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अगले 56 वर्षों तक 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा मकर संक्रांति का पर्व

इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इतना ही नहीं अब अगले 56 वर्षों तक यह पर्व 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा. विद्वान कर्मकांड साधक पंडित संदीप चतुर्वेदी से जानिए क्यों हुआ तिथि में बदलाव...

मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 13, 2024, 9:51 PM IST

बूंदी. ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इस चलते अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी. इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन और बढ़ जाएगी. यानी सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा. इस बार सूर्य की राशि का परिवर्तन 9:13 पर हो रहा है. इसके साथ ही खरमास या मलमास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे. इस बार व्यतिपात योग शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र में सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

जाने-अनजाने में हुए पाप का क्षय: विद्वान कर्मकांड साधक पंडित संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है. कर्मकांड साधक पंडित संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन साधारण नदी भी गंगा के समान पवित्र हो जाती है. इस दिन स्नान ध्यान करके कंबल, घृत, तिल, लड्डू, छाता, जूते-चप्पल, वस्त्रदान का विशेष महत्व है. मोक्ष और अक्षय फल की प्राप्ति होती है. जाने-अनजाने में हुए पाप का क्षय हो जाता है.

पढ़ें. इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए क्यों हुआ तिथि में परिवर्तन

72 वर्षों में बदलती है तारीख : पंडित संदीप चतुर्वेदी के अनुसार हर वर्ष सूर्य के राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है. इस प्रकार तीन वर्षों में यह अंतर 1 घंटे का हो जाता है और 72 वर्षों में 24 घंटे का अंतर आ जाता है. सूर्य और चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं. यह पीछे नहीं चलते हैं, इसलिए एक दिन बढ़ जाता है. इसके अनुसार 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे. हालांकि, 6 वर्षों तक सूर्य का राशि परिवर्तन प्रातः काल में होने से पूर्व काल मानकर 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती थी.

इसके पहले सूर्य का राशि परिवर्तन संध्या काल में होता था, इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मानना मान्य था. हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा. उनकी राशि परिवर्तन हमेशा प्रातः काल में ही होगी. साल 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी, जबकि 1864 से 1936 तक 13 जनवरी को और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जा रही थी. ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी. इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन और बढ़ जाएगी. यानी सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा.

बूंदी. ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इस चलते अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी. इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन और बढ़ जाएगी. यानी सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा. इस बार सूर्य की राशि का परिवर्तन 9:13 पर हो रहा है. इसके साथ ही खरमास या मलमास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे. इस बार व्यतिपात योग शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र में सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

जाने-अनजाने में हुए पाप का क्षय: विद्वान कर्मकांड साधक पंडित संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है. कर्मकांड साधक पंडित संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन साधारण नदी भी गंगा के समान पवित्र हो जाती है. इस दिन स्नान ध्यान करके कंबल, घृत, तिल, लड्डू, छाता, जूते-चप्पल, वस्त्रदान का विशेष महत्व है. मोक्ष और अक्षय फल की प्राप्ति होती है. जाने-अनजाने में हुए पाप का क्षय हो जाता है.

पढ़ें. इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए क्यों हुआ तिथि में परिवर्तन

72 वर्षों में बदलती है तारीख : पंडित संदीप चतुर्वेदी के अनुसार हर वर्ष सूर्य के राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है. इस प्रकार तीन वर्षों में यह अंतर 1 घंटे का हो जाता है और 72 वर्षों में 24 घंटे का अंतर आ जाता है. सूर्य और चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं. यह पीछे नहीं चलते हैं, इसलिए एक दिन बढ़ जाता है. इसके अनुसार 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे. हालांकि, 6 वर्षों तक सूर्य का राशि परिवर्तन प्रातः काल में होने से पूर्व काल मानकर 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती थी.

इसके पहले सूर्य का राशि परिवर्तन संध्या काल में होता था, इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मानना मान्य था. हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा. उनकी राशि परिवर्तन हमेशा प्रातः काल में ही होगी. साल 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी, जबकि 1864 से 1936 तक 13 जनवरी को और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जा रही थी. ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी. इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन और बढ़ जाएगी. यानी सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा.

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