बूंदी. सवाई माधोपुर का रणथंभोर टाइगर रिजर्व की बाघिन टी 119 को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर में शिफ्ट किया है. इसके लिए लंबे समय से रामगढ़ और रणथंभोर के अधिकारी जुटे हुए थे. जिन्हें आज सफलता मिली है. जिसके बाद बूंदी शिफ्ट किया जा रहा है. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट संजीव शर्मा ने बताया कि रणथंभोर के मानसरोवर गुडा एरिया से टाइग्रेस टी-119 को ट्रेंकुलाइज किया गया था। जिसके बाद पूरी मेडिकल जांच हुई. उसके बाद उसे वाहन में लेकर कोटा लालसोट मेगा हाईवे के जरिए बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए टीम रवाना हुई है. यह टीम रात 8:00 बजे रवाना हुई है, जो देर रात 12:00 से 1:00 बजे के बीच में टाइगर रिजर्व में पहुंच गई है. जहां पर बाघिन रामगढ़ टाइगर विषधारी रिजर्व के बाजल्या एंक्लोजर में शिफ्ट किया जाएगा. यह एंक्लोजर एक हेक्टेयर का है.
उसके बाद टाइग्रेस को गहन निगरानी में रखा जाएग. साथ ही बाद में हार्ड रिलीज रिजर्व के कोर एरिया में शिफ्ट कर दी जाएगी. डीसीएफ संजीव शर्मा का कहना है कि टाइग्रेस टी-119 की उम्र 4 साल है. रणथंभौर के टाइगर टी-57 और टाइग्रेस टी-60 की बेटी हैं. वर्तमान में वह रणथंभौर के मोर डूंगरी इलाके में रह रही थी. इस एरिया में पर्यटकों की आवाजाही नहीं है. बता दें कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व साल 2022 में ही नोटिफाइड हुआ था. एक साल में ही उसे काफी कुछ आबाद कर दिया गया है. इसमें अधिकारियों के साथ-साथ वहां लगे कार्मिकों की मेहनत भी है. वर्तमान में टाइगर उत्तर में दो बाघिन, एक बाघ और तीन शावक मिलाकर छह हो गए है. एक बाघिन को जल्द ही यहां पर शिफ्ट किया जाना है.
अगली शिफ्टिंग में लगेंगे 2 महीने : एनटीसीए और राज्य सरकार से दो टाइग्रेस को रणथंभौर से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट करने की अनुमति मिली थी। जिनमें 1 को कर दिया गया है, वहीं दूसरी टाइग्रेस को शिफ्ट करने के लिए करीब 2 महीने का समय लिया जाएगा. संभवत: अक्टूबर महीने में दूसरी टाइग्रेस को यहां पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए भी काफी प्रयास हम कर रहे है.
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