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स्पेशल: बूंदी की बहू शिल्पा जैन कर रहीं बेटियों को मजबूत, सिखा रहीं जूडो-कराटे - bundi news

बूंदी शहर में छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं. ताकि वह खुद आत्मनिर्भर बनकर चुनौतियों का डटकर सामना खुद कर सकें. देखिए बूंदी से स्पेशल रिपोर्ट...

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बेटियों को मजबूत करने के लिए जूडो-कराटे की ट्रेनिंग
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Published : Dec 25, 2019, 6:07 PM IST

बूंदी. देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही घटनाओं को लेकर शहर में छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं. शहर में खेल संकुल में स्थित उमंग जूडो-कराटे संस्था की ओर से जूडो-कराटे सिखाए जा रहे हैं. शिल्पा जैन ने इसका बीड़ा उठाया है.

बेटियों को मजबूत करने के लिए जूडो-कराटे की ट्रेनिंग

2 से 22 स्टूडेंट्स

शहर में काफी हद तक यह अभियान अब सफल भी होता जा रहा है. 2 स्टूडेंट्स से शुरू हुए इस अभियान में अब 22 छात्र-छात्राएं जुड़ गए हैं और सुबह-शाम खेल संकुल में जूडो-कराटे सिखाए जा रहे हैं. यहां नेपाल से आए ट्रेनर रमेश यादव जूडो-कराटे सिखा रहे हैं. उमंग जूडो कराटे संस्था की ओर से ये आयोजन किया जा रहा है, जिसकी डायरेक्टर शिल्पा जैन हैं. खास बात ये है, कि शिल्पा जैन अपने निजी खर्चे से यह सब चला रही हैं और उन्हें महिला सुरक्षा के लिए यह बीड़ा उठाया है ताकि जूडो-कराटे के जरिए वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें और मनचलों का डटकर सामना कर सकें.

पढ़ें- 10 दिवसीय शिविर में भाग लेकर महिलाएं सीख रहीं Self defense tricks, शोहदों से निपटने में होगी आसानी

अपने खर्चे पर नि:शुल्क ट्रेनिंग
हालांकि इस संस्था को जिला स्तर और राज्य सरकार के स्तर पर कोई सहायता नहीं दी जा रही है, लेकिन फिर भी बूंदी की शिल्पा जैन ने आत्मरक्षा सिखाने का बीड़ा उठाया है और पिछले 5 साल से वह शहर के खेल संकुल में शहर भर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को जूडो-कराटे सिखा चुकी हैं. इस संस्था की ओर से बच्चों को जूडो-कराटे, मार्शल आर्ट, मिक्स मार्शल आर्ट सहित कई तरह की तकनीकों को सिखाया जा रहा है.

शिल्पा की कहानी, परिवार ने जीवित करवाई पहचान
कुशल गृहणी होने के साथ-साथ जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट शिल्पा जैन महिलाओं, बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहीं हैं. सागर, मध्य प्रदेश की बेटी और बूंदी की बहू शिल्पा जैन का साल 2006 में व्यवसायी अभय जैन के साथ विवाह हुआ था. विवाह से पहले शिल्पा जैन जूडो-कराटे में ब्लैक बेल्ट थीं. यहां आने के बाद उन्होंने घर की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ अपनी पहचान को भी जीवित रखा. जब परिजनों को उनकी इस प्रतिभा का पता चला तो उन्होंने दिल खोलकर पूरा सहयोग किया. आज शिल्पा जैन के सानिध्य में बच्चे और महिलाएं जूडो-कराटे में बूंदी का नाम रोशन कर रहीं हैं.

पढ़ें- जयपुरः राजकीय महिला महाविद्यालय में चल रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का समापन

अनोखी मिसाल पेश कर रहीं
बूंदी की शिल्पा जैन ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए जूडो-कराटे सभी को सिखाने की ठानी है और काफी हद तक इस प्रयास में वह सफल भी रहीं हैं, लेकिन सरकार की ओर से अबतक इन प्रयासों को कोई मदद नहीं मिल पाई है. ईटीवी भारत के माध्यम से शिल्पा जैन और यहां के छात्र-छात्राओं ने यही मांग की है, कि आत्मरक्षा के गुर को योजना के रूप में लागू करें.

बूंदी. देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही घटनाओं को लेकर शहर में छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं. शहर में खेल संकुल में स्थित उमंग जूडो-कराटे संस्था की ओर से जूडो-कराटे सिखाए जा रहे हैं. शिल्पा जैन ने इसका बीड़ा उठाया है.

