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करोड़ों की मूर्ति चोरी में काम ली गई हथौड़ी से खुला पुजारी का ब्लाइंड मर्डर केस, 3 आरोपी गिरफ्तार - Accused of murder arrested

बूंदी के डोबरा महादेव मंदिर में पुजारी की हत्या और चारभुजा नाथ की मूर्ति चोरी के मामले में पुलिस ने आरोपी तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया (Accused of murder arrested) है. पुलिस का कहना है कि इस मामले की तह तक जाने के लिए किसी तरह का साक्ष्य, चश्मदीद गवाह या सीसीटीवी कैमरा फुटेज नहीं मिला. मौके पर मिले हथौड़ी और छीनी से ही आरोपियों तक पहुंचा गया.

Priest killer arrested by Bundi Police
करोड़ों की मूर्ति चोरी में काम ली गई हथौड़ी से खुला पुजारी का ब्लाइंड मर्डर केस, 3 आरोपी गिरफ्तार
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Published : Jun 10, 2022, 7:32 PM IST

बूंदी. बूंदी के डोबरा महादेव मंदिर के पुजारी की हत्या के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया (Priest killer arrested by Bundi Police) है. तीनों आरोपी बूंदी के ही निवासी हैं और चारभुजा नाथ की मूर्ति को चुराने के उद्देश्य से पहुंचे थे. मूर्ति चुराते समय पुजारी विवेकानंद दीक्षित से चोरों का सामना हो गया और आपसी संघर्ष में उन्होंने पुजारी की नृशंस हत्या कर दी. इस दौरान आरोपियों को भी चोट लगी थी.

पुजारी की हत्या के मामले में कोई गवाह और सबूत पुलिस के पास नहीं था. तकनीकी साक्ष्य में भी पुलिस को कोई क्लू नहीं मिला. ऐसे में पुलिस ने परंपरागत तरीके से ही मौके पर मिली हथौड़ी व छीनी के जरिए घटनाक्रम का खुलासा किया है. एसपी यादव ने कहा कि वारदात ऐसी जगह पर हुई थी, जहां पर कोई मोबाइल टावर भी नहीं था. आसपास सीसीटीवी भी नहीं था. यह बिल्कुल ब्लाइंड हत्याकांड था. कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं था. मौके पर एक हथौड़ी और छीनी मिली थी. जिससे भगवान चारभुजा नाथ की मूर्ति को तोड़कर आरोपी चुरा कर ले गए थे.

पढ़ें: Murder In Bardod: दो दिन पहले हुई युवक की हत्या का खुलासा, इस वजह से गई थी जान

जब छीनी-हथौड़े के खरीद केंद्र के बारे में पड़ताल की, तो सामने आया कि यह बूंदी से ही खरीदी गई. इसके बाद करीब 5 दिनों में 2 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे. इनमें बूंदी, टोंक, अजमेर, सवाई माधोपुर, जयपुर व कोटा जिलों के जांच की है. इसके बाद ही आरोपी चिह्नित हुए हैं. जिसके बाद आरोपियों को अजमेर से पुलिस ने गिरफ्तार किया. घटना की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इसके लिए गठित की गई. जिसमें 9 थानों के एसएचओ और डीएसटी और साइबर सेल की टीम भी शामिल थी.

पढ़ें: मर्डर केस का खुलासा: शराब के लिए पैसे नहीं देने पर कर दी थी साथी युवक की हत्या...दो आरोपी गिरफ्तार

रैकी भी करने मंदिर गए थे : एसपी जय यादव ने बताया कि 19 वर्षीय सोनू महावर, 20 वर्षीय बादल मेघवाल और लोकेश श्रृंगी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों से मूर्ति बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं. एसपी को उम्मीद है कि आरोपियों ने पहले भी वारदातों को अंजाम दिया हो सकता है. ऐसे में अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सकता है. इनकी गैंग में अन्य आरोपियों के मामले में भी पड़ताल होगी. इस पूरे मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर आरोपियों को जल्द सजा दिलाई जाएगी.

