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खबर का असर: जैतसागर नाले में हो रहे अतिक्रमण का होगा सर्वे, जिला कलेक्टर ने बनाई सर्वे कमेटी - BUNDI NEWS IN HINDI

बूंदी. जिले में ईटीवी भारत ने बाढ़ किस कारण से आई इस खबर को प्रमुखता से उठाया था. हमने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि जिले के सबसे बड़े जैतसागर नाले पर किस तरीके से लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है. अब जिला कलेक्टर ने खबर पर संज्ञान लेते हुए एक सर्वे कमेटी बनाई है.

encroachment in Jaitsagar drain, जैतसागर नाले में अतिक्रमण
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Published : Aug 20, 2019, 9:39 PM IST

बूंदी. शहर में पिछले 4 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों सहित शहर का हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहा. यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है.

ईटीवी भारत की खबर का असर

जैतसागर एवं नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है. इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान व स्कूल बने हुए हैं. नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल अतिक्रमण है. नाले पर लोगों ने अतिक्रमण के चलते अपनी पानी दीवारे खड़ी कर रखी है. नाला कहीं 5 फिट तो कहीं 10 फिट चौड़ा व 10 फीट गहरा गया है.

नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालों को सह दे रखी है:

नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालों को सह दे रखी है. यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है. उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया. इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20000 से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में रहे. महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी, गणेश नगर की कॉलोनी में पानी भर गया.

ये भी पढ़ें: प्रदेश में गूंगी बहरी सरकार चल रही है, जनता की सुनने वाला कोई नहीं : किरण माहेश्वरी

वर्तमान में आधा दर्जन कॉलोनियों में नालों पर अतिक्रमण इस तरह की से है कि नाला कम नजर आता है और नाले पर मकान ज्यादा नजर आते हैं. 80 फीट का नाला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित था और लंबे समय से 80 फीट के नाले से ही इन दोनों झीलों का पानी गुजरा करता था. कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी कि बाढ़ आई हो और ये कॉलोनियां डूब गई हो. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि नगर परिषद ने किस की सह पर नाले पर क्यों अतिक्रमण करने दिया. ऐसी क्या वजह थी जिसके चलते नगर परिषद ने इन लोगों को रोका नहीं जिसके चलते इस नाले पर अतिक्रमण होते चले गए और आज ऐसी स्थिति आ गई कि बारिश क्या हुई कि इस नाले में उफान आया और पूरा आधा शहर का बाढ़ की चपेट में आ गया.

अतिक्रमण से लोग परेशान:

यहां के लोग इस अतिक्रमण से इतना परेशान है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद में जाकर भी हालातों से और रूबरू करवाया लेकिन भ्रष्टाचार व लापरवाही की भेंट चढ़े नगर परिषद ने कुछ ध्यान नहीं दिया. अब अतिक्रमण के कारण पूरे शहर के लिए मुसीबत बने जैतसागर नाले का सर्वे होगा. इसके लिए जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने आदेश जारी कर नगर परिषद में एक टीम बनाई है. आयुक्त अरुणेश शर्मा ने बताया कि टीम में अतिक्रमण निरोधी प्रभारी विकास गुर्जर, ड्राफ्टमैन दिनेश दत्त शर्मा, अयाज अली के साथ अतिक्रमण निरोधी दस्ता शामिल है.

टीम के साथ पटवारी कानूनगो भी होंगे:

इस टीम के साथ पटवारी कानूनगो भी होंगे. यह टीम दो रोज में पूरे जैतसागर के नाले का सर्वे कर अतिक्रमण चिन्हित करेगी ओर अतिक्रमण की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था और एक नाले की वजह से किस तरीके से पूरा शहर जलमग्न हो जाता था इस खबर को प्रसारित किया था. इस पर जिला कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए एक टीम बनाई है जो सर्वे करेगी और फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

20 दिन के अंदर दो बार बाढ़ के हालात पैदा हो चुके:
आपको बतादें कि शहर में 20 दिन के अंदर दो बार बाढ़ के हालात पैदा हो चुके थे. जबकि अभी मानसून बाकी है. नाले में अतिक्रमण की वजह से शहर की कॉलोनियों में पानी भर जाता है अतिक्रमण की वजह से 20 हजार लोग प्रभावित होते है जिसमे पुलिस और प्रशासनिक अधिकार भी शामिल है. जिस दिन अतिक्रमण नाले से हट जाएगा उसका सही कर दिया जाएगा शहर में बाढ़ के हालात पैदा नहीं होंगे.

बूंदी. शहर में पिछले 4 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों सहित शहर का हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहा. यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है.

