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कैसा ये सिस्टम: 21 महीने से नहीं मिली मृतक कांस्टेबल परिवार को पेंशन, पीड़ा बताते हुए फूट-फूटकर रोने लगा बेटा

बूंदी में कांस्टेबल गोपाल चंदेल के परिवार को 21 महीनों से एक रुपये की भी पेंशन नहीं मिली है. गोपाल चंदेल राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल थे. जिनकी 6 अप्रैल 2018 को अचानक मौत हो गई. जिसके बाद परिवार ने पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने शुरू किए. लेकिन पेंशन नहीं मिली. गोपाल चंदेल के परिवार में उनकी पत्नी और पांच बच्चे है. परिवार की आर्थिक हालत काफी खराब है.

Bundi constable family, Bundi news
बूंदी कांस्टेबल परिवार को नहीं मिल रही पेंशन
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Published : Jan 9, 2020, 2:43 PM IST

बूंदी. एक पुलिस कांस्टेबल के परिवार की दुख भरी कहानी सामने आने के बाद हर कोई सिस्टम को कोस रहा है. 2 साल पहले सड़क हादसे में अपनी जान गंवा बैठे बूंदी पुलिस के कांस्टेबल गोपाल चंदेल के परिवार को पिछले 21 महीने से पेंशन नहीं मिली है. जिसके चलते उसके परिवार में आर्थिक तंगी आ गई है. अब परिवार ने प्रशासन के सामने उपस्थित होकर गुहार लगाई है और मांग पूरी नहीं होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है.

21 महीने से नहीं मिली मृतक कांस्टेबल परिवार को पेंशन

पढ़ें- दारा एनकाउंटर प्रकरण: पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ सहित 23 के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश

21 महीने से पैसे-पैसे को मोहताज परिवार
बूंदी शहर के गणपति धाम कॉलोनी निवासी राजस्थान पुलिस के पूर्व कर्मचारी गोपाल चंदेल का परिवार पेंशन नहीं मिलने से दाने-दाने को मोहताज हो गया है. सरकारी सिस्टम की लाचारी व पुलिस विभाग से मदद नहीं मिलने के बाद परेशान बेटे ने फेसबुक पर अपने स्वर्गीय पिता के फोटो के साथ दर्दभरी कहानी भी लिखी, लेकिन कोई सुध लेने नहीं पहुंचा.

पेंशन शुरू कराने की एवज में मांगी जा रही घूस
बुधवार को परिवार के लोग खुद जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय व जिला कोषालय कार्यालय पहुंचे. जहां पूर्व कांस्टेबल की पत्नी गीताबाई ने अपने मृत पति की पेंशन शुरू करवाने की मांग की और फूट-फूटकर अधिकारियों के सामने रोने लगी. इतनी ही नहीं इनका बेटा भी अपने आंखों से आंसू नहीं रोक पाया. वहीं पत्नी गीताबाई ने बताया, कि कई बार तो अधिकारियों से पेंशन शुरू कराने के लिए चक्कर काटे, लेकिन लगातार रिश्वत की मांग तक की गई. जिससे थक कर बुधवार को मृतक का पूरा परिवार अपने घर से पैदल पुलिस कांस्टेबल की फोटो लेकर जिला पुलिस अधीक्षक व कोषालय कार्यालय पहुंचा. जहां उन्होंने मृतक की पेंशन फिर से शुरू करवाने की मांग रखी.

पढ़ें- सरकार पहले जवाबदेही तय कर लेती तो आज नहीं बनते यह हालात: राजेंद्र राठौड़

पूरे मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा जानिए..
वहीं जब इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया, कि हमारी तरफ से किसी प्रकार की कोई कागजी कार्रवाई अधूरी नहीं है. हमने पुलिस कांस्टेबल गोपाल चंदेल की मौत होने के बाद सारी कागजी कार्रवाई को यहां से कोषाधिकारी कार्यालय में भिजवा दिया था. हमारे रिकॉर्ड में हमारी लापरवाही नहीं है. लेकिन पेंशन गोपाल चंदेल को मिलेगी या नहीं यह तो सतनाम सिंह भी स्पष्ट रूप से बता नहीं पाए.

बूंदी. एक पुलिस कांस्टेबल के परिवार की दुख भरी कहानी सामने आने के बाद हर कोई सिस्टम को कोस रहा है. 2 साल पहले सड़क हादसे में अपनी जान गंवा बैठे बूंदी पुलिस के कांस्टेबल गोपाल चंदेल के परिवार को पिछले 21 महीने से पेंशन नहीं मिली है. जिसके चलते उसके परिवार में आर्थिक तंगी आ गई है. अब परिवार ने प्रशासन के सामने उपस्थित होकर गुहार लगाई है और मांग पूरी नहीं होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है.

