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बंगाल की तीस्ता नदी में डूबे 2 युवकों का 12 दिन बाद भी सुराग नहीं, परिजन बोलें- अंतिम सांस तक करेंगे संघर्ष

पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी में कार के साथ डूबे बूंदी के युवकों का अभी तक पता नहीं लग पाया है. परिजनों के घरों में मातम पसरा हुआ है वहीं जिला कलेक्टर की ओर से स्थानीय जिला प्रशासन से भी सम्पर्क साधा जा रहा है.

युवकों का अभी तक नहीं लग पाया पता
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Published : Jul 21, 2019, 12:01 AM IST

बूंदी. पश्चिम बंगाल की तीस्ता नदी में 12 दिन पहले कार सहित पानी में समाए बूंदी के दो युवकों का शनिवार तक भी पता नहीं लग पाया है. जिसके चलते परिजनों के मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें लगातार बढ़ती जा रही है. इस मामले में जिला कलेक्टर ने भी गंभीरता दिखाते हुए मौके पर आरएएस रेंक के अधिकारी को भिजवाया है और पल-पल की रिपोर्ट मांगी जा रही है. मौके पर एनडीआरएफ सेना की टीम पानी में रेस्क्यू कर रही है और अभियान जारी है. ऐसे में परिजन आस लगाए बैठे हैं कि वह अंतिम सांस तक भी संघर्ष करते रहेंगे. उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे सुरक्षित वहां आएंगे.

दरअसल, बूंदी के तीन युवक 12 दिन पूर्व निजी मोबाइल कंपनी के ट्यूर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जा रहे थे तभी वह सिलीगुड़ी इलाके में तीस्ता नदी पर अचानक से कार सहित करीब 200 फीट खाई में जा गिरे. कार में सवार बूंदी के तीन युवक व चालक पानी में लापता हो गए. मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने लोकल राफ्टिंग टीम के माध्यम से अभियान चलाया तो कार के कुछ साक्ष्य उन्हें मिले जिसकी सूचना पुलिस द्वारा की गई तो बूंदी के तीन युवक व स्थानीय कार चालक रूप में शिनाख्त हुई.

परिजन बोले अंतिम सांस तक करेंगे संघर्ष

दो युवक अभी भी लापता
मौके पर पहुंचे परिजनों के सामने एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया. घटना के 3 दिन बाद बूंदी के अमन गर्ग नामक युवक का शव निकला जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर प्राप्त हुआ, उसके बाद से कार चालक और बूंदी के दो युवक गौरव शर्मा व गोपाल नरवानी का पता अभी तक नहीं चल पाया है.

ऐसे में लगातार पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात से रोज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है. मौके पर मृतकों के परिजन टकटकी लगाए बैठे हैं. उन्हें आशा है कि उनके खोए हुए बच्चे वापस आएंगे. इसी आस में वहां रोज आते हैं और शाम को रेस्क्यू समाप्त होने के साथ चले जाते हैं.

घर में पसरा है मातम
वहीं बूंदी में परिजनों की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है. यहां पर दोनों युवकों के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. घर में मातम पसरा हुआ है और परिजनों द्वारा भगवान आस की जा रही है कि उनके पुत्र वापस घर पर सुरक्षित लौट आए. लेकिन घटना के 12 दिन बाद भी अभी तक बूंदी के दोनों युवकों का पता नहीं चल पाया है जिससे परिजनों को चिंता सता रही है.

इस मामले में जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने गंभीरता दिखाई. साथ ही बीजेपी के प्रदेश प्रतिनिधि रुपेश शर्मा ने भी लगातार उच्च अधिकारी से संपर्क कर मामले को गंभीरता से लिया और यहां से आरएस रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में टीम को मौके पर भिजवाया गया जहां मौके पर टीम अपनी निगाह बनाई हुई है और पल-पल की अपडेट जिला कलेक्टर को दे रही है.

हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की की मांग
घटना के 12 दिन बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं लगने पर फिर से परिजन जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने रेस्क्यू अभियान धीमी गति से चलने की बात कही और फिर से रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के माध्यम से चलाए जाने की मांग की.

कलेक्टर-कलेक्टर के बीच हो रहा लगातार सम्पर्क
इस पर जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने कहा कि सरकार से लगातार हमारी बात हो रही है और बूंदी से एक सीनियर अधिकारी को भिजवाया गया है जो मौके पर हालातों का जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. मेरी भी वहां के एसपी और कलेक्टर से लगातार दूरभाष पर बात हो रही है और हर संभव मदद हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं.

हर शाम खाली लौट आती है टीम
परिजनों का कहना है कि प्रशासन चाहे कुछ भी करें, कैसे भी करें लेकिन हमें हमारे बेटे को वापस ला दे. उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे वापस घर पर सुरक्षित लौट कर आएंगे. घटना के बाद अभी तक वहां की लोकल टीम कि ओर से कार रेस्क्यू तक नहीं हो सकी है. कार के कुछ अंश उन्हें मिले हैं. अब रोज सेना द्वारा एनडीआरएफ की टीम द्वारा नदी में रेस्क्यू चलाया जाता है लेकिन शाम को वापस टीम खाली हाथ लौट जाती है. देखना होगा कि अब कितने दिन और लगेंगे जब बूंदी के दो युवक और वहां के कार चालक का पता लग जाएगा.

