बूंदी. असहाय व बेसहारा बच्चों का आश्रय गृह माने जाना वाला शहर का टैगोर आश्रय गृह ही बच्चों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. आश्रय गृह में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार व यातनाएं देने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामले की सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति से जुड़े पदाधिकारी रिलायंस पेट्रोल पंप के पास स्थित टैगोर आश्रय गृह पहुंचे. जहां उन्होंने बच्चों से बात कर पूरे घटनाक्रम को जाना. जिसमें बच्चों ने हाउस फादर लोकेश सैन द्वारा बच्चों के साथ मारपीट किए जाने व अमानवीय यातनाएं देने का आरोप लगाया.
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज महावर ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ बीती रात मारपीट करने व उन्हें यातनाएं देने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर हम आश्रय गृह का दौरा करने पहुंचे हैं. जांच में पता चला है कि आश्रय गृह के फादर लोकेश सैन ने बच्चों द्वारा मस्ती करने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया. साथ ही उनके साथ मारपीट की. यही नहीं उन बच्चों से उठक-बैठक तक लगवाई गई. बच्चों का आरोप है कि टॉयलेट, बाथरुम साफ करवाएं व बरामदा साफ करवाया. जिससे बच्चे डर गए. उनके शरीर पर डंडों के निशान पड़े हुए थे तथा बच्चों का चलना- फिरना तक मुश्किल हो रहा था.
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इस घटना के बाद सभी बच्चे सहमे हुए हैं. बच्चों में इस कदर खौफ का माहौल बना हुआ है कि हमने उनसे बात करनी चाही, लेकिन वह बात तक नहीं कर पाए. सारी बात प्यार से पूछने पर सही बात सामने आई. यह सुनकर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी हैरान रह गए. बाल कल्याण समिति ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हो, ऐसी कार्रवाई की जाएगी.
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उनका कहना रहा कि बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए. इस तरीके की मारपीट की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब इस मामले में बाल कल्याण समिति ने संचालक, फादर तथा स्टाफ कर्मियों पर कार्रवाई की बात कही है और जिला प्रशासन को इस मामले में अवगत करवाया है. लेकिन इस तरीके की घटना सामने आना कहीं न कहीं बड़ा सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर मासूम सुरक्षित रहे तो रहे कहां.