बूंदी. बाल संरक्षण इकाई, बाल अधिकारिता विभाग और वर्ल्डविजन संस्था के सहयोग से सुरक्षित बचपन, संरक्षित बचपन विषय पर जिला स्तरीय समेकित बाल संरक्षण और क्षमता वर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गयाा. जिसमें जिलेभर से आए अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान बाल अपराध, गुड टच बैड टच के बारे में अधिकारियों को वक्ताओं ने जानकारी दी.
बता दें कि कार्यशाला में बच्चों के लिए देखभाल सुविधा पालक और किशोर न्याय अधिनियम सहित कई एक्ट के बारे में पुलिस की भूमिका को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही कार्यशाला में उद्घाटन सत्र में दो टेक्निकल सत्र और समापन सत्र हुआ. इससे पूर्व दीप प्रज्वलन कर स्वागत उद्बोधन जिला बाल संरक्षण इकाई सहायक निदेशक जगदीश प्रसाद सांवरिया और वर्ल्डविजन के डायरेक्टर अजय कुमार की ओर से किया गया.
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों का संचालन किशोर न्याय सदस्य राजकुमार दाधीच ने किया. कार्यशाला में बाल संरक्षण के वातावरण का निर्माण करना और बच्चों को कमजोर करने की ओर ले जाने वाले सामाजिक प्रतिबंधों, किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 के समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों के लिए समन्वय स्थापित करने पर चर्चा की गई.
वहीं बच्चों की प्रभावी पुनर्वास के लिए प्रत्येक स्तर पर उत्तरदाई बालिकाओं और आगे बढ़ने के तरीकों को समझाने, बच्चों के लिए वैकल्पिक देखभाल और सुविधा के लिए पालक किशोर न्याय अधिनियम 2015, अधिनियम 2012, पोक्सो एक्ट और पुलिस की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई. वहीं द्वितीय सत्र के पश्चात कोमन फिल्म दिखाई गई जो बाल संरक्षण पर आधारित थी.
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बता दें कि कार्यशाला में बूंदी जिले के 18 थानों के पुलिस बाल कल्याण अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा विभाग के विभिन्न संस्थानों और विभागों के प्रभारी प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित हुए. कार्यशाला के अंत में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवा करने वाले सभी लोगों को सम्मानित किया गया. वहीं कार्यशाला का समापन पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पौधे चिन्ह के रूप में समस्त अधिकारीगण को स्मृति के रूप में दिया गया.