बूंदी. देश में कोरोना वायरस की शुरुआत फरवरी माह के अंत में हुई और देखते ही देखते हिंदुस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. ऐसे में मार्च महीने में कोरोना वायरस का ग्राफ बढ़ता देख केंद्र सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का ऐलान किया. इसी बीच राजस्थान सरकार ने 31 मार्च तक के लिए पूरे राज्य को लॉकडाउन कर दिया, लेकिन फिर भी कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं रुक सका. इसी बीच बूंदी जिले में कोरोना वायरस के एक भी केस नहीं आया. जिसने पूरे देश में एक अनूठी मिसाल पेश की.
72 दिनों तक नहीं मिला एक भी मरीज
जहां एक ओर कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, उधर बूंदी जिले में एक भी कोरोना वायरस के केस नहीं था. आखिरकार प्रशासन ने ऐसी कौन सी सख्ती बरती, जिससे बूंदी में एक भी केस नहीं आया? और केस नहीं आने के चलते बूंदी मॉडल पूरे प्रदेश में सराहा जाने लगा. करीब 72 दिन के अधिक समय तक लॉकडाउन लगा रहा, इस दौरान एक भी कोरोना वायरस का मरीज सामने नहीं आया. लेकिन अब बूंदी में कोरोना वायरस का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है.
ऐसे में बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए बूंदी प्रशासन ने एक बार फिर लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है. यह सब तब हुआ, जब प्रशासनिक अधिकारी और आमजन इसमें लापरवाही बरत रहे थे और उन्होंने कोरोना का खौफ नहीं समझा. स्थिति यह आ गई कि आज बूंदी के हर कोने में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल चुका है. शहर में कम्युनिटी स्प्रेड हो गया है. जिसके चलते प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए हैं और प्रशासन के लिए अब कोरोना रोकने के लिए लॉकडाउन लगाना जरूरी हो गया है.
डेली अप-डाउन ने बढ़ाया संक्रमण
जिस समय बूंदी में एक भी कोरोना वायरस का केस नहीं था, तब जिले के आसपास के क्षेत्र कोरोना वायरस से जूझ रहे थे. वहां लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा था. ऐसे में लॉक डाउन के सीमाएं सीज होने के चलते दूसरे जिलों से कोई भी संक्रमित मरीज बूंदी में प्रवेश नहीं कर सका. लेकिन जब लॉकडाउन खुला तो लोगों ने और प्रशासनिक अधिकारियों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी.
यह भी पढ़ें : चूरू में एक साथ 36 नए पॉजिटिव, सरकारी दफ्तरों के कार्मिकों के लिए जा रहे सैंपल
प्रशासन ने साफ तौर से सभी कर्मचारियों को आदेशित किया था कि वह संक्रमित इलाके से डेली अप-डाउन नहीं करें. लेकिन अधिकारी नहीं माने और अपने कर्मचारियों को उन्होंने डेली अप डाउन करने दिया. नतीजा यह निकला जिले के सरकारी दफ्तर में काम करना जनता को भारी पड़ गया. करीब 4 ऐसे सरकारी दफ्तर हैं, जिनकी वजह से जिले भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया और आज संख्या 122 तक पहुंच चुकी है.
शहर के जिला परिवहन कार्यालय के करीब 20 कर्मचारी ऐसे हैं. जो कोरोना वायरस से संक्रमित है. इनसे कई लोग शहर के संक्रमित हुए हैं. इसी तरह जिला अस्पताल के एक दर्जन स्टॉप पर भी ऐसे हैं. जो इसी तरह संक्रमित हुए हैं. यही नहीं जिला बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए निजी कर्मचारी ऐसे हैं जो डेली अप डाउन किया करते थे और वह पॉजिटिव आने के साथ ही उनके संपर्क में आने वाले बूंदी शहर के लोग पॉजिटिव आते चले गए और यह कड़ी 100 के पार पहुंच गई. अगर प्रशासन समय पर इन अप डाउन करने वाले कर्मचारियों को रोकता, तो शायद बूंदी में एक भी कोरोना वायरस का मरीज सामने नहीं आता.
जिला कलेक्टर ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
जिस समय बूंदी में एक भी कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया था, उस समय तत्कालीन आईएएस अंतर सिंह नेहरा बूंदी जिला कलेक्टर थे. उनकी कार्यप्रणाली के कारण यहां एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया था. कलेक्टर की अथक मेहनत का ही नतीजा था कि देशभर में बूंदी मॉडल की चर्चा होने लगी. वहीं उनका तबादला जयपुर कर दिया गया, तो व्यवस्थाएं भी बदल गई.
नए जिला कलेक्टर आए और उन्होंने व्यवस्थाओं को संभाला तब तक कर्मचारियों ने वापस से संक्रमित इलाकों से डेली अप डाउन करना शुरू कर दिया. फिर क्या था कलेक्टर के जॉइनिंग करने के साथ ही संक्रमण का बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया और देखते ही देखते जुलाई माह के अंदर ही 100 मरीज कोरोना के हो गए और आज भी संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस लापरवाही में प्रशासनिक लापरवाही तो रही सही साथ में आमजन ने भी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी.
बूंदी में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता देख जिले में फिर से 7 दिन का लॉकडाउन लगा दिया गया है. आज यानी 28 जुलाई लॉकडाउन का पहला दिन भी है. ऐसे में प्रशासन ने लोगों से घर में रहने की अपील की है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर शहर में संक्रमण की कड़ी को तोड़ना है, तो लॉकडाउन की गंभीरता से पालन करना होगा और घरों में ही रहकर 7 दिन तक इसकी कड़ी को तोड़ना होगा.
- पुलिस घर-घर जाकर लोगों को दे रही हिदायत
- गली-मोहल्लों में सैनिटाइजर का किया जा रहा छिड़काव
- बाजार की दुकानों पर लगा ताला
- हर जगह पुलिस ने कर रखी है नाकेबंदी
- किराने की दुकानें भी नहीं खुलेंगी, डेयरियां सुबह-शाम तीन-तीन घंटे खुलेंगी
- ईद और राखी पर भी असर, फल-सब्जी भी गली मोहल्लों में ही बिकेगी
अभी तक जिले में इतने केस
बूंदी में मंगलवार तक 122 केस कोरोना वायरस के हैं और इनसे संपर्क में आने वाले करीब 600 लोगों की अभी भी कोरोना रिपोर्ट आना बाकी है. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो इन लोगों में से कई लोग संक्रमित निकलेंगे. उसी को देखते हुए प्रशासन ने लॉकडाउन लगाया गया है.
यह भी पढ़ें : जोधपुर में मिले 134 नए कोरोना मरीज, एक की हुई मौत, 30 जुलाई से बदलेगा कर्फ्यू का समय
लॉकडाउन लगने के साथ ही शहर के हर कोने में प्रशासन द्वारा जीरो मोबिलिटी घोषित कर दी गई है और शहर में नगर परिषद की दमकले शहर के संक्रमित इलाकों में फुव्वारे से सैनिटाइजर का छिड़काव कर रही है, ताकि कहीं पर कोरोना वायरस का अंश पड़ा हो तो वह सैनिटाइजर के साथ ही नष्ट हो जाए. बूंदी में अब तक 9 हजार लोगों की कोरोना वायरस की सैंपलिंग की जा चुकी है जिसमें 8500 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.