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जिला कारागार में ह्माकुमारी आश्रम की बहनों ने कैदियों को बांधी राखी...गलत काम छोड़ने का दिलाया संकल्प - bundi district jail news

बूंदी के जिला कारागार में सोमवार को बंद सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर बहन का फर्ज निभाया. साथ ही कैदियों को गलत काम छोड़ने की शपथ दिलाई.

Rakhi tied in jail, जेल में बांधी राखी
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Published : Aug 12, 2019, 10:34 PM IST

बूंदी. जिला कारागार में सोमवार को बंद सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर बहन होने का फर्ज निभाया. वहीं जिला कारागार अधीक्षक राजेश जोशी, ब्रम्हाकुमारी आश्रम की भारती, पिंकी, आशा दाधीच और जेल स्टाफ की उपस्थिति में सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम के सदस्यों ने बुराई छोड़कर नया जीवन जीने की शपथ दिलाई. जिस दौरान कुछ कैदी भावुक भी हो गए.

जिला कारागार में कैदियों को बांधी राखी

पढ़ें- डूडी को लेकर RCA में घमासान शुरू, कांग्रेस के दो 'दिग्गज' आमने-सामने

वहीं कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी आश्रम की भारती ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन का त्यौहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. ऐसा त्योहार भारत के अन्य त्योहारों से कुछ अलग ही दिखता है. जहां कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के साथ-साथ माथे पर चावल केसरिया चंदन का तिलक लगाया जाता है. क्योंकि माथे पर तिलक का जो स्थान है वह आत्मा का स्थान है अक्षत का अर्थ भी अविनाशी है. जिससे चावल के साथ केसर लगाना आत्मा को ज्ञान रंग में रंगने का बोधक है.

बूंदी. जिला कारागार में सोमवार को बंद सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर बहन होने का फर्ज निभाया. वहीं जिला कारागार अधीक्षक राजेश जोशी, ब्रम्हाकुमारी आश्रम की भारती, पिंकी, आशा दाधीच और जेल स्टाफ की उपस्थिति में सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम के सदस्यों ने बुराई छोड़कर नया जीवन जीने की शपथ दिलाई. जिस दौरान कुछ कैदी भावुक भी हो गए.

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वहीं कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी आश्रम की भारती ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन का त्यौहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. ऐसा त्योहार भारत के अन्य त्योहारों से कुछ अलग ही दिखता है. जहां कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के साथ-साथ माथे पर चावल केसरिया चंदन का तिलक लगाया जाता है. क्योंकि माथे पर तिलक का जो स्थान है वह आत्मा का स्थान है अक्षत का अर्थ भी अविनाशी है. जिससे चावल के साथ केसर लगाना आत्मा को ज्ञान रंग में रंगने का बोधक है.

Intro:भाई बहन का पर्व रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया जा रहा है । कैदियों को अपने घर व बहन की कमी नहीं खिले इसके लिए बूंदी ब्रम्हाकुमारी बहने बूंदी जेल पहुंची और कैदियों और राखी के रूप में स्नेह की डोर बांधी। मस्तक पर चंदन का टीका और मुंह पर मिठाई देख भाई बहनों का पर्व साकार हुआ । इस दौरान बहनों ने सभी कैदी भाइयों को आपराधिक प्रवृत्ति छोड़कर नए जीवन की शुरुआत करने का संकल्प भी दिलाया ।


Body:बूंदी जिला कारागार में बंद सभी कैदियों को रक्षा सूत्र बांधकर बहन का फर्ज ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहनों ने निभाया और जिला कारागार में लगभग 200 से अधिक कैदी बंद है जिन्हें ब्रम्हाकुमारी बहनों ने शपथ दिलाई कि वह आज से कोई बुरा काम नहीं करेंगे और बुरी आदतों को छोड़ देंगे यही नहीं उनके लिए रक्षा सूत्र का शगुन और रक्षा करने का सबसे धर्म बताया ।इस अवसर पर जिला कारागार अधीक्षक राजेश जोशी, ब्रम्हाकुमारी भारत, दीदी ,पिंकी दीदी ,आशा दाधीच एवं समस्त जेल स्टाफ की उपस्थिति में सभी कैदी भाइयों को ब्रह्माकुमारी भारती दीदी ने बुराई छोड़कर नए जीवन की शुरुआत करने की शपथ दिलाई। इस दौरान कुछ कैदी दी शपथ लेते हुए भावुक भी हो गए साथ ही किसी को अपनी बहन की भी याद आ गई ।


Conclusion:इस दौरान ब्रह्माकुमारी भारती दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन का त्यौहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा । हर घर में बहने और भाई इस दिन मुंह मीठा करेंगे यदि बहन ओर भाई से अलग किसी दूसरे शहर में रहती होगी तो भी अपने भाई के पास रक्षाबंधन भेजकर अपने पवित्र स्नहे को प्रकट करेगी । सच में से त्योहार भारत के अन्य त्योहारों से कुछ अलग ही न्यारा रहा है । कलाई पर रक्षा बंधन सूत्र बांधने के साथ-साथ माथे पर चावल केसरिया चंदन का तिलक लगाया जाता है क्योंकि माथे पर तिलक का जो स्थान है वह आत्मा का स्थान है अक्षत का अर्थ भी अविनाशी है अतः चावल के साथ कैसर लगाना आत्मा को ज्ञान रंग में रंगने का बोधक है ।

इस अवसर पर ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय के साहित्य उपस्थित कैदियों को वितरित किया गया है । बहनों ने सभी कैदियों को कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया ।ब्रह्मा कुमारी बहनो ने कहा कि कोई भी बुराई जो आपको दुखी करती है उसको अपने जीवन से बहनों को उपहार में देने की खर्ची मांगी तो सभी ने अपने अपने मन में बुराई को याद कर उस बुराई को छोड़ने का संकल्प लिया ।

बाईट -भारती दीदी , ब्रह्माकुमारी बहन
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