार्य घनश्याम वैद्य ने बताया कि 11 कुंडीय महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारंभ 22 को किया गया. इस अवसर पर कलश यात्रा भी निकाली गई. जिसमें 1100 कलशो के साथ महिलाएं शामिल हुई. पंडित विजय कुमार शास्त्री ने बताया कि यज्ञ यज्ञ से उठने वाले धुंआ से वातावरण में भी शुद्धता आती है. वही, स्थानीय पार्षद ग्यारसी लाल माली ने बताया कि देश के विकास के लिए महालक्ष्मी यज्ञ किया गया है. साथ ही महंत बालयोगी रामनोमीदास महाराज ने अग्नि तप किया है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर के जयसिंहपुरा खोर के तेजाजी मंदिर में 11 कुंडीय महालक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया गया। महायज्ञ परम तपस्वी 108 महंत बालयोगी रामनोमीदास महाराज और आचार्य घनश्याम वेदाचार्य के सानिध्य में किया गया।


Body:देश के विकास और सुख शांति के लिए 9 दिवसीय महालक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया गया। महायज्ञ का शुभारंभ विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार के साथ किया गया। इसके बाद हवन कुंडों में लाखों आहुतियां दी गई। महायज्ञ में पूरे देश भर से लोग पहुंचे। साथ ही हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से भी कई संत इस महायज्ञ में शामिल हुए। महायज्ञ के दौरान भागवत महापुराण के पाठ भी किए गए। जिसमें दूरदराज से भक्त पहुंचे। वही अच्छी वर्षा के लिए भी यज्ञ में आहुतियां दी गई। महालक्ष्मी यज्ञ के अंतिम दिन आज लाखों आहुतियां देने के बाद भक्तों के लिए भोजन प्रसादी का भी आयोजन किया गया।
आचार्य घनश्याम वैद्य आचार्य ने बताया कि 21 मुंडिया महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारंभ 22 मई से 29 मई तक किया गया जिसमें आतंकवाद, उग्रवाद और सभी तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए लाखों आहुतियां दी गई। देश के अलग-अलग राज्यों से कई संत भी इस महायज्ञ में शामिल हुए। अच्छी बारिश के लिए भागवत महापुराण के पाठ भी किए गए। इस अवसर पर विशाल कलश यात्रा भी निकाली गई। जिसमें 1100 कलशो के साथ महिलाएं शामिल हुई।
पंडित विजय कुमार शास्त्री ने बताया कि यज्ञ के माध्यम से देवताओं को आहुतियां प्राप्त होती है। जिससे हमारे क्षेत्र में अन्न, धन-धान्य, पानी और विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति में चहुंमुखी विकास होता है। यज्ञ से उठने वाले धुंआ से वातावरण में भी शुद्धता आती है।
स्थानीय पार्षद ग्यारसी लाल माली ने बताया कि देश के विकास के लिए महालक्ष्मी यज्ञ किया गया है। जिसमें तपस्वी 108 महंत बालयोगी रामनोमीदास महाराज ने अग्नि के बीच बैठकर अग्नि तप किया है।

बाईट- आचार्य घनश्याम वेदाचार्य, महाराज
बाईट- ग्यारसी लाल माली, पार्षद









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