बूंदी. अपनी मां और भाभी के हत्या के 3 साल पुराने मामले में बूंदी की एससी-एसटी कोर्ट (Bundi SC ST court order) ने गुरुवार को आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. आरोपी सुखलाल गुर्जर ने 11 जुलाई 2019 को अपनी मां और भाभी पर लोहे के सरिए से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. अनुसूचित जाति जनजाति प्रकरण न्यायालय बूंदी ने गुरुवार को 3 साल पुराने दोहरे हत्याकांड के मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी को सजा सुनाई है.
आरोपी पर न्यायालय ने 20 हजार रुपए का भी जुर्माना लगाया है. आरोपी ने अपनी मां और भाभी दोनों की हत्या की थी. घटनाक्रम के बाद से ही आरोपी जेल में बंद था. इस नृसंश हत्या के मामले में की आरोपी को जमानत का लाभ भी नहीं मिला था.
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मामले के अनुसार नमाना थाना इलाके के सालरिया गांव निवासी फरियादी धर्मराज गुर्जर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी जिसमें बताया कि उसका भाई सुखलाल ने उसकी पत्नी बिसरीबाई के साथ 1 साल पहले मारपीट की थी और भाग गया था. इसके बाद वह घर पर भी नहीं आता था. 11 जुलाई 2019 को वह सुबह आया और मां हीराबाई और पत्नी बिसरीबाई पर सरिया से हमला कर दिया. घटना में दोनों की मौत हो गई. इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने सुखलाल को गिरफ्तार कर लिया. बूंदी एसपी के निर्देश पर केस ऑफिसर स्कीम के तहत इस मामले की जांच कर चालान पेश कर दिया गया.
एससी-एसटी कोर्ट बूंदी के विशिष्ट लोक अभियोजक राजेंद्र कुमार जैन ने बताया कि चालान पेश होने के बाद इस मामले में न्यायालय में सुनवाई जारी थी. मामले में 24 गवाह और 38 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए थे जिनके आधार पर ही गुरुवार को एससी एसटी कोर्ट की न्यायाधीश रेखा वाधवा ने फैसला सुनाते हुए आरोपी सुखलाल गुर्जर को धारा 302 में अपनी मां और भाभी की हत्या के जुर्म का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.