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बूंदीः केशवरायपाटन में ओवरफ्लो हुई नहर तो भर गए खेत, ग्रामीणों में दिखा आक्रोश - बूंदी की खबर

मालिकपुरा इलाके से होकर गुजर रही नहर में मंगलवार रात जलप्रवाह बढ़ने से ओवरफ्लो हो गई. जिससे सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल में पानी भर गया. किसान डीजल इंजन लगाकर दिनभर पानी निकालने में जुटे रहे.

केशवरायपाटन की खबर, News of Keshavaraipatan
केशवरायपाटन में ओवरफ्लो हुई नहर तो भर गए खेत
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Published : Jan 6, 2021, 2:30 PM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). मालिकपुरा इलाके से होकर गुजर रही नहर में मंगलवार रात जलप्रवाह बढ़ने से ओवरफ्लो हो गई. जिसका खामियाजा सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल को भुगतना पड़ा. सारी फसल जलमग्न हो गई. फसलों में भरी पानी को किसानों ने डीजल इंजन के सहारे खेतों से बाहर निकाला. इस घटना के बाद किसानों ने सीएडी प्रशासन की अनदेखी पर भी रोष जताया.

केशवरायपाटन में ओवरफ्लो हुई नहर तो भर गए खेत

कापरेन ब्रांच कि मालिकपुरा डिस्ट्रिब्यूटरी में रघुनाथपुरा गांव में मंगलवार को ओवरफ्लों होने से पानी आसपास के खेतों में भर गया. जानकारी मुताबिक पिछले दो दिनों से हुई बरसात के चलते किसानों ने नहरी पानी का उपयोग बंद कर दिया था. इससे नहर का जलस्तर बढ़ गया और रात में ओवरफ्लो होकर आसपास के खेतों में भर गया.

पढ़ेंः स्कूल प्राध्यापक भर्ती- 2018 में अनारक्षित श्रेणी से काटी 14 फीसदी सीट वापस जोड़ने की मांग

सुबह जैसे ही खेतो में पानी भरने की खबर किसानों को लगी तो खेतों की ओर दौड़े और डीजल इंजन लगाकर दिनभर पानी निकालने में जुटे रहे. किसानों ने बताया कि सीएडी विभाग अगर ढंग से मॉनिटरिंग कर लेता तो काश्तकारों को अतिरिक्त खर्चे से बचाया जा सकता था, लेकिन सीएडी के अधिकारी दफ्तरों के बाहर तक नहीं निकलते जिससे वह मॉनिटिरिंग नहीं की.

केशवरायपाटन (बूंदी). मालिकपुरा इलाके से होकर गुजर रही नहर में मंगलवार रात जलप्रवाह बढ़ने से ओवरफ्लो हो गई. जिसका खामियाजा सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल को भुगतना पड़ा. सारी फसल जलमग्न हो गई. फसलों में भरी पानी को किसानों ने डीजल इंजन के सहारे खेतों से बाहर निकाला. इस घटना के बाद किसानों ने सीएडी प्रशासन की अनदेखी पर भी रोष जताया.

केशवरायपाटन में ओवरफ्लो हुई नहर तो भर गए खेत

कापरेन ब्रांच कि मालिकपुरा डिस्ट्रिब्यूटरी में रघुनाथपुरा गांव में मंगलवार को ओवरफ्लों होने से पानी आसपास के खेतों में भर गया. जानकारी मुताबिक पिछले दो दिनों से हुई बरसात के चलते किसानों ने नहरी पानी का उपयोग बंद कर दिया था. इससे नहर का जलस्तर बढ़ गया और रात में ओवरफ्लो होकर आसपास के खेतों में भर गया.

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सुबह जैसे ही खेतो में पानी भरने की खबर किसानों को लगी तो खेतों की ओर दौड़े और डीजल इंजन लगाकर दिनभर पानी निकालने में जुटे रहे. किसानों ने बताया कि सीएडी विभाग अगर ढंग से मॉनिटरिंग कर लेता तो काश्तकारों को अतिरिक्त खर्चे से बचाया जा सकता था, लेकिन सीएडी के अधिकारी दफ्तरों के बाहर तक नहीं निकलते जिससे वह मॉनिटिरिंग नहीं की.

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