बूंदी. जिले के डाबी इलाके में दो पैंथर, दो शावक, तीन मवेशी और तीन नेवले की मौत का मामला सामने आया है. सभी की मौत हाई टेंशन लाइन के टूटे हुए तार से फैल रहे करंट की चपेट में आने के चलते हुई है. हादसा एक-दो दिन पुराना बताया जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी मंगलवार शाम को वन विभाग को मिली. जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और सभी के शव को कब्जे में लेकर डाबी रेंज लाया गया, जहां पर बुधवार को पोस्टमार्टम की कार्रवाई होगी.
वन विभाग डाबी रेंज के रेंजर संजय शर्मा का कहना है कि यह हादसा डसालिया (ए) वन खंड के घने जंगल में हुआ है. मौका स्थल पर 11 केवी की हाई टेंशन लाइन जमीन पर पड़ी हुई थी और इसी की चपेट में आकर वन्य जीव और मवेशी भी मृत अवस्था में मिले हैं. संभवत: सबसे पहले मवेशी इस करंट की चपेट में आए थे और इन्हें खाने के लिए ही मादा पैंथर और उसके साथ दो शावक भी वहां पर पहुंची थीं. कुछ मवेशियों को वन्य जीवों ने खा भी लिया था. ऐसे में लग रहा है कि इस दौरान करंट उनके शरीर में प्रवाहित हो गया और उनकी भी मौके पर मौत हो गई. इसके बाद उनकी तलाश में पहुंचे नर पैंथर की भी इसी तरह से मौत हो गई. वहीं, शवों को खाने के लिए पहुंचे नेवलों की भी करंट की चपेट से ही मौत हुई है.
पढ़ें : उदयपुर के गर्ल्स हॉस्टल में घुसा पैंथर, 12 घंटे बाद खत्म हुई दहशत
सघन जंगल में हुआ हादसा : रेंजर संजय शर्मा का कहना है कि यह सड़क से करीब 10 किलोमीटर अंदर सघन जंगल में हादसा हुआ है. हादसा भी एक-दो दिन पुराना लग रहा है, साथ ही करंट भी लगातार प्रवाहित हो रहा था, क्योंकि आसपास बड़ी संख्या में घास जली हुई थी. शवों की स्थिति को देखकर लग रहा है कि एक-दो दिन पहले ही यह हादसा हुआ है. जिस जगह पर हादसा हुआ है, वहां पर वाहन ले जाना संभव नहीं था. यहां तक कि दोपहिया वाहन भी नहीं जाता है. इस समय पैदल ही मौका स्थल तक हम पहुंचे हैं. संभवत: पैंथर व मादा की उम्र 2 से 3 साल लग रही है, जबकि शावक 3 से 4 महीने के लग रहे हैं. पूरी उम्र का सही आकलन पोस्टमार्टम में ही साफ हो पाएगा.
मवेशियों को खोजते हुए पहुंचे थे लोग : रेंजर शर्मा का कहना है कि जिन लोगों के गायों की मौत हुई है, वही उन्हें खोजते हुए वहां तक पहुंचे थे और उन्हीं लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी. हमने जाने के पहले इस लाइन से करंट का प्रवाह बंद करवाया था. बड़ी मुश्किल से बुधवार रात को वन्य जीव के शव को लेकर डाबी रेंज आए हैं, जहां पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. इस दौरान पुलिस-प्रशासन के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे. इसके बाद अंतिम संस्कार कराया जाएगा. इस संबंध में उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई है.
लाइन टूटने की नहीं मिली बिजली विभाग को जानकारी : जिस 11 केवी की लाइन से हादसा हुआ है, यह डाबी से बड़फू तक है. हालांकि, 2 दिन इसके लाइन टूटने की जानकारी भी बिजली विभाग को नहीं मिली. इसमें उनकी भी लापरवाही रही है. इस पर जेवीवीएनएल के कनिष्ठ अभियंता प्रतीक शर्मा का कहना है कि इंसुलेटर टूटने से चार नीचे गिर गई थी. इसकी जब हमें जानकारी मिली तब हमने लाइन बंद करवा दी. डाबी रेंजर शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने बिजली विभाग से यह पूछा, तब उन्होंने जानकारी दी कि थ्री फेज की लाइन है. जहां यह जा रही है, वहां पर सिंगल फेज की मोटर ही ज्यादातर चलती है. इसलिए किसी ने शिकायत भी नहीं की, इसलिए जानकारी नहीं मिली.