बूंदी. देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही घटनाओं को लेकर शहर में छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं. शहर में खेल संकुल में स्थित उमंग जूडो-कराटे संस्था की ओर से जूडो-कराटे सिखाए जा रहे हैं. शिल्पा जैन ने इसका बीड़ा उठाया है.
2 से 22 स्टूडेंट्स
शहर में काफी हद तक यह अभियान अब सफल भी होता जा रहा है. 2 स्टूडेंट्स से शुरू हुए इस अभियान में अब 22 छात्र-छात्राएं जुड़ गए हैं और सुबह-शाम खेल संकुल में जूडो-कराटे सिखाए जा रहे हैं. यहां नेपाल से आए ट्रेनर रमेश यादव जूडो-कराटे सिखा रहे हैं. उमंग जूडो कराटे संस्था की ओर से ये आयोजन किया जा रहा है, जिसकी डायरेक्टर शिल्पा जैन हैं. खास बात ये है, कि शिल्पा जैन अपने निजी खर्चे से यह सब चला रही हैं और उन्हें महिला सुरक्षा के लिए यह बीड़ा उठाया है ताकि जूडो-कराटे के जरिए वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें और मनचलों का डटकर सामना कर सकें.
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अपने खर्चे पर नि:शुल्क ट्रेनिंग
हालांकि इस संस्था को जिला स्तर और राज्य सरकार के स्तर पर कोई सहायता नहीं दी जा रही है, लेकिन फिर भी बूंदी की शिल्पा जैन ने आत्मरक्षा सिखाने का बीड़ा उठाया है और पिछले 5 साल से वह शहर के खेल संकुल में शहर भर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को जूडो-कराटे सिखा चुकी हैं. इस संस्था की ओर से बच्चों को जूडो-कराटे, मार्शल आर्ट, मिक्स मार्शल आर्ट सहित कई तरह की तकनीकों को सिखाया जा रहा है.
शिल्पा की कहानी, परिवार ने जीवित करवाई पहचान
कुशल गृहणी होने के साथ-साथ जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट शिल्पा जैन महिलाओं, बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहीं हैं. सागर, मध्य प्रदेश की बेटी और बूंदी की बहू शिल्पा जैन का साल 2006 में व्यवसायी अभय जैन के साथ विवाह हुआ था. विवाह से पहले शिल्पा जैन जूडो-कराटे में ब्लैक बेल्ट थीं. यहां आने के बाद उन्होंने घर की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ अपनी पहचान को भी जीवित रखा. जब परिजनों को उनकी इस प्रतिभा का पता चला तो उन्होंने दिल खोलकर पूरा सहयोग किया. आज शिल्पा जैन के सानिध्य में बच्चे और महिलाएं जूडो-कराटे में बूंदी का नाम रोशन कर रहीं हैं.
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अनोखी मिसाल पेश कर रहीं
बूंदी की शिल्पा जैन ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए जूडो-कराटे सभी को सिखाने की ठानी है और काफी हद तक इस प्रयास में वह सफल भी रहीं हैं, लेकिन सरकार की ओर से अबतक इन प्रयासों को कोई मदद नहीं मिल पाई है. ईटीवी भारत के माध्यम से शिल्पा जैन और यहां के छात्र-छात्राओं ने यही मांग की है, कि आत्मरक्षा के गुर को योजना के रूप में लागू करें.