बूंदी. जिले में कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर 50 लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज नर्सिंग कर्मचारियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि अस्पतालों में जितने भी कोरोना वॉरियर्स की कोरोना के चपेट आने से मौत हुई है, उन सभी कोरोना वॉरियर्स को सरकार द्वारा घोषित किया गया मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार को भी नौकरी दी जाए.
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नर्सिंग कर्मचारियों ने इस दौरान जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. इस पर बूंदी जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की जानकारी उन्हें है और जल्द ही सरकारी मुआवजा उन्हें दिया जाएगा. नियम के अनुसार अगर परिवार के सदस्यों को नौकरी मिल रही होगी तो वो भी दी जाएगी. कर्मचारियों को उन्होंने आश्वस्त किया कि कोरोना संक्रमण के दौरान किसी की भी मौत होती है तो उसे सरकार की योजना के तहत मुआवजे से वंचित नहीं रखा जाएगा. उसे मुआवजा पूरा दिया जाएगा, जिससे वो निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी निभा सके.
गौरतलब है पूरे देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कई कोरोना वॉरियर्स की जान भी जा चुकी है. बूंदी में भी कोरोना मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बूंदी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. ऐसे में अब कोरोना से कर्मचारियों की मौत भी होने लगी है.
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बूंदी अस्पताल में एक कर्मचारी की कोरोना संक्रमण के चपेट में आने से मौत हो चुकी है. हालांकि वो संविदा कर्मचारी थे, लेकिन कोरोना वॉरियर्स के रूप में कार्य कर रहे थे. ऐसे में बूंदी जिला प्रशासन ने सरकार द्वारा घोषित किए गए मुआवजे की कोई पहल नहीं की, जिससे अस्पताल के कर्मचारी में नाराजगी है. मुआवजे को लेकर कोरोना वॉरियर्स सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. वहीं, प्रशासन को चाहिए कि जब कोरोना वॉरियर्स की कोरोना से चपेट में आने से मौत हो रही है तो नियमों के तहत फौरन मुआवजा दिया जाए, जिससे उनका हौसला ना टूटे.