बेटियों को मजबूत करने के लिए जूडो-कराटे की ट्रेनिंग

2 से 22 स्टूडेंट्स

शहर में काफी हद तक यह अभियान अब सफल भी होता जा रहा है. 2 स्टूडेंट्स से शुरू हुए इस अभियान में अब 22 छात्र-छात्राएं जुड़ गए हैं और सुबह-शाम खेल संकुल में जूडो-कराटे सिखाए जा रहे हैं. यहां नेपाल से आए ट्रेनर रमेश यादव जूडो-कराटे सिखा रहे हैं. उमंग जूडो कराटे संस्था की ओर से ये आयोजन किया जा रहा है, जिसकी डायरेक्टर शिल्पा जैन हैं. खास बात ये है, कि शिल्पा जैन अपने निजी खर्चे से यह सब चला रही हैं और उन्हें महिला सुरक्षा के लिए यह बीड़ा उठाया है ताकि जूडो-कराटे के जरिए वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें और मनचलों का डटकर सामना कर सकें.

पढ़ें- 10 दिवसीय शिविर में भाग लेकर महिलाएं सीख रहीं Self defense tricks, शोहदों से निपटने में होगी आसानी

अपने खर्चे पर नि:शुल्क ट्रेनिंग
हालांकि इस संस्था को जिला स्तर और राज्य सरकार के स्तर पर कोई सहायता नहीं दी जा रही है, लेकिन फिर भी बूंदी की शिल्पा जैन ने आत्मरक्षा सिखाने का बीड़ा उठाया है और पिछले 5 साल से वह शहर के खेल संकुल में शहर भर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को जूडो-कराटे सिखा चुकी हैं. इस संस्था की ओर से बच्चों को जूडो-कराटे, मार्शल आर्ट, मिक्स मार्शल आर्ट सहित कई तरह की तकनीकों को सिखाया जा रहा है.

शिल्पा की कहानी, परिवार ने जीवित करवाई पहचान
कुशल गृहणी होने के साथ-साथ जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट शिल्पा जैन महिलाओं, बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रहीं हैं. सागर, मध्य प्रदेश की बेटी और बूंदी की बहू शिल्पा जैन का साल 2006 में व्यवसायी अभय जैन के साथ विवाह हुआ था. विवाह से पहले शिल्पा जैन जूडो-कराटे में ब्लैक बेल्ट थीं. यहां आने के बाद उन्होंने घर की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ अपनी पहचान को भी जीवित रखा. जब परिजनों को उनकी इस प्रतिभा का पता चला तो उन्होंने दिल खोलकर पूरा सहयोग किया. आज शिल्पा जैन के सानिध्य में बच्चे और महिलाएं जूडो-कराटे में बूंदी का नाम रोशन कर रहीं हैं.

पढ़ें- जयपुरः राजकीय महिला महाविद्यालय में चल रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का समापन

अनोखी मिसाल पेश कर रहीं
बूंदी की शिल्पा जैन ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए जूडो-कराटे सभी को सिखाने की ठानी है और काफी हद तक इस प्रयास में वह सफल भी रहीं हैं, लेकिन सरकार की ओर से अबतक इन प्रयासों को कोई मदद नहीं मिल पाई है. ईटीवी भारत के माध्यम से शिल्पा जैन और यहां के छात्र-छात्राओं ने यही मांग की है, कि आत्मरक्षा के गुर को योजना के रूप में लागू करें.

Intro:देश में बढ़ रही महिलाओं पर घटनाओं को लेकर शहर में छात्र छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं ताकि वह खुद आत्मनिर्भर बन सकें और आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना कर सके। शहर में खेल संकुल में स्थित उमंग जूडो कराटे संस्था की ओर से यह जूडो कराटे आमजन को सिखाए जा रहे हैं और उन्हें आत्मनिर्भर के लिए मजबूर किया जा रहा है । शहर की जूडो कराटे सिखाने वाली महिला शिल्पा जैन ने इस का बीड़ा उठाया है ।