ईटीवी भारत की खबर का असर

जैतसागर एवं नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है. इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान व स्कूल बने हुए हैं. नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, पुलिस लाइन, शास्त्री नगर, देवपुरा ताल अतिक्रमण है. नाले पर लोगों ने अतिक्रमण के चलते अपनी पानी दीवारे खड़ी कर रखी है. नाला कहीं 5 फिट तो कहीं 10 फिट चौड़ा व 10 फीट गहरा गया है.

नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालों को सह दे रखी है:

नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालों को सह दे रखी है. यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है. उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी. ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया. इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20000 से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में रहे. महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी, गणेश नगर की कॉलोनी में पानी भर गया.

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वर्तमान में आधा दर्जन कॉलोनियों में नालों पर अतिक्रमण इस तरह की से है कि नाला कम नजर आता है और नाले पर मकान ज्यादा नजर आते हैं. 80 फीट का नाला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित था और लंबे समय से 80 फीट के नाले से ही इन दोनों झीलों का पानी गुजरा करता था. कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी कि बाढ़ आई हो और ये कॉलोनियां डूब गई हो. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि नगर परिषद ने किस की सह पर नाले पर क्यों अतिक्रमण करने दिया. ऐसी क्या वजह थी जिसके चलते नगर परिषद ने इन लोगों को रोका नहीं जिसके चलते इस नाले पर अतिक्रमण होते चले गए और आज ऐसी स्थिति आ गई कि बारिश क्या हुई कि इस नाले में उफान आया और पूरा आधा शहर का बाढ़ की चपेट में आ गया.

अतिक्रमण से लोग परेशान:

यहां के लोग इस अतिक्रमण से इतना परेशान है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद में जाकर भी हालातों से और रूबरू करवाया लेकिन भ्रष्टाचार व लापरवाही की भेंट चढ़े नगर परिषद ने कुछ ध्यान नहीं दिया. अब अतिक्रमण के कारण पूरे शहर के लिए मुसीबत बने जैतसागर नाले का सर्वे होगा. इसके लिए जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने आदेश जारी कर नगर परिषद में एक टीम बनाई है. आयुक्त अरुणेश शर्मा ने बताया कि टीम में अतिक्रमण निरोधी प्रभारी विकास गुर्जर, ड्राफ्टमैन दिनेश दत्त शर्मा, अयाज अली के साथ अतिक्रमण निरोधी दस्ता शामिल है.

टीम के साथ पटवारी कानूनगो भी होंगे:

इस टीम के साथ पटवारी कानूनगो भी होंगे. यह टीम दो रोज में पूरे जैतसागर के नाले का सर्वे कर अतिक्रमण चिन्हित करेगी ओर अतिक्रमण की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था और एक नाले की वजह से किस तरीके से पूरा शहर जलमग्न हो जाता था इस खबर को प्रसारित किया था. इस पर जिला कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए एक टीम बनाई है जो सर्वे करेगी और फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

20 दिन के अंदर दो बार बाढ़ के हालात पैदा हो चुके:
आपको बतादें कि शहर में 20 दिन के अंदर दो बार बाढ़ के हालात पैदा हो चुके थे. जबकि अभी मानसून बाकी है. नाले में अतिक्रमण की वजह से शहर की कॉलोनियों में पानी भर जाता है अतिक्रमण की वजह से 20 हजार लोग प्रभावित होते है जिसमे पुलिस और प्रशासनिक अधिकार भी शामिल है. जिस दिन अतिक्रमण नाले से हट जाएगा उसका सही कर दिया जाएगा शहर में बाढ़ के हालात पैदा नहीं होंगे.

Intro:बूंदी में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है । यहां पर बूंदी में बाढ़ किस कारण से आई उस खबर को प्रमुखता से उठाया था और अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि बूंदी के सबसे बड़े जैतसागर नाले पर किस तरीके से लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है इस खबर को प्रमुखता से उठाया था । ऐसा में जिला कलेक्टर ने खबर पर संज्ञान लेते हुए एक सर्वे कमेटी बनाई है जिसमें कमेटी सर्वे करेगी और यह पता नहीं लगाने की कोशिश करेगी कि कहां-कहां नाले पर अतिक्रमण है और वास्तविक स्थिति नाले की क्या है और सर्वे रिपोर्ट जिला कलेक्टर को कमेटी आएगी उस के बाद अतिक्रमण हटेगा ।


