बूंदी. जिले में सोमवार से पोस्ट कोविड केयर सेंटर का शुभारंभ किया गया है. यहां मरीजों को आयुर्वेदिक योग, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी पद्धति से विशेष उपचार मिलेगा और कोरोना काल के दौरान बूंदी वासियों के लिए एक बड़ी सौगात कही जा सकती है.
बूंदी के देवपुरा स्थित राजकीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र में पोस्ट कोविड आयुष केयर सेंटर का आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारद्वाज, जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने शुभारंभ किया. प्रभारी डॉ. सुनील कुशवाह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को एक ही छत के नीचे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी पद्धति से विशेष उपचार मिलेगा.
जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमणकाल में आयुर्वेद विभाग की प्रभावी भूमिका देखते हुए हर जिला मुख्यालय पर आयुष पोस्ट कोविड सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया गया है. इन सेंटरों में केवल पोस्ट कोविड रोगियों/कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों में मिल रहे लक्षणों जैसे मानसिक दौर्बल्यता, कमजोरी, श्वास, गले में खराश, अवसाद, अनिद्रा, अपच आदि उपद्रवों का आयुष पैथियों के जरिए विशेष उपचार किया जाएगा.
वर्तमान में बूंदी आयुर्वेदिक अस्पताल में पंचकर्म सहित राजस्थान सरकार की कोरोना काल को लेकर चलाई जा रही योजनाओं का कार्य किया जा रहा है. अब राजस्थान में आज से पोस्ट कोविड़ सेंटर शुभारंभ कर दिए गए हैं अब यहां पर कोरोना से नेगेटिव हुई मरीजों और पॉजिटिव मरीजों का उपचार संभव हो पाएगा, क्योंकि आईसीएमआर ने भी आयुर्वेदिक प्रगति को कोरोना से लड़ने के लिए सही बताया है और आयुर्वेदिक प्रणाली को उपयोग में लेने के लिए हरी झंडी भी दी है उसी के बाद पोस्ट कोविड़ सेंटर राजस्थान सरकार की ओर से हर जिले में खोले जा रहे हैं.
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बूंदी आयुर्वेदिक विभाग की ओर से कोरोना काल में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा, अश्वगंधा सहित कई प्रकार की जड़ी बूटियों युक्त औषधियों का निशुल्क वितरण किया गया था और बिना गाइडलाइन के बूंदी आयुर्वेदिक विभाग ने ये कार्य किया. बाद में अंतिम चरण में आईसीएमआर ने आयुर्वेदिक विभाग की इस प्रणाली को हरी झंडी देने के बाद पूरे प्रदेश भर में बूंदी आयुर्वेदिक विभाग के इस मॉडल को सराहा गया और प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक अस्पताल में बूंदी मॉडल लागू करने के आदेश जारी किए गए. उसी को देखते हुए पूरे राजस्थान में आयुर्वेदिक का दबदबा अब बढ़ने जा रहा है.