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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर बूंदी में 'मां की पाती बेटी के नाम' पुस्तक का विमोचन - bundi news

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बूंदी जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. जहां पर मां की पाती बेटी के नाम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं बूंदी जिला कलेक्टर ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बूंदी को एक वन स्टॉप सेंटर सखी की सौगात दी.

International Girl's Day, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
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Published : Oct 11, 2019, 10:31 PM IST

बूंदी. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुक्रवार को शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं यह आयोजन मातृशक्ति को समर्पित किया गया. मुख्य समारोह में 'मां की पाती बेटी के नाम' पुस्तक का विमोचन किया गया.

'मां की पाती बेटी' के नाम पुस्तक का किया गया विमोचन

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार पहुंचे. समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर रुक्मणी ने कहा कि महिलाएं परिवार को संवारने, उसे दिशा देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. लेकिन वह परिवार को चलाने के साथ-साथ अपने सपनों को भी जिंदा रखे. बेटियों को मान देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से किसी भी तरह कम नहीं हैं.

पढ़े: जयपुर : स्पा सेंटर की आड़ में चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़, 5 युवतियों समेत 2 संचालक गिरफ्तार

वहीं उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपने माता-पिता की एक संतान है. अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है और माता-पिता का नाम रोशन किया हैं. इस तरह सभी मां-बाप अपनी बेटियों को उनके सपने में रंग भरने दे.

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर रुक्मणी रियार ने जिला अस्पताल परिसर में स्थित पुराना जनाना अस्पताल भवन में वन स्टॉप सेंटर सखी को जिले की महिलाओं को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि एक छत के नीचे महिलाओं की समस्याओं के समाधान की यह पहल केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत बूंदी में शुरू की गई है.

पढ़े: कर्मचारी आंदोलन नहीं करेंगे तो मजा नहीं आएगाः परिवहन मंत्री

इस केंद्र में महिला अपनी किसी भी तरह की समस्या लेकर आ सकती हैं. समस्याओं के अनुसार महिलाओं को चिकित्सालय विधि और आवश्यकता के अनुसार अन्य आवश्यक और आश्रय देने की व्यवस्था की गई हैं. जिला कलक्टर ने वन स्टॉप सेंटर के उद्घाटन अवसर पर कहा कि यह केंद्र महिलाओं के लिए एक सम्बल बनेगा. कोई भी महिला बेहिचक यहां आकर अपनी समस्या बता सकेंगी.

बूंदी. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुक्रवार को शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं यह आयोजन मातृशक्ति को समर्पित किया गया. मुख्य समारोह में 'मां की पाती बेटी के नाम' पुस्तक का विमोचन किया गया.

'मां की पाती बेटी' के नाम पुस्तक का किया गया विमोचन

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार पहुंचे. समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर रुक्मणी ने कहा कि महिलाएं परिवार को संवारने, उसे दिशा देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. लेकिन वह परिवार को चलाने के साथ-साथ अपने सपनों को भी जिंदा रखे. बेटियों को मान देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से किसी भी तरह कम नहीं हैं.

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वहीं उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपने माता-पिता की एक संतान है. अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है और माता-पिता का नाम रोशन किया हैं. इस तरह सभी मां-बाप अपनी बेटियों को उनके सपने में रंग भरने दे.

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर रुक्मणी रियार ने जिला अस्पताल परिसर में स्थित पुराना जनाना अस्पताल भवन में वन स्टॉप सेंटर सखी को जिले की महिलाओं को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि एक छत के नीचे महिलाओं की समस्याओं के समाधान की यह पहल केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत बूंदी में शुरू की गई है.

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इस केंद्र में महिला अपनी किसी भी तरह की समस्या लेकर आ सकती हैं. समस्याओं के अनुसार महिलाओं को चिकित्सालय विधि और आवश्यकता के अनुसार अन्य आवश्यक और आश्रय देने की व्यवस्था की गई हैं. जिला कलक्टर ने वन स्टॉप सेंटर के उद्घाटन अवसर पर कहा कि यह केंद्र महिलाओं के लिए एक सम्बल बनेगा. कोई भी महिला बेहिचक यहां आकर अपनी समस्या बता सकेंगी.

Intro:अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बूंदी जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जहां पर मां की ममता , मां की पाती बेटी के नाम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । कहीं ना कहीं छोटीकाशी बूंदी बेटियों को मनोबल और उनको बढ़ावा देती हुई नजर आई । वही बूंदी जिला कलेक्टर ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बूंदी को एक वन स्टॉप सेंटर सखी की सौगात दी है । यहां पर चिकित्सा सुविधा के साथ साथ महिलाओ एवं बालिकाओ को परामर्श दिया जाएगा ।


Body:बूंदी । अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस शुक्रवार को यहां विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया जाकर मातृशक्ति को समर्पित किया गया। इस दिवस का खास आकर्षण का मुख्य समारोह जिसमें जिला प्रशासन के नवाचार ..मा की पाती बेटी के नाम ...पुस्तक का विमोचन इसमें प्रकाशित पत्र की लेखिका देश के विभिन्न हिस्सों से आई माताओं की मौजूदगी में किया गया । जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार के मुख्य अतिथि में समारोह में शामिल सरश्रेष्ट पत्रों की लेखिकाओं को पुरस्कार से नवाजा गया ।

समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर रुक्मणी ने कहा कि महिलाएं परिवार को संवारने , उसे दिशा देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है लेकिन वह परिवार को चलाने के साथ-साथ अपने सपनों को जिंदा रखे। बेटियों को मान देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से किसी भी तरह कम नहीं है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपने माता-पिता की एक संतान है अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है और माता-पिता का नाम रोशन किया है और उनके बुढ़ापे का सहारा वह बनेगी । इस तरह सभी मां बाप बेटियों को उनके सपने में रंग भरने दे ओर ऊँचाई पर जाएगी ।जिला कलेक्टर ने पत्र लेखन विद्या के लुप्त होने के इस दौर में पत्र लेखन की इस प्रतियोगिताओं की सहरानीय बताया है। इस परिपेक्ष में मां की पाती बेटी के नाम प्रतियोगिता के माध्यम से पत्र लेखन की प्रतियोगिता कराई गई जिसमें महिलाएं और उन्हीं के संगम का नाजरा देखा गया ।


Conclusion:यही नहीं अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर रुक्मणी रियार ने जिला अस्पताल परिसर में स्थित पुराना जनाना अस्पताल भवन में वन स्टॉप सेंटर सखी को जिले की महिलाओं को समर्पित किया हुआ है । एक छत के नीचे महिलाओं की समस्याओं के समाधान की यह पहल केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत बूंदी में शुरू हुई है। इस केंद्र में महिला बालिका अपनी किसी भी तरह की समस्या लेकर आ सकती है यह परामर्श दाताओं समस्या सुनकर उन्हें परामर्श देंगे । समस्याओं के अनुसार महिलाओं को चिकित्सालय विधि तथा आवश्यकता अनुसार अन्य आवश्यक तथा आश्रय देने की व्यवस्था की गई है । जिला कलक्टर ने वन स्टॉप सेंटर के उद्घाटन अवसर पर कहा कि यह केंद्र महिलाओं के लिए एक सम्बल बनेगा । कोई भी महिला बेहिचक यहां आकर अपनी समस्या बता सकेगी । पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस अधीक्षक कार्यालय परिसर में पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता की शुरुआत की गई । दीवार पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पेंटिंग पेंटिंग लगाई गई ।

बाईट - रुक्मणी रियार , जिला कलेक्टर ,बूंदी
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