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बूंदी के आश्रय गृह में बच्चों को यातनाएं, बाल कल्याण समिति ने कहा - दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई - Torture children in Bundi shelter

बूंदी के आश्रय गृह में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार व उन्हें यातनाएं देने का मामला सामने आया है. बूंदी के टैगोर आश्रय गृह में बच्चों से मारपीट व अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में एकबारगी हड़कंप मच गया. वहीं बाल कल्याण समिति के सदस्य भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने बच्चों से मारपीट व अमानवीय व्यवहार की पड़ताल की. जहां पर बच्चों ने उन्हें बताया कि उनके साथ इस तरह की घटना हुई है तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. उन्होंने इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को बताई और कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

बूंदी के आश्रय गृह में बच्चों को यातनाएं, Torture children in Bundi shelter, Bundi News
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Published : Sep 23, 2019, 11:35 PM IST

बूंदी. असहाय व बेसहारा बच्चों का आश्रय गृह माने जाना वाला शहर का टैगोर आश्रय गृह ही बच्चों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. आश्रय गृह में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार व यातनाएं देने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामले की सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति से जुड़े पदाधिकारी रिलायंस पेट्रोल पंप के पास स्थित टैगोर आश्रय गृह पहुंचे. जहां उन्होंने बच्चों से बात कर पूरे घटनाक्रम को जाना. जिसमें बच्चों ने हाउस फादर लोकेश सैन द्वारा बच्चों के साथ मारपीट किए जाने व अमानवीय यातनाएं देने का आरोप लगाया.

बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी पहुंचे आश्रय गृह और बच्चों से ली पूरे मामले की जानकारी

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज महावर ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ बीती रात मारपीट करने व उन्हें यातनाएं देने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर हम आश्रय गृह का दौरा करने पहुंचे हैं. जांच में पता चला है कि आश्रय गृह के फादर लोकेश सैन ने बच्चों द्वारा मस्ती करने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया. साथ ही उनके साथ मारपीट की. यही नहीं उन बच्चों से उठक-बैठक तक लगवाई गई. बच्चों का आरोप है कि टॉयलेट, बाथरुम साफ करवाएं व बरामदा साफ करवाया. जिससे बच्चे डर गए. उनके शरीर पर डंडों के निशान पड़े हुए थे तथा बच्चों का चलना- फिरना तक मुश्किल हो रहा था.

यह भी पढ़ें : उप चुनाव की तैयारियां पूरी, जल्द करेंगे उम्मीदवारों की घोषणा : सचिन पायलट

इस घटना के बाद सभी बच्चे सहमे हुए हैं. बच्चों में इस कदर खौफ का माहौल बना हुआ है कि हमने उनसे बात करनी चाही, लेकिन वह बात तक नहीं कर पाए. सारी बात प्यार से पूछने पर सही बात सामने आई. यह सुनकर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी हैरान रह गए. बाल कल्याण समिति ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हो, ऐसी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : आर्टिकल 370 हटने से सचिन पायलट को भी खुश होना चाहिए: नितिन गडकरी

उनका कहना रहा कि बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए. इस तरीके की मारपीट की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब इस मामले में बाल कल्याण समिति ने संचालक, फादर तथा स्टाफ कर्मियों पर कार्रवाई की बात कही है और जिला प्रशासन को इस मामले में अवगत करवाया है. लेकिन इस तरीके की घटना सामने आना कहीं न कहीं बड़ा सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर मासूम सुरक्षित रहे तो रहे कहां.

बूंदी. असहाय व बेसहारा बच्चों का आश्रय गृह माने जाना वाला शहर का टैगोर आश्रय गृह ही बच्चों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. आश्रय गृह में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार व यातनाएं देने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामले की सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति से जुड़े पदाधिकारी रिलायंस पेट्रोल पंप के पास स्थित टैगोर आश्रय गृह पहुंचे. जहां उन्होंने बच्चों से बात कर पूरे घटनाक्रम को जाना. जिसमें बच्चों ने हाउस फादर लोकेश सैन द्वारा बच्चों के साथ मारपीट किए जाने व अमानवीय यातनाएं देने का आरोप लगाया.

बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी पहुंचे आश्रय गृह और बच्चों से ली पूरे मामले की जानकारी

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज महावर ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ बीती रात मारपीट करने व उन्हें यातनाएं देने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर हम आश्रय गृह का दौरा करने पहुंचे हैं. जांच में पता चला है कि आश्रय गृह के फादर लोकेश सैन ने बच्चों द्वारा मस्ती करने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया. साथ ही उनके साथ मारपीट की. यही नहीं उन बच्चों से उठक-बैठक तक लगवाई गई. बच्चों का आरोप है कि टॉयलेट, बाथरुम साफ करवाएं व बरामदा साफ करवाया. जिससे बच्चे डर गए. उनके शरीर पर डंडों के निशान पड़े हुए थे तथा बच्चों का चलना- फिरना तक मुश्किल हो रहा था.