बूंदी. पश्चिम बंगाल की तीस्ता नदी में 12 दिन पहले कार सहित पानी में समाए बूंदी के दो युवकों का शनिवार तक भी पता नहीं लग पाया है. जिसके चलते परिजनों के मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें लगातार बढ़ती जा रही है. इस मामले में जिला कलेक्टर ने भी गंभीरता दिखाते हुए मौके पर आरएएस रेंक के अधिकारी को भिजवाया है और पल-पल की रिपोर्ट मांगी जा रही है. मौके पर एनडीआरएफ सेना की टीम पानी में रेस्क्यू कर रही है और अभियान जारी है. ऐसे में परिजन आस लगाए बैठे हैं कि वह अंतिम सांस तक भी संघर्ष करते रहेंगे. उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे सुरक्षित वहां आएंगे.

दरअसल, बूंदी के तीन युवक 12 दिन पूर्व निजी मोबाइल कंपनी के ट्यूर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जा रहे थे तभी वह सिलीगुड़ी इलाके में तीस्ता नदी पर अचानक से कार सहित करीब 200 फीट खाई में जा गिरे. कार में सवार बूंदी के तीन युवक व चालक पानी में लापता हो गए. मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने लोकल राफ्टिंग टीम के माध्यम से अभियान चलाया तो कार के कुछ साक्ष्य उन्हें मिले जिसकी सूचना पुलिस द्वारा की गई तो बूंदी के तीन युवक व स्थानीय कार चालक रूप में शिनाख्त हुई.

परिजन बोले अंतिम सांस तक करेंगे संघर्ष

दो युवक अभी भी लापता
मौके पर पहुंचे परिजनों के सामने एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया. घटना के 3 दिन बाद बूंदी के अमन गर्ग नामक युवक का शव निकला जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर प्राप्त हुआ, उसके बाद से कार चालक और बूंदी के दो युवक गौरव शर्मा व गोपाल नरवानी का पता अभी तक नहीं चल पाया है.

ऐसे में लगातार पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात से रोज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है. मौके पर मृतकों के परिजन टकटकी लगाए बैठे हैं. उन्हें आशा है कि उनके खोए हुए बच्चे वापस आएंगे. इसी आस में वहां रोज आते हैं और शाम को रेस्क्यू समाप्त होने के साथ चले जाते हैं.

घर में पसरा है मातम
वहीं बूंदी में परिजनों की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है. यहां पर दोनों युवकों के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. घर में मातम पसरा हुआ है और परिजनों द्वारा भगवान आस की जा रही है कि उनके पुत्र वापस घर पर सुरक्षित लौट आए. लेकिन घटना के 12 दिन बाद भी अभी तक बूंदी के दोनों युवकों का पता नहीं चल पाया है जिससे परिजनों को चिंता सता रही है.

इस मामले में जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने गंभीरता दिखाई. साथ ही बीजेपी के प्रदेश प्रतिनिधि रुपेश शर्मा ने भी लगातार उच्च अधिकारी से संपर्क कर मामले को गंभीरता से लिया और यहां से आरएस रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में टीम को मौके पर भिजवाया गया जहां मौके पर टीम अपनी निगाह बनाई हुई है और पल-पल की अपडेट जिला कलेक्टर को दे रही है.

हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की की मांग
घटना के 12 दिन बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं लगने पर फिर से परिजन जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने रेस्क्यू अभियान धीमी गति से चलने की बात कही और फिर से रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के माध्यम से चलाए जाने की मांग की.

कलेक्टर-कलेक्टर के बीच हो रहा लगातार सम्पर्क
इस पर जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने कहा कि सरकार से लगातार हमारी बात हो रही है और बूंदी से एक सीनियर अधिकारी को भिजवाया गया है जो मौके पर हालातों का जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. मेरी भी वहां के एसपी और कलेक्टर से लगातार दूरभाष पर बात हो रही है और हर संभव मदद हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं.

हर शाम खाली लौट आती है टीम
परिजनों का कहना है कि प्रशासन चाहे कुछ भी करें, कैसे भी करें लेकिन हमें हमारे बेटे को वापस ला दे. उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे वापस घर पर सुरक्षित लौट कर आएंगे. घटना के बाद अभी तक वहां की लोकल टीम कि ओर से कार रेस्क्यू तक नहीं हो सकी है. कार के कुछ अंश उन्हें मिले हैं. अब रोज सेना द्वारा एनडीआरएफ की टीम द्वारा नदी में रेस्क्यू चलाया जाता है लेकिन शाम को वापस टीम खाली हाथ लौट जाती है. देखना होगा कि अब कितने दिन और लगेंगे जब बूंदी के दो युवक और वहां के कार चालक का पता लग जाएगा.

