बूंदी. आयुर्वेद विभाग की पोस्ट कोविड मैनेजमेंट वर्चुअल कार्यशाला सभी संभागीय मुख्यालयों पर आयोजित हुई. इसमें शासन सचिव राजेश शर्मा और निदेशक सीमा शर्मा सहित सभी संभागीय अतिरिक्त निदेशक और कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 चिकित्सक शामिल रहे.
कार्यशाला के बाद अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारद्वाज ने बताया कि हर जिला मुख्यालय पर शीघ्र ही आयुर्वेद पोस्ट कोविड मैनेजमेंट सेंटर बनेंगे. हर संभाग में एक माॅडल पोस्ट कोविड मैनेजमेंट सेंटर बनेगा, जो कोटा संभाग के बूंदी जिला चिकित्सालय में स्थापित होगा. माॅडल सेंटर पर सभी जिलों के चिकित्सक ट्रेनिंग लेंगे. पोस्ट कोविड लक्षणों जैसे कि न्यूरोलोजिकल डिसआर्डर, साइकोलॉजिकल डिसआर्डर, लंग डिजीज, दौर्बल्यता आदि पर विशेष फोकस करते हुए योग, प्राणायाम के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा कैंद्रों को काउंसलिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा.
इन सेंटरों और प्रत्येक औषधालय पर विशेष औषधियां जैसे गिलोय, घनवटी, आयुष 64, कंस हरित की, अणु तेल और काढ़ा उपलब्ध कराई जाएगी. जिला चिकित्सालय बूंदी के पीएमओ डॉ. सुनील कुशवाह ने चिकित्सालय के माॅडल के तौर पर चयन पर खुशी जताते हुए कहा है कि हम अपने अनुभवों को पूरे राजस्थान के साथ साझा करते हुए और बेहतर काम करने के प्रयास जारी रखेंगे.
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बता दें कि कोरोना काल के दौरान बूंदी के आयुर्वेदिक विभाग ने अपने विवेक से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता काढ़ा, अश्व गंधा सहित कई चीजों को निशुल्क आम जनों को वितरित किया था. बाद में आयुर्वेद विभाग की इस कार्यशैली को स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरी झंडी देने के बाद कार्य को सराहा गया था और इस मॉडल को पूरे प्रदेश भर में लागू करने की बात कही थी. ऐसा मॉडल राजस्थान के सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों में बूंदी का मॉडल लागू करने के आदेश जारी हो गए हैं. साथ में कोविड- 19 मैनेजमेंट सेंटर बूंदी बनने जा रहा है.