21 महीने से नहीं मिली मृतक कांस्टेबल परिवार को पेंशन

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21 महीने से पैसे-पैसे को मोहताज परिवार
बूंदी शहर के गणपति धाम कॉलोनी निवासी राजस्थान पुलिस के पूर्व कर्मचारी गोपाल चंदेल का परिवार पेंशन नहीं मिलने से दाने-दाने को मोहताज हो गया है. सरकारी सिस्टम की लाचारी व पुलिस विभाग से मदद नहीं मिलने के बाद परेशान बेटे ने फेसबुक पर अपने स्वर्गीय पिता के फोटो के साथ दर्दभरी कहानी भी लिखी, लेकिन कोई सुध लेने नहीं पहुंचा.

पेंशन शुरू कराने की एवज में मांगी जा रही घूस
बुधवार को परिवार के लोग खुद जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय व जिला कोषालय कार्यालय पहुंचे. जहां पूर्व कांस्टेबल की पत्नी गीताबाई ने अपने मृत पति की पेंशन शुरू करवाने की मांग की और फूट-फूटकर अधिकारियों के सामने रोने लगी. इतनी ही नहीं इनका बेटा भी अपने आंखों से आंसू नहीं रोक पाया. वहीं पत्नी गीताबाई ने बताया, कि कई बार तो अधिकारियों से पेंशन शुरू कराने के लिए चक्कर काटे, लेकिन लगातार रिश्वत की मांग तक की गई. जिससे थक कर बुधवार को मृतक का पूरा परिवार अपने घर से पैदल पुलिस कांस्टेबल की फोटो लेकर जिला पुलिस अधीक्षक व कोषालय कार्यालय पहुंचा. जहां उन्होंने मृतक की पेंशन फिर से शुरू करवाने की मांग रखी.

पढ़ें- सरकार पहले जवाबदेही तय कर लेती तो आज नहीं बनते यह हालात: राजेंद्र राठौड़

पूरे मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा जानिए..
वहीं जब इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया, कि हमारी तरफ से किसी प्रकार की कोई कागजी कार्रवाई अधूरी नहीं है. हमने पुलिस कांस्टेबल गोपाल चंदेल की मौत होने के बाद सारी कागजी कार्रवाई को यहां से कोषाधिकारी कार्यालय में भिजवा दिया था. हमारे रिकॉर्ड में हमारी लापरवाही नहीं है. लेकिन पेंशन गोपाल चंदेल को मिलेगी या नहीं यह तो सतनाम सिंह भी स्पष्ट रूप से बता नहीं पाए.

Intro:बूंदी में सरकारी सिस्टम किस तरीके से लापरवाह हो चुका है और राजस्थान सरकार के बड़े-बड़े दावों को ठेंगा दिखा रहा है। राजस्थान सरकार भले ही कहती हो कि हम सभी को पेंशन बराबर दे रहे हैं लेकिन बूंदी में एक पुलिस कांस्टेबल ओर परिवार की दुख भरी कहानी सामने आने के बाद हर कोई सिस्टम को कोस रहा है । जी हां 2 साल पहले सड़क हादसे में अपनी जान गवा बैठे बूंदी पुलिस के कांस्टेबल गोपाल चंदेल को पिछले 21 महीने से पेंशन नहीं मिल पाई है जिसके चलते उसके परिवार में आर्थिक तंगी आ गई है अब परिवार ने प्रशासन के सामने उपस्थित होकर गुहार लगाई है और मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने आत्महत्या की चेतावनी दी है ।


Body:बूंदी - मृत राज्य कर्मचारी के परिवार को 21 महीने तक पेंशन का ₹1 भी नहीं मिले और परिवार में 5 बच्चे और उनकी असहाय मां हो और आय का कोई साधन भी नहीं हो तो उस परिवार की दयनीय स्थिति का अंदाजा सहज ही लिया जा सकता है । बूंदी शहर के गणपति धाम कॉलोनी निवासी राजस्थान पुलिस के पूर्व कर्मचारी गोपाल चंदेल का परिवार 21 माह से सरकार द्वारा पेंशन नहीं मिलने के कारण दहनीय हालत में दाने-दाने को मोहताज हो गया है । सरकारी सिस्टम की लाचारी व पुलिस विभाग से मदद नहीं मिलने से परेशान गोपाल चंदेल के दुखी बच्चों ने सोमवार को दुखी होकर फेसबुक पर अपने स्वर्गीय पिता के फोटो के साथ लिखा है कि "मिस यू पापा हमें भी अपने पास बुला लो '''फेसबुक पर लिखी गई इस भावपूर्ण पोस्ट पर 200 से अधिक लोगों ने लाइक किया है लेकिन कोई सुध लेने नहीं पहुंचा । आज परिवार खुद जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय व जिला कोषालय कार्यालय पहुंचा जहां पर उन्होंने अपने मृत पति की पेंशन शुरू करवाने की मांग की और फूट-फूटकर अधिकारियों के सामने रोने लगे । यहां पर अधिकारियों को अपनी व्यथा सुनाते हुए स्वर्ग गोपाल चंदेल की विधवा धर्मपत्नी गीताबाई फूट-फूट कर रोने लगी अपनी मां को टूटता हुआ देख बच्चे भी अपने आप को नहीं संभाल पाए और उनके बीच आंसू छलक आए। मृत पुलिस कर्मचारी की धर्मपत्नी गीता बाई ने कहा कि 6 अप्रैल 2018 को उनके पति का आकस्मिक निधन हो गया था जिसके बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा । तीन लड़कियां और दो लड़के हैं 21 महीने से परिवार को पालते हुए कर्ज में डूब गए हैं कई बार तो परिवार के साथ आत्महत्या करने का भी विचार तक आ जाता है ।