Body:बूंदी :- छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं जी हां हम इसलिए कह रहे हैं कि बूंदी के खेल संकुल में छात्र छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं जिससे किसी मनचले ने उन पर वार किया तो वह बच नहीं पाएंगे । यह जूडो कराटे उन्हें डटकर सामना करने के लिए तत्पर कर देंगे और काफी हद तक यह अभियान अब सफल भी होता जा रहा है 2 स्टूडेंट्स से शुरू हुए इस अभियान में अब 22 छात्र-छात्राएं जुड़ गए है और सुबह शाम खेल संकुल में जुडो कराटे सिखाए जा रहे हैं । यहां नेपाल से आए ट्रेनर रमेश यादव द्वारा इन्हें जुडो कराटे सिखाए जा रहे हैं और उन्हें आत्मरक्षा के लिए मजबूत किया जा रहा है । यह सब आयोजन उमंग जूडो कराटे संस्था की ओर से आयोजित किए जा रहे हैं जिसकी डायरेक्टर शिल्पा जैन है जो अपने निजी खर्चे से यह सब चला रही है और उन्हें महिला सुरक्षा के लिए यह बीड़ा उठाया है ताकि इस तरह की देश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं उन पर हमले हो रहे हैं वह जुड़े कराटे के माध्यम से खुद के आत्मबल बन सके और मनचलों का डटकर सामना कर सके । हालांकि इस संस्था को जिला स्तर पर राज्य सरकार के स्तर पर कोई सहायता नहीं दी जा रही है लेकिन फिर भी बूंदी की शिल्पा जैन ने आत्मरक्षा सिखाने का बीड़ा उठाया है और पिछले 5 साल से वह शहर के खेल संकुल में शहर भर के सैकड़ों छात्र छात्राओं को जूडो कराटे सिखा चुकी है। उमंग जुडो कराटे में बच्चों को जूडो कराटे ,मार्शल आर्ट ,मिक्स मार्शल आर्ट सहित कई प्रकार के तकनीकी चीजों को इस अभियान के तहत सिखाया जा रहा है और करीब 10 दिनों तक यह शीतकालीन अभियान चलेगा जो सुबह शाम इस खेल संकुल में आयोजित होगा बाद में केवल शाम को ही यह अभियान चलेगा । इस संस्था का मकसद केवल जूडो कराटे सिखाना ही नहीं बल्कि उनका आत्मबल मजबूत भी करना है और इस संस्था ने एक यह भी प्रयास किया है कि जो अच्छे और बेहतर जूडो कराटे करता है उसे उस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए भी इस संस्था ने काम किए हैं अब तक 7 से अधिक छात्र-छात्राएं जुडो कराटे प्रतियोगिताओं में शामिल हो चुके हैं और 7 सिल्वर मेडल जीत चुके हैं जो कि एक बड़ी उपलब्धि इस छोटे से प्रयास के रूप में मानी जा सकती है ।


Conclusion:शिल्पा की कहानी , परिवार ने जीवित करवाई पहचान

कुशल ग्रहणी होने के साथ-साथ जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट शिल्पा जैन महिलाओं बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है । सागर मध्य प्रदेश की बेटी व बूंदी की बहू शिल्पा जैन का वर्ष 2006 में व्यवसाय अभय जैन के साथ विवाह हुआ था। विवाह से पहले कि शिल्पा जैन जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट थी । यहां आने के बाद उन्होंने घर की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ अपनी पहचान को भी जीवित रखा। जब परिवार जनों ने उनकी इस प्रतिभा का पता चला तो उन्होंने दिल खोलकर पूरा सहयोग किया । आज शिल्पा जैन के सानिध्य में बच्चे और महिलाएं जूडो कराटे में बूंदी का नाम रोशन कर रही है । वह नियमित रूप से खेल संकुल में बच्चों का पोजीशन दे रही है । राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए बच्चों को प्रेरित भी करती है । शिल्पा जैन ने एमए तक शिक्षा प्राप्त की है पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने जुडो कराटे में जिला, संभाग व राष्ट्रीय स्तर तक अपनी धाक जमा चुकी है । उन्होंने राजस्थान पुलिस की महिला कांस्टेबलों को भी प्रशिक्षण दिया है वह एवं सुरक्षा कैसे करें इसको लेकर भी शिल्पा जैन महिला कांस्टेबलों को जूडो कराटे सिखा रही है ।

बात चाहे शिक्षा की हो या फिर स्पोर्ट की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहराती भी नजर आ रही है । तस्वीरें खेल संकुल की है जहां पर जुडो कराटे जोश की आवाजें और उत्साह की आवाजें जुडो कराटे सीख रही छात्राओं की है । जुडो कराटे में बूंदी की बेटियां दमखम भी दिखा रही है । बूंदी खेल संकुल में छात्राओं को जुडो कराटे , वूशु , लाठी सहित कई प्रकार की तकनीकी या सिखाई जा रही है ।

छात्र गौरव, वंश व वर्षा ने कहा कि हमें यहां पर आकर काफी अच्छा लगता है और हम काफी हद तक जूडो कराटे भी सीख चुके हैं अगर हमारे सामने कोई आएगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं डट कर हम सामना करेंगे । यकीनन छात्र-छात्राओं ने भी जुड़े कराटे की तारीफ की ।

यकीनन बूंदी की शिल्पा जैन ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए जूडो कराटे को सभी को सिखाने की ठानी है और काफी हद तक इस प्रयास में वह सफल भी रही है । लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इन प्रयासों को कोई मदद नहीं मिल पाई है। ईटीवी भारत के माध्यम से शिल्पा जैन ने और यहां के छात्र छात्राओं ने यही मांग की है कि वह इस आत्मरक्षा के गुरु को योजना के रूप में प्रस्थान करें ताकि और इस जूडो कराटे को राम स्थापित हो सके ।

बाईट - शिल्पा जैन , संचालिका
बाईट - रमेश यादव , ट्रेनर नेपाल
बाईट - गौरव चौधरी , छात्र
बाईट - वंश , छात्र
बाईट - वर्षा , छात्र
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