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बूंदी : जान जोखिम में डालकर 5 फीट पानी में अंतिम यात्रा ले जाने की मजबूरी.. - graveyard

5 दिन पहले मोटरसाइकिल स्लिप होने की वजह से 16 साल के एक किशोर की मौत हो गई थी. उसी दुर्घटना में घायल एक अन्य बुजुर्ग महिला की आज मौत हो गई. जिसके परिजन उसे मुक्तिधाम अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे, लेकिन उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

5 फीट पानी से गुजरती अंतिम यात्रा
5 फीट पानी से गुजरती अंतिम यात्रा
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Published : Sep 22, 2021, 10:29 PM IST

बूंदी. जिले में 5 फीट गहरे पानी से अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा ले जाने की ये तस्वीरें सवाल पैदा करती हैं. घटना जिले के बंदूदा ग्राम पंचायत के ठीकरिया कला गांव की है. गांव की आबादी करीब 700 है, लेकिन गांव में आने-जाने वाला रास्ता हर बार बारिश में पानी से लबालब हो जाता है.

यहां तक कि श्मशान घाट जाने वाले मार्ग पर भी 5 फीट पर पानी जमा हो जाता है. ऐसे में किसी की मौत हो जाने पर मजबूरन ग्रामीणों को इसी पानी से होकर अंतिम यात्रा निकालनी पड़ती है. 5 दिन पहले मोटरसाइकिल स्लिप होने की वजह से 16 साल के एक किशोर की मौत हो गई थी. उसी दुर्घटना में घायल एक अन्य बुजुर्ग महिला की आज मौत हो गई. जिसके परिजन उसे मुक्तिधाम अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे, लेकिन उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

5 फीट पानी से गुजरती अंतिम यात्रा

पढ़ें- जयपुर शहर में करोड़ों रुपए की चोरी करने वाला अंतरराष्ट्रीय बांग्लादेशी नकबजन गिरफ्तार, वारदात को अंजाम देकर भाग जाता था बांग्लादेश

ठीकरिया कला गांव के नदी पार क्षेत्र निवासी पृथ्वीराज जाट ने बताया कि बुजुर्ग महिला भवानी भाई गुर्जर की मृत्यु हो गई थी. उसका अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान में ले जाने के लिए रास्ता नहीं था, मजबूरन 5 फीट पानी से होकर गुजरना पड़ा, इसमें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी.

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के समय गाव में हमेशा किसी की भी मौत होने पर अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों व ग्रामीणों को नदी पार ले जाकर मृतक का दाह संस्कार करना पड़ता है. इसके लिए ग्रामीणों व परिजनों को भारी कठिनाई का सामना करते हैं. ग्रामीण कई बार संभागीय आयुक्त से लेकर जिला कलेक्टर तक रास्ते की समस्या को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कई वषों से समाधान नहीं हो रहा है.

बूंदी. जिले में 5 फीट गहरे पानी से अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा ले जाने की ये तस्वीरें सवाल पैदा करती हैं. घटना जिले के बंदूदा ग्राम पंचायत के ठीकरिया कला गांव की है. गांव की आबादी करीब 700 है, लेकिन गांव में आने-जाने वाला रास्ता हर बार बारिश में पानी से लबालब हो जाता है.

यहां तक कि श्मशान घाट जाने वाले मार्ग पर भी 5 फीट पर पानी जमा हो जाता है. ऐसे में किसी की मौत हो जाने पर मजबूरन ग्रामीणों को इसी पानी से होकर अंतिम यात्रा निकालनी पड़ती है. 5 दिन पहले मोटरसाइकिल स्लिप होने की वजह से 16 साल के एक किशोर की मौत हो गई थी. उसी दुर्घटना में घायल एक अन्य बुजुर्ग महिला की आज मौत हो गई. जिसके परिजन उसे मुक्तिधाम अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे, लेकिन उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

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ठीकरिया कला गांव के नदी पार क्षेत्र निवासी पृथ्वीराज जाट ने बताया कि बुजुर्ग महिला भवानी भाई गुर्जर की मृत्यु हो गई थी. उसका अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान में ले जाने के लिए रास्ता नहीं था, मजबूरन 5 फीट पानी से होकर गुजरना पड़ा, इसमें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी.

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के समय गाव में हमेशा किसी की भी मौत होने पर अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों व ग्रामीणों को नदी पार ले जाकर मृतक का दाह संस्कार करना पड़ता है. इसके लिए ग्रामीणों व परिजनों को भारी कठिनाई का सामना करते हैं. ग्रामीण कई बार संभागीय आयुक्त से लेकर जिला कलेक्टर तक रास्ते की समस्या को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कई वषों से समाधान नहीं हो रहा है.

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