ETV Bharat / state

बूंदी: शंकर लाल को 2 दिन में इलाज नहीं मिला तो दोनों आंखें खो देंगे...लगा रहे हैं मदद की गुहार

बूंदी में रहने वाले शंकर लाल की दोनों आंखों में संक्रमण फैल गया है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर 7 दिन के अंदर उपचार नहीं मिला तो दोनों आंखों से शंकर अंधे हो सकते हैं. उपचार के लिए उन्हें हैदराबाद जाना होगा लेकिन मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालने वाले शंकर मदद की गुहार लगा रहे हैं.

bundi news, बूंदी खबर, Eye treatment
शंकर लाल उपचार के लिए मदद मांग रहे हैं
author img

By

Published : Jul 19, 2020, 1:38 AM IST

बूंदी. जिले के तालेड़ा इलाके में रहने वाले मजदूर शंकर लाल बेरवा की आंखों की रोशनी हर क्षण दम तोड़ती जा रही है. बूंदी, कोटा और नीमच के नेत्र चिकित्सकों ने आंखों की रोशनी बचाने की आखिरी उम्मीद के रूप में शंकर को तुरंत हैदराबाद जाकर इलाज कराने की सलाह दी है. लेकिन मजदूर शंकर पैसे के अभाव की वजह से हैदराबाद जाने में असमर्थ है. ना ही इलाज कराने के लिए रुपए उसके पास पैसे हैं. डॉक्टर ने कहा है कि 7 दिन के अंदर सही उपचार नहीं मिला तो दोनों आंखें खराब हो सकती है. शंकर के पास अब सिर्फ 2 दिन का समय बचा है लेकिन उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली है.

शंकर लाल उपचार के लिए मदद मांग रहे हैं

शनिवार को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में समाजसेवी चर्मेश शर्मा के साथ पीड़ित शंकर लाल बैरवा ने ज्ञापन देते हुए मदद की गुहार लगाई हैय साथ ही जल्द से जल्द हैदराबाद रवाना करवाने की मांग की है. इसके साथ ही शहर के भामाशाहों से अपील की गई है कि वह इस मजदूर की मदद करें ताकि इलाज समय पर करवा सके.

मेरी आंखों को बचा लो साहब-
शंकर लाल बेरवा की कहानी बड़ी ही दर्द भरी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शंकरलाल की आंखें भर आई. शंकर कहते हैं कि मेरी आंखों को बचा लो साहब मेरे तीन छोटे बच्चे हैं. बेलदारी का काम करके अपने परिवार का पेट पालता हूं. एक आंख तो चली गई दूसरी आंख भी नहीं बची तो पूरा परिवार भूखा मर जाएगा. फिलहाल, शंकर की दूसरी संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

ये भी पढ़ें: बूंदीः शादी करवाने के नाम पर सरपंच ने ऐंठे 2 लाख 11 हजार रुपए, मामला दर्ज

समाजसेवी चर्मेश शर्मा शंकरलाल बैरवा को हैदराबाद भेजने के प्रयास में जुटे हैं. मजदूर को लेकर रेलवे स्टेशन लेकर पहुचे लेकिन कोटा से हैदराबाद के लिए कोई ट्रेन नहीं होने की बात कह दी गई. ऐसे में निराशा लौटकर वापस बूंदी आ गए और जिला कलेक्ट्रेट की शरण में आकर गुहार लगाई थी.

ये भी पढ़ें: सीएम गहलोत ने राज्यपाल से की मुलाकात, सौंपी 102 विधायकों की सूची

फिलहाल, शंकरलाल को इंतजार है कि जिला प्रशासन किसी तरह से उसे हैदराबाद पहुंचाए ताकि उसका उपचार समय से हो सके. हालांकि, कुछ मदद के लिए मामने आए हैं लेकिन अभी भी शंकर हैदराबाद के लिए रवाना नहीं हो सके हैं. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उनकी आंखों का उपचार होगा और वह अपने परिवार के पास फिर से लौटकर अपनी जिंदगी जी सकेंगे.

बूंदी. जिले के तालेड़ा इलाके में रहने वाले मजदूर शंकर लाल बेरवा की आंखों की रोशनी हर क्षण दम तोड़ती जा रही है. बूंदी, कोटा और नीमच के नेत्र चिकित्सकों ने आंखों की रोशनी बचाने की आखिरी उम्मीद के रूप में शंकर को तुरंत हैदराबाद जाकर इलाज कराने की सलाह दी है. लेकिन मजदूर शंकर पैसे के अभाव की वजह से हैदराबाद जाने में असमर्थ है. ना ही इलाज कराने के लिए रुपए उसके पास पैसे हैं. डॉक्टर ने कहा है कि 7 दिन के अंदर सही उपचार नहीं मिला तो दोनों आंखें खराब हो सकती है. शंकर के पास अब सिर्फ 2 दिन का समय बचा है लेकिन उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली है.

शंकर लाल उपचार के लिए मदद मांग रहे हैं

शनिवार को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में समाजसेवी चर्मेश शर्मा के साथ पीड़ित शंकर लाल बैरवा ने ज्ञापन देते हुए मदद की गुहार लगाई हैय साथ ही जल्द से जल्द हैदराबाद रवाना करवाने की मांग की है. इसके साथ ही शहर के भामाशाहों से अपील की गई है कि वह इस मजदूर की मदद करें ताकि इलाज समय पर करवा सके.

मेरी आंखों को बचा लो साहब-
शंकर लाल बेरवा की कहानी बड़ी ही दर्द भरी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शंकरलाल की आंखें भर आई. शंकर कहते हैं कि मेरी आंखों को बचा लो साहब मेरे तीन छोटे बच्चे हैं. बेलदारी का काम करके अपने परिवार का पेट पालता हूं. एक आंख तो चली गई दूसरी आंख भी नहीं बची तो पूरा परिवार भूखा मर जाएगा. फिलहाल, शंकर की दूसरी संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

ये भी पढ़ें: बूंदीः शादी करवाने के नाम पर सरपंच ने ऐंठे 2 लाख 11 हजार रुपए, मामला दर्ज

समाजसेवी चर्मेश शर्मा शंकरलाल बैरवा को हैदराबाद भेजने के प्रयास में जुटे हैं. मजदूर को लेकर रेलवे स्टेशन लेकर पहुचे लेकिन कोटा से हैदराबाद के लिए कोई ट्रेन नहीं होने की बात कह दी गई. ऐसे में निराशा लौटकर वापस बूंदी आ गए और जिला कलेक्ट्रेट की शरण में आकर गुहार लगाई थी.

ये भी पढ़ें: सीएम गहलोत ने राज्यपाल से की मुलाकात, सौंपी 102 विधायकों की सूची

फिलहाल, शंकरलाल को इंतजार है कि जिला प्रशासन किसी तरह से उसे हैदराबाद पहुंचाए ताकि उसका उपचार समय से हो सके. हालांकि, कुछ मदद के लिए मामने आए हैं लेकिन अभी भी शंकर हैदराबाद के लिए रवाना नहीं हो सके हैं. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उनकी आंखों का उपचार होगा और वह अपने परिवार के पास फिर से लौटकर अपनी जिंदगी जी सकेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.