पढ़ें: बारावरदा के व्यापारी के साथ तीसरी लूट की वारदात, पुलिस अब तक एक का भी नहीं कर पाई खुलासा

पुजारी ने ही बताया था करोड़ों की है मूर्ति: पुलिस का कहना है कि आरोपी कुछ दिन पहले भी ऐसे ही मंदिर में गए थे. जहां पुजारी से उनकी बात हुई थी. इसमें पुजारी ने बताया था कि यह ऐतिहासिक मंदिर है और यह चारभुजा नाथ की मूर्ति भी करोड़ों रुपए की है. आरोपियों ने इसके बाद ही मूर्ति चुराने की योजना बना ली और मंदिर की रैकी भी की थी. बता दें कि घटना के समय आरोपियों की पुजारी से भिड़ंत हो गई थी. इसमें इनके भी चोट लगी. आरोपियों ने पुजारी पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. पुजारी की लाश को छुपाने के लिए उन्होंने भरसक प्रयास किया था, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए. इसके बाद बाइक से फरार हो गए. आरोपियों का कहना है कि उन्होंने मूर्ति कहीं छुपा दी है, जहां से बरामदगी के प्रयास किए जाएंगे.

बूंदी. बूंदी के डोबरा महादेव मंदिर के पुजारी की हत्या के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया (Priest killer arrested by Bundi Police) है. तीनों आरोपी बूंदी के ही निवासी हैं और चारभुजा नाथ की मूर्ति को चुराने के उद्देश्य से पहुंचे थे. मूर्ति चुराते समय पुजारी विवेकानंद दीक्षित से चोरों का सामना हो गया और आपसी संघर्ष में उन्होंने पुजारी की नृशंस हत्या कर दी. इस दौरान आरोपियों को भी चोट लगी थी.

पुजारी की हत्या के मामले में कोई गवाह और सबूत पुलिस के पास नहीं था. तकनीकी साक्ष्य में भी पुलिस को कोई क्लू नहीं मिला. ऐसे में पुलिस ने परंपरागत तरीके से ही मौके पर मिली हथौड़ी व छीनी के जरिए घटनाक्रम का खुलासा किया है. एसपी यादव ने कहा कि वारदात ऐसी जगह पर हुई थी, जहां पर कोई मोबाइल टावर भी नहीं था. आसपास सीसीटीवी भी नहीं था. यह बिल्कुल ब्लाइंड हत्याकांड था. कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं था. मौके पर एक हथौड़ी और छीनी मिली थी. जिससे भगवान चारभुजा नाथ की मूर्ति को तोड़कर आरोपी चुरा कर ले गए थे.

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जब छीनी-हथौड़े के खरीद केंद्र के बारे में पड़ताल की, तो सामने आया कि यह बूंदी से ही खरीदी गई. इसके बाद करीब 5 दिनों में 2 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे. इनमें बूंदी, टोंक, अजमेर, सवाई माधोपुर, जयपुर व कोटा जिलों के जांच की है. इसके बाद ही आरोपी चिह्नित हुए हैं. जिसके बाद आरोपियों को अजमेर से पुलिस ने गिरफ्तार किया. घटना की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इसके लिए गठित की गई. जिसमें 9 थानों के एसएचओ और डीएसटी और साइबर सेल की टीम भी शामिल थी.

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रैकी भी करने मंदिर गए थे : एसपी जय यादव ने बताया कि 19 वर्षीय सोनू महावर, 20 वर्षीय बादल मेघवाल और लोकेश श्रृंगी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों से मूर्ति बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं. एसपी को उम्मीद है कि आरोपियों ने पहले भी वारदातों को अंजाम दिया हो सकता है. ऐसे में अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सकता है. इनकी गैंग में अन्य आरोपियों के मामले में भी पड़ताल होगी. इस पूरे मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर आरोपियों को जल्द सजा दिलाई जाएगी.

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पुजारी ने ही बताया था करोड़ों की है मूर्ति: पुलिस का कहना है कि आरोपी कुछ दिन पहले भी ऐसे ही मंदिर में गए थे. जहां पुजारी से उनकी बात हुई थी. इसमें पुजारी ने बताया था कि यह ऐतिहासिक मंदिर है और यह चारभुजा नाथ की मूर्ति भी करोड़ों रुपए की है. आरोपियों ने इसके बाद ही मूर्ति चुराने की योजना बना ली और मंदिर की रैकी भी की थी. बता दें कि घटना के समय आरोपियों की पुजारी से भिड़ंत हो गई थी. इसमें इनके भी चोट लगी. आरोपियों ने पुजारी पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. पुजारी की लाश को छुपाने के लिए उन्होंने भरसक प्रयास किया था, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए. इसके बाद बाइक से फरार हो गए. आरोपियों का कहना है कि उन्होंने मूर्ति कहीं छुपा दी है, जहां से बरामदगी के प्रयास किए जाएंगे.

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