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इस घटना के बाद सभी बच्चे सहमे हुए हैं. बच्चों में इस कदर खौफ का माहौल बना हुआ है कि हमने उनसे बात करनी चाही, लेकिन वह बात तक नहीं कर पाए. सारी बात प्यार से पूछने पर सही बात सामने आई. यह सुनकर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी हैरान रह गए. बाल कल्याण समिति ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हो, ऐसी कार्रवाई की जाएगी.

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उनका कहना रहा कि बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए. इस तरीके की मारपीट की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब इस मामले में बाल कल्याण समिति ने संचालक, फादर तथा स्टाफ कर्मियों पर कार्रवाई की बात कही है और जिला प्रशासन को इस मामले में अवगत करवाया है. लेकिन इस तरीके की घटना सामने आना कहीं न कहीं बड़ा सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर मासूम सुरक्षित रहे तो रहे कहां.

Intro:बूंदी के टैगोर आश्रय गृह में बच्चों से मारपीट व अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। यहां पर बाल कल्याण समिति के सदस्य मौके पर पहुंचे और उन्होंने बच्चों से मारपीट व अमानवीय व्यवहार की पड़ताल की जहां पर बच्चों ने उन्हें बताया कि उनके साथ इस तरह की घटना हुई है तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। उन्होंने इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को बताइ और कड़ी कार्रवाई की बात कही है ।


Body:बूंदी । आशय व बेसहारा बच्चों का आश्रय गृह माने जाने वाला शहर का टैगोर आश्रय गृह ही बच्चों के लिए ग्रह बना हुआ है । आश्रय गृह के हाउस फादर लोकेशन सेन द्वारा बच्चों के साथ मानवीय व्यवहार व यातना देने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया । मामले की सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति रिलायंस पेट्रोल पंप के पास स्थित टैगोर आश्रय गृह पहुंचे जहां बच्चों से बात करके घटनाक्रम को जाना । जिसमें हाउस फादर लोकेश सेन द्वारा बच्चों के साथ मारपीट अमानवीय यातनाएं देने व अत्याचार करने की पुष्टि हुई ।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज महावर ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ बीती रात मारपीट करने व यातनाएं देने का मामला सामने आया है जिसको लेकर हमने आश्रय गृह का दौरा करने पहुंचे हैं । जांच में पता चला है कि आश्रय गृह के फादर लोकेश सेन ने बच्चों द्वारा मस्ती करने पर अमानवीय व्यवहार किया उनके साथ मारपीट की यही नहीं उन बच्चों से 100 से 200 उठक बैठक भी लगवाई । बच्चों का आरोप है कि लैट्रिंन ,बाथरुम साफ करवाएं व बरामदा साफ करवाया ओर जबरन अंडे खाने को बोला गया । जिससे बच्चे डर गए उनके शरीर पर डंडों के निशान पढ़ रहे थे तथा बच्चों को चलना फिरना तक नहीं आ रहा था । घटना के बाद सभी बच्चे सहमे हुए हैं । बच्चों में इस कदर खोफ पैदा हुआ कि हमने उनसे बात करना चाहा लेकिन वह बात तक नहीं कर पाए । सारी बात प्यार से पूछने पर ही बच्चों ने हमसे बात की । यह सुनकर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी भोचक्के रह गए। उन्होंने बाल कल्याण समिति ने इस घटना के बाद घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो ऐसी कार्रवाई की जाएगी बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार हो अच्छी तरह उनके साथ हो लेकिन इस तरीके की मारपीट तक आ जाता देने की घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।


Conclusion:अब इस मामले में बाल कल्याण समिति ने संचालक, फादर तथा स्टाफ कर्मियों पर कार्रवाई की बात कही है और जिला प्रशासन को इस मामले में अवगत करवाया है । लेकिन इस तरीके की घटना सामने आना कहने कहीं बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर मासूम रहे तो सुरक्षित कहां रहे । घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है इस तरीके से बच्चों के साथ मारपीट करना कहने कहीं फादर का अमानवीय चेहरा है ।

बाईट - चुतर्भुज महावर , अध्यक्ष , बाल कल्याण समिति
बाईट - पीड़ित
बाईट - पीड़ित
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