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पाली: जिसको मृत मान परिजनों ने कर दिया था अंतिम संस्कार...20 दिन बाद अचानक लौटा गांव तो... - राजस्थान हिंदी समाचार

जोधपुर पुलिस की ट्रेन हादसे में एक युवक की गलत पहचान की वजह से दूसरे युवक पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जिसके बाद जब 20 दिनों बाद बेटा घर लौटा तो परिवार ने ढोल नगाड़ों के साथ उसका स्वागत किया. पूरा मामला पाली के जिले भीलातो का बाड़िया का है.

Son returned alive , पाली समाचार. जिंदा लौटा बेटा
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Published : Oct 7, 2019, 9:03 PM IST

पाली. जिले में हादसे में मारे गए एक युवक की गलत पहचान की वजह से दूसरे युवक के परिवार को 20 दिन गम में काटने पड़ गए. पूरी घटना पाली और अजमेर जिले की सीमा पर आने वाले गांव भीलातो का बाड़िया की है. जहां के एक परिवार के इकलौते पुत्र की मौत की खबर जोधपुर पुलिस ने उन्हें दी थी. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया और परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर उसकी 12वें की रस्म भी पूरी कर दी, लेकिन 12वें के चौथे दिन उस परिवार का बेटा जब घर लौट आया तो पूरा गांव चौंक गया.

अंतिम संस्कार के 20 दिन बाद घर लौटा बेटा

पढ़ें- कोटा में 13 दिन के जुड़वा नवजात की दुर्लभ बीमारी का सफल ऑपरेशन, डॉक्टरों का दावा- देश में पहला मामला

दरअसल, 17 सितम्बर को जोधपुर के मंडोर के मगराज जी कांटा का स्थित रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी. युवक के पेंट की जेब से उसका आधार मिला था. जिस पर उसकी शिनाख्त पाली जिले के भीलातो का बाड़िया के प्रकाश पुत्र नारायण राम के रूप में की. इस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना देकर शव सुपुर्द कर दिया. परिजन भी मृतक का शव लेकर घर आ गए और अंतिम संस्कार सहित सभी सामाजिक दस्तूरों को पूरा कर दिया.

पढ़ें- हौसलों की उड़ान : पैरों के दम पर भविष्य संवारने में जुटी भीलवाड़ा की अंजू

इसी बीच गांव के रहने वाले कालूराम का सामना जोधपुर में मृतक प्रकाश से हो गया. वह उसे देख कर अचंभित हो गया और तुरंत प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी. जिसके बाद वो लोग भी जोधपुर पहुंचे और युवक को जीवित देख उनके आंखों से खुशी के आंसू नहीं रूक पाए. फिर बेटा जब घर लौटा तो ढोल नगाड़ो से उसका स्वागत किया गया. उधर, पुलिस दोबारा जांच में जुटी है कि मृत युवक कौन था ?

पाली. जिले में हादसे में मारे गए एक युवक की गलत पहचान की वजह से दूसरे युवक के परिवार को 20 दिन गम में काटने पड़ गए. पूरी घटना पाली और अजमेर जिले की सीमा पर आने वाले गांव भीलातो का बाड़िया की है. जहां के एक परिवार के इकलौते पुत्र की मौत की खबर जोधपुर पुलिस ने उन्हें दी थी. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया और परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर उसकी 12वें की रस्म भी पूरी कर दी, लेकिन 12वें के चौथे दिन उस परिवार का बेटा जब घर लौट आया तो पूरा गांव चौंक गया.

अंतिम संस्कार के 20 दिन बाद घर लौटा बेटा

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दरअसल, 17 सितम्बर को जोधपुर के मंडोर के मगराज जी कांटा का स्थित रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी. युवक के पेंट की जेब से उसका आधार मिला था. जिस पर उसकी शिनाख्त पाली जिले के भीलातो का बाड़िया के प्रकाश पुत्र नारायण राम के रूप में की. इस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना देकर शव सुपुर्द कर दिया. परिजन भी मृतक का शव लेकर घर आ गए और अंतिम संस्कार सहित सभी सामाजिक दस्तूरों को पूरा कर दिया.

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इसी बीच गांव के रहने वाले कालूराम का सामना जोधपुर में मृतक प्रकाश से हो गया. वह उसे देख कर अचंभित हो गया और तुरंत प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी. जिसके बाद वो लोग भी जोधपुर पहुंचे और युवक को जीवित देख उनके आंखों से खुशी के आंसू नहीं रूक पाए. फिर बेटा जब घर लौटा तो ढोल नगाड़ो से उसका स्वागत किया गया. उधर, पुलिस दोबारा जांच में जुटी है कि मृत युवक कौन था ?

Intro:
पाली. किसी परिवार का इकलौता चिराग जब बुझ जाए और परिवार का रो रो कर बुरा हाल हो, परिवार खुद अपने हाथों से उसके शव का अंतिम संस्कार करें, और अपने हाथों से ही उसका 12वां शोक सभा को समाप्त करें। उस परिस्थितियों में उस परिवार पर बीतने की स्थिति उस परिवार को ही पता होती है। लेकिन जब इन सभी परिस्थितियों के बीच अगर, जिस बेटे का उन्होंने अंतिम संस्कार किया है और वह फिर से उनके दरवाजे पर आकर खड़ा होकर आवाज लगाए तो यह अविश्वसनीय घटना सबको चौंका सकती है। ऐसा ही मामला पाली व अजमेर जिले की सीमा पर आने वाले गांव भीलातो का बाड़िया में नजर आई। यहां के एक परिवार का इकलौते पुत्र के मौत की खबर जोधपुर पुलिस ने उन्हें दी थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया। और परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर उसका 12वां कर दिया। लेकिन 12वें के चौथे दिन उस परिवार का बेटा घर लौट आया। और जब वह गांव में लौटा तो पूरा गांव एक बार आश्चर्यचकित रह गया। इस पूरे मामले को समझने के बाद में इस घटना की चर्चा पूरे जिले भर में होने लगी है।


Body:दरअसल 17 सितम्बर को जोधपुर के मंडोर के मगराज जी कांटा का स्थित रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी। युवक के पेंट की जेब से उसका आधार मिला था। जिस पर उसकी शिनाख्त भिलातों का बडिया, रतनपुरा, ब्यावर निवासी प्रकाशसिंह पुत्र नारायणसिंह रावत के रूप में हुई। इस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना देकर शव सुपुर्द कर दिया। परिजन भी म्रतक का शव लेकर घर आ गए। और अंतिम संस्कार सहित सभी सामाजिक दस्तूरों का निर्वहन कर दिया। इसी बीच गांव के रहने वाले कालूराम का सामना जोधपुर में म्रतक प्रकाश से हो गया। वह उसे देख कर अचंभित हो गया। और तुरंत प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी। और वह भी जोधपुर पहुंचे और अपने पुत्र व भाई को जीवित देख उनके खुशी के आंसू निकल आए। प्रकाश ने बताया कि उसका आधार कार्ड 2 माह पूर्व गुम हो गया था। और शायद वह आधार कार्ड उस युवक को मिल गया और आधार कार्ड की गलतफहमी से ही पुलिस ने शव प्रकाश का समझ उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
Conclusion:
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