बूंदी. जिला कारागार में सोमवार को बंद सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर बहन होने का फर्ज निभाया. वहीं जिला कारागार अधीक्षक राजेश जोशी, ब्रम्हाकुमारी आश्रम की भारती, पिंकी, आशा दाधीच और जेल स्टाफ की उपस्थिति में सभी कैदियों को ब्रह्माकुमारी आश्रम के सदस्यों ने बुराई छोड़कर नया जीवन जीने की शपथ दिलाई. जिस दौरान कुछ कैदी भावुक भी हो गए.
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वहीं कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी आश्रम की भारती ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन का त्यौहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. ऐसा त्योहार भारत के अन्य त्योहारों से कुछ अलग ही दिखता है. जहां कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के साथ-साथ माथे पर चावल केसरिया चंदन का तिलक लगाया जाता है. क्योंकि माथे पर तिलक का जो स्थान है वह आत्मा का स्थान है अक्षत का अर्थ भी अविनाशी है. जिससे चावल के साथ केसर लगाना आत्मा को ज्ञान रंग में रंगने का बोधक है.