मृतक की धर्मपत्नी गीताबाई और उनके पुत्र चंचल ने बताया कि पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते उनके पैर थक गए हैं । कई बार जिला कलेक्टर कार्यालय, एसपी ऑफिस, कोटा कोषाधिकारी कार्यालय,बूंदी कोषाधिकारी कार्यालय जा चुके हैं लेकिन पेंशन की फाइल को इधर उधर घुमाया जा रहा है अभी तक ₹1 भी हमें मृत राज्य कर्मचारी का पेंशन का नहीं मिला है और ईटीवी भारत के कैमरे के सामने फूट-फूटकर माता-बेटे रो रो कर गुहार लगा रहे हैं कि पुलिस कांस्टेबल गोपाल चंदेल ने राजस्थान पुलिस में रहकर काफी सराहनीय कार्य किए और हमें उसका नतीजा आज सड़क पर लाकर रख दिया है। 21 महीने तक हमें पेंशन नहीं मिल पा रही है । सिस्टम की लाचारी ऐसी की मृतक पुलिस कांस्टेबल की पत्नी बताती है कि कई बार तो उन से पेंशन शुरू कराने के लिए अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग कर ली गई लेकिन कर्ज में डूबा यह परिवार रिश्वत कैसे दें । आज मृतक का पूरा परिवार अपने घर से पैदल पुलिस कांस्टेबल की फ़ोटो पर माला चढ़ाकर मृतक की पत्नी जिला पुलिस अधीक्षक व कोषा कार्यालय पहुंचा जहां उन्होंने मृतक की पेंशन फिर से शुरू करवाने की मांग की और फूट-फूट कर रोकर पेंशन शुरू करवाने की ।

उधर समाजसेवी चर्मेश शर्मा भी इस मृतक परिवार के साथ एसपी व कोषाधिकारी कार्यालय में साथ में पहुंचे जहां पर उन्होंने भी इस लाचार सिस्टम को जगाने की बात कही और कहा कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि उन्हें पेंशन मिले और लापरवाही किसकी रही इसको लेकर उन्होंने पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की बात कही है ।

उधर ईटीवी भारत ने जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह से इस मामले में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि हमारी तरफ से किसी प्रकार की कोई कागजी कार्यवाही अधूरी नहीं है । हमने जैसे ही पुलिस कांस्टेबल गोपाल चंदेल की मौत होने के बाद सारी कागजी कार्रवाई को यहां से कोषाधिकारी कार्यालय में भिजवा दिया था और क्या कारण रहे यह वही सही हुई गलती हो सकती है हमारे रिकॉर्ड में हमारी लापरवाही नहीं है । लेकिन पेंशन गोपाल चंदेल को मिलेगी या नहीं यह तो सतनाम सिंह भी स्पष्ट रूप से बता नहीं पाए हैं ।



Conclusion:यकीनन सिस्टम किस तरीके से लाचार हो सकता है इसका जीता जागता उदाहरण पुलिसकर्मी गोपाल चंदेल के परिवार ने भुगता है और 21 माह तक उसे पेंशन का ₹1 भी नहीं मिला है जिससे साफ जाहिर होता है कि लापरवाही साफ तौर से अधिकारियों की रही है जिस पुलिस कांस्टेबल ने तन मन से पुलिस में रहकर इस देश की सेवा की आज उसी का ही परिवार पेंशन के लिए दर-दर भटक रहा है जो कि एक शर्मनाक तस्वीर देखी जा सकती है और इसे विडंबना ही कहा जाएगा ।

बाईट - चंचल चंदेल , मृतक का पुत्र
बाईट - गीता बाई , पत्नी
बाईट - चर्मेश शर्मा , समाजसेवी
बाईट - सतनाम सिंह , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक , बूंदी
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