Intro:पश्चिम बंगाल की तीस्ता नदी में 12 दिन पूर्व कार सहित पानी में समाए बूंदी के दो युवकों का आज दिन तक भी पता नहीं लग पाया है। जिसके चलते परिजनों को चिंता सता रही है वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर ने भी गंभीरता से लेते हुए मौके पर आरएएस रेंक के अधिकारी को भिजवाया है और पल-पल की रिपोर्ट मांगी जा रही है । मौके पर एनडीआरएफ सेना की टीम पानी में रेस्क्यू कर रही है और अभियान जारी है । ऐसे में परिजन आस लगाए बैठे हैं कि वह अंतिम सांस तक भी संघर्ष करते रहेंगे उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे सुरक्षित वहां आएंगे ।


Body:बूंदी के तीन युवक 12 दिन पूर्व निजी मोबाइल कंपनी के टूर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जा रहे थे तभी वह सिलीगुड़ी के यहां तीस्ता नदी पर अचानक से कार सहित करीब 200 फीट खाई में जा गिरे। इस कार में बूंदी के तीन युवक व चालक लापता हो गए मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने लोकल राफ्टिंग टीम के माध्यम से अभियान चलाया तो कार वह परिजनों के कुछ साक्ष्य उन्हें मिले जिसकी सूचना पुलिस द्वारा की गई तो बूंदी के तीन युवक व स्थानीय कार चालक रूप में शिनाख्त हुई । जहां पर मौके पर पहुंचे परिजनों के सामने एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया तो घटना के 3 दिन बाद बूंदी के अमन गर्ग नामक युवक का शव निकल गया जो घटना के करीब 40 किलोमीटर दूर मिला था उसके बाद से कार चालक व बूंदी के दो युवक गौरव शर्मा व गोपाल नरवानी का अभी तक नहीं निकल पाया है। ऐसे में लगातार पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात से रोज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है । मौके पर मृतकों के परिजन टिकटिकी लगाए बैठे हैं उन्हें आशा है कि उनके खोए हुए परिजन वापस आएंगे । इसी आस में रोज आते हैं और शाम को रेस्क्यू समाप्त होने के साथ चले जाते हैं । वही बूंदी में इन परिजनों की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है यहां पर दोनों युवकों के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है घर में मातम पसरा हुआ है और परिजनों द्वारा भगवान आस की जा रही है कि उनके पुत्र वापस घर पर सुरक्षित लौट आए । लेकिन घटना के 12 दिन बाद भी अभी तक बूंदी के दोनों लोगों का पता नहीं चल पाया है जिससे परिजनों को चिंता सता रही है और मन मन में चिंता खाए जा रही है ।

इस मामले में जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने गंभीरता दिखाई साथ ही बीजेपी के प्रदेश प्रतिनिधि रुपेश शर्मा ने भी लगातार उच्च अधिकारी से संपर्क कर मामले को गंभीरता से लिया और यहां से आरएस रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में टीम को मौके पर भिजवाया गया जहां मौके पर टीम अपनी निगाह बनाई हुई है और पल-पल की अपडेट जिला कलेक्टर को दे रही है ।


Conclusion:घटना के 12 दिन बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं लगने पर फिर से परिजन जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने रेस्क्यू अभियान धीमी गति से चलने की बात कही और फिर से रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के माध्यम से चलाए जाने की मांग की ।

इस पर जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने कहा कि सरकार से लगातार हमारी बात हो रही है और बूंदी से एक सीनियर अधिकारी को भिजवाया गया है जो मौके पर हालातों का जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं । मेरी भी वहां के एसपी कलेक्टर से लगातार दूरभाष पर बात हो रही है और हर संभव मदद हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं ।


परिजनों का कहना है कि प्रशासन चाहे कुछ भी करें कैसे भी करें हमें हमारे पुत्रो को हमारे बेटे को वापस ला दे उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे वापस घर पर सुरक्षित लौट कर आएंगे । घटना में अभी तक वहां की लोकल टीम को कार रेस्क्यू तक नहीं हो सकी है। कार के कुछ अंश उन्हें मिले हैं अब रोज सेना द्वारा एनडीआरएफ की टीम द्वारा नदी में रेस्क्यू चलाया जाता है लेकिन शाम को वापस टीम खाली हाथ लौट जाती है। देखना होगा कि अब कितने दिन और लगेंगे जब बूंदी के दो युवक और वहां के कार चालक का पता लग जाएगा ।

बाईट - ब्रज किशोर , गौरव के पिता
बाईट - रूपेश शर्मा , बीजेपी प्रदेश प्रतिनिधि
बाईट - धमेंद्र नरवानी , गोपाल के परिजन
बाईट - रुकमणी रियार , जिला कलेक्टर ,बूंदी
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