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बूंदी में बारिश के साथ गिरे ओले, मावठ से किसानों को फायदा...ओले से हुआ नुकसान - बूंदी किसान

बूंदी में मौसम बदलते ही फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है. जहां जिले के अधिकतर गांव में बारिश होने के साथ ओले गिर रहे हैं. इसके अलावा कुछ इलाकों में बारिश होने से किसानों को फायदा हुआ है, जबकि कई किसानों को नुकसान भी हुआ है. वहीं, पिछले तीन दिनों से बारिश होने से जिले में सर्दी बढ़ गई है.

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बूंदी में बारिश के साथ गिरे ओले
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Published : Jan 4, 2021, 4:01 PM IST

बूंदी. जिले में मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ता जा रहा है. इसके अलावा मावठ होने के साथ जिले में कई स्थानों पर ओले भी गिरे हैं. वहीं, सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे. बादल छाने और बरसात होने से रात के तापमान से गलन बढ़ गई है. हालांकि तेज सर्दी को देखते हुए लोग बचाव के लिए ऊनी कपड़ों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.

बूंदी में बारिश के साथ गिरे ओले

बता दें कि मावठ होती है तो फसलों में फायदा है, लेकिन ओलावृष्टि होती है तो फसलों में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाएगी, ऐसे में किसान भी चिंतित हैं. बूंदी में कई जगहों पर बूंदाबांदी हुई तो कई स्थानों पर मध्यम दर्जे की बरसात हुई है. जिससे सड़कों पर पानी बह रहा है. जानकारी अनुसार बूंदी के नमाना, तालेड़ा, जैतपुर, कालपुरिया में ओले गिरे हैं. वहीं, लाखेरी में देर शाम बारिश के साथ कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई है.

जिन इलाकों में ओले गिरे हैं, वहां की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही जहां केवल बारिश ही हुई है, वहां पर फसलों को फायदा हुआ है. इसके अलावा भावपुरा, नाडी, देवपुरा, कंवरपुरा, बिशनपुरा में बारिश के साथ ओलों गिरने के कारण किसान काफी चिंता में पड़ गए हैं. इन गांवों मे डेढ़ से दो मिनट तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले गिरे हैं. इसी दौरान किसानों ने बताया कि बूंदाबांदी के साथ तेज हवाओं के साथ अचानक ओले गिरने लगे. ओलों से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही किसानों का कहना है कि इंद्रगढ़ शहर और क्षेत्र के गांव में तेज हवा के साथ ओले गिरे हैं और तेज बारिश होने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

पढ़ें: धौलपुर में B.Ed धारी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, राज्य सरकार से REET लेवल फर्स्ट परीक्षा में शामिल करने की कर रहे मांग

क्षेत्र के गांव अरण्या, अमरपुरा, फदकपुरा गांवों में बरसात के साथ ओले गिरने से सरसों और अन्य फसलें आड़ी पड़ गईं हैं. इसके अलावा चाणदा कलां गांव में भी ओले गिरने की सूचना है. साथ ही कंवरपुरा गांव में पेड़ पर बैठे हुए दो मोरों की मौत हो गई है. उधर, जिले में ओलावृष्टि होने के साथ ही बूंदी जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने पटवारियों को निर्देश दिए हैं कि, वह संबंधित ओलावृष्टि क्षेत्रों में जाकर नुकसान का आकलन करें. फिलहाल पिछले एक सप्ताह से बूंदी जिले में मौसम का बिगड़ा रूप सुधरने का नाम नहीं ले रहा है और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के चलते राजस्थान में भी मौसम सर्दी का सितम ढा रहा है.

बूंदी. जिले में मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ता जा रहा है. इसके अलावा मावठ होने के साथ जिले में कई स्थानों पर ओले भी गिरे हैं. वहीं, सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे. बादल छाने और बरसात होने से रात के तापमान से गलन बढ़ गई है. हालांकि तेज सर्दी को देखते हुए लोग बचाव के लिए ऊनी कपड़ों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.

बूंदी में बारिश के साथ गिरे ओले

बता दें कि मावठ होती है तो फसलों में फायदा है, लेकिन ओलावृष्टि होती है तो फसलों में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाएगी, ऐसे में किसान भी चिंतित हैं. बूंदी में कई जगहों पर बूंदाबांदी हुई तो कई स्थानों पर मध्यम दर्जे की बरसात हुई है. जिससे सड़कों पर पानी बह रहा है. जानकारी अनुसार बूंदी के नमाना, तालेड़ा, जैतपुर, कालपुरिया में ओले गिरे हैं. वहीं, लाखेरी में देर शाम बारिश के साथ कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई है.

जिन इलाकों में ओले गिरे हैं, वहां की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही जहां केवल बारिश ही हुई है, वहां पर फसलों को फायदा हुआ है. इसके अलावा भावपुरा, नाडी, देवपुरा, कंवरपुरा, बिशनपुरा में बारिश के साथ ओलों गिरने के कारण किसान काफी चिंता में पड़ गए हैं. इन गांवों मे डेढ़ से दो मिनट तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले गिरे हैं. इसी दौरान किसानों ने बताया कि बूंदाबांदी के साथ तेज हवाओं के साथ अचानक ओले गिरने लगे. ओलों से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. साथ ही किसानों का कहना है कि इंद्रगढ़ शहर और क्षेत्र के गांव में तेज हवा के साथ ओले गिरे हैं और तेज बारिश होने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

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क्षेत्र के गांव अरण्या, अमरपुरा, फदकपुरा गांवों में बरसात के साथ ओले गिरने से सरसों और अन्य फसलें आड़ी पड़ गईं हैं. इसके अलावा चाणदा कलां गांव में भी ओले गिरने की सूचना है. साथ ही कंवरपुरा गांव में पेड़ पर बैठे हुए दो मोरों की मौत हो गई है. उधर, जिले में ओलावृष्टि होने के साथ ही बूंदी जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने पटवारियों को निर्देश दिए हैं कि, वह संबंधित ओलावृष्टि क्षेत्रों में जाकर नुकसान का आकलन करें. फिलहाल पिछले एक सप्ताह से बूंदी जिले में मौसम का बिगड़ा रूप सुधरने का नाम नहीं ले रहा है और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के चलते राजस्थान में भी मौसम सर्दी का सितम ढा रहा है.

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