Body:बूंदी शहर में पिछले 4 दिनों तक बाढ़ की चपेट में रहा और कई कॉलोनियों सहित शहर का हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहा। यहां पर नगर परिषद की लापरवाही सामने आई क्योंकि शहर के सबसे बड़े नाले पर अतिक्रमण होने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। 72 फीट से 80 फीट का नाला शहर के जैतसागर से शुरू होता है जो करीब 10 किलोमीटर एरिया को सम्मलित करते हो गए मांगली नदी इलाके में खत्म होता है । ऐसे में जैतसागर एवं नवल सागर झील का पानी भी इसी से होकर गुजरता है। इस नाले पर करीब 200 से ज्यादा मकान व स्कूल बने हुए हैं । नाले पर अतिक्रमण जवाहर कॉलोनी ,महावीर कॉलोनी ,पुलिस लाइन ,शास्त्री नगर , देवपुरा ताल अतिक्रमण है। नाले पर लोगों ने अतिक्रमण के चलते अपनी पानी दीवारे खड़ी कर रखी है। नाला कही 5 फिट तो कही 10 फिट चौड़ा व 10 फीट गहरा गया है । नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालो को सह दे रखी है । यहां पर कब्जे करने वाले लोगों ने प्लाट काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया है उसी के चलते नाले की चौड़ाई 40 फिट रह गयी । ऐसे में जब दोनों झीलों का पानी इस नाले पर आया तो पानी बाढ़ के रूप में तब्दील हुआ और ईलाका जलमग्न हो गया । इससे ज्यादा 20 कॉलोनी इस बाढ़ की चपेट में आ गई और करीब 20000 से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में रहे । महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर कॉलोनी , गणेश नगर की कॉलोनी में पानी भर गया ।

वर्तमान में आधा दर्जन कॉलोनियों में नालों पर अतिक्रमण इस तरह की से है कि नाला कम नजर आता है और नाले पर मकान ज्यादा नजर आते हैं। 80 फीट का नाला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित था और लंबे समय से 80 फीट के नाले से ही इन दोनों झीलों का पानी गुजरा करता था । कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी कि बाढ़ आई हो और ये कॉलोनियां डूब गई हो। ऐसा मैं इस बार नाले पर अतिक्रमण होने के चलते वह समय पर सफाई नहीं होने के चलते नाले में उफान आया तो मानव कॉलोनियों में पानी का सैलाब आ गया है और इस बारिश ने इन कॉलोनियों को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया। हालांकि कई जगह पर तो नाले की पुलिया वह दीवार तक भी कर दी गई । ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि नगर परिषद ने किस की सह पर नाले पर क्यों अतिक्रमण करने दिया । ऐसी क्या वजह थी जिसके चलते नगर परिषद ने इन लोगों को रोका नहीं जिसके चलते इस नाले पर अतिक्रमण होते चले गए और आज ऐसी स्थिति आ गई कि बारिश क्या हुई कि इस नाले में उफान आया और पूरा आधा शहर का बाढ़ की चपेट में आ गया । यहां के लोग इस अतिक्रमण से इतना परेशान है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद में जाकर भी हालातों से और रूबरू करवाया लेकिन भ्रष्टाचार व लापरवाही की भेंट चढ़े नगर परिषद ने कुछ ध्यान नहीं दिया।


Conclusion:अब अतिक्रमण के कारण पूरे शहर के लिए मुसीबत बने जैतसागर नाले का सर्वे होगा । इसके लिए जिला कलेक्टर रुकमणी रियार ने आदेश जारी कर नगर परिषद में एक टीम बनाई है । आयुक्त अरुणेश शर्मा ने बताया कि टीम में अतिक्रमण निरोधी प्रभारी विकास गुर्जर ,ड्राफ्टमैन दिनेश दत्त शर्मा ,अयाज अली के साथ अतिक्रमण निरोधी दस्ता शामिल है। इस टीम के साथ पटवारी कानूनगो भी होंगे । यह टीम दो रोज में पूरे जैतसागर के नाले का सर्वे कर अतिक्रमण चिन्हित करेगी ओर अतिक्रमण की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था और एक नाले की वजह से किस तरीके से पूरा शहर जलमग्न हो जाता था इस खबर को प्रसारित किया था । इस पर जिला कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए एक टीम बनाई है जो सर्वे करेगी और फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी ।

आपको बता दे कि शहर में 20 दिन के अंदर दो बार बाढ़ के हालात पैदा हो चुके थे। जबकि अभी मानसून बाकी है । नाले में अतिक्रमण की वजह से शहर की कॉलोनियों में पानी भर जाता है अतिक्रमण की वजह से 20 हजार लोग प्रभावित होते है जिसमे पुलिस और प्रशासनिक अधिकार भी शामिल है। जिस दिन अतिक्रमण नाले से हट जाएगा उसका सही कर दिया जाएगा शहर में बाढ़ के हालात पैदा नहीं होंगे ।

बाईट - अरुणेश शर्मा , आयुक्त नगर परिषद ,बूंदी
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