बूंदी. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुक्रवार को शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं यह आयोजन मातृशक्ति को समर्पित किया गया. मुख्य समारोह में 'मां की पाती बेटी के नाम' पुस्तक का विमोचन किया गया.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार पहुंचे. समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर रुक्मणी ने कहा कि महिलाएं परिवार को संवारने, उसे दिशा देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. लेकिन वह परिवार को चलाने के साथ-साथ अपने सपनों को भी जिंदा रखे. बेटियों को मान देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से किसी भी तरह कम नहीं हैं.
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वहीं उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपने माता-पिता की एक संतान है. अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है और माता-पिता का नाम रोशन किया हैं. इस तरह सभी मां-बाप अपनी बेटियों को उनके सपने में रंग भरने दे.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर रुक्मणी रियार ने जिला अस्पताल परिसर में स्थित पुराना जनाना अस्पताल भवन में वन स्टॉप सेंटर सखी को जिले की महिलाओं को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि एक छत के नीचे महिलाओं की समस्याओं के समाधान की यह पहल केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत बूंदी में शुरू की गई है.
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इस केंद्र में महिला अपनी किसी भी तरह की समस्या लेकर आ सकती हैं. समस्याओं के अनुसार महिलाओं को चिकित्सालय विधि और आवश्यकता के अनुसार अन्य आवश्यक और आश्रय देने की व्यवस्था की गई हैं. जिला कलक्टर ने वन स्टॉप सेंटर के उद्घाटन अवसर पर कहा कि यह केंद्र महिलाओं के लिए एक सम्बल बनेगा. कोई भी महिला बेहिचक यहां आकर अपनी समस्या बता